बरसीम : रबी मौसम की महत्वपूर्ण चारा फसल
Modern Kheti - Hindi|1st December 2022
दुधारू पशु को उसके शरीर के भार का 2.5 से 3.5 प्रतिशत भोजन की आवश्यकता होती है।
डॉ. मोनिका ज्योति कुजूर, डॉ. श्री कृष्ण बिलैया
बरसीम : रबी मौसम की महत्वपूर्ण चारा फसल

दूसरे शब्दों में, एक भैंस को 30 किलोग्राम और गाय को 25 किलोग्राम प्रतिदिन भोजन की आवश्यकता होती है, जिसमें दाना राशन या कंसंट्रेट भी शामिल है। इसमें 60 प्रतिशत गीला और 40 प्रतिशत सूखा चारा हो। कुल हरे-गीले चारे में से 25 प्रतिशत दलहनी प्रजातियों से और 75 प्रतिशत घास से हो। हरा चारा अधिक होने पर भी सूखा चारा जरूरी है। केवल हरा चारा खिलाने से पशु की वृद्धि और दूध की उपज और गुणवत्ता प्रभावित होती है। धान के पुआल (पैरा) को सूखे चारे के रूप में प्रयोग न करें। इसमें ऑक्सालिक एसिड की मात्रा जानवर के शरीर से कैल्शियम को खत्म कर देगी। दलहनी फसलों में 15 से 21 प्रतिशत प्रोटीन पाया जाता है जिसके खिलाने से पशुओं के दूध उत्पादन में बढ़ोतरी होती है।

बरसीम: बरसीम पशुओं को पौष्टिक आहार प्रदान करने वाली महत्वपूर्ण हरे चारे वाली फसल है। इसकी खेती रबी ऋतु में पूर्ण सिंचित अवस्था में की जाती है इसके पौधे की बढ़वार काफी तेज होती है। दलहनी फसल होने के कारण इसकी खेती करने से भूमि की गुणवत्ता में सुधार आता है। बरसीम को खिलाने से पशुओं के दूध उत्पादन में बढ़ोतरी होती है। अधिक उत्पादन होने पर हरा चारा को 'हे' अथवा साइलेज बनाते है, जो चारे की कमी होने के समय उत्तम पशु आहार होता है।

भूमि का चुनाव:

• दोमट मिट्टी और जिन मिट्टियों में जल धारण क्षमता अच्छी होती है। बरसीम सफलतापूर्वक उगाई जा सकती है।

हल्की भूमि में इस फसल को अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है।

खेत की तैयारी

एक या दो बार जुताई कर मिट्टी को भुरभुरा बना लें और पाटा लगाकर भूमि को समतल करें।

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