सरकारी स्तर पर इस ओमीक्रोन का सामना करने के लिए काफी तैयारियां कर ली गई हैं, लेकिन इसी बीच एक बड़ी समस्या सामने आई है, वह है कोविड से मुक्ति पाने के बाद आने वाली शारीरिक और मानसिक परेशानियों की, जिसे डॉक्टरों की भाषा में 'एक्यूट पोस्ट कोविड सिंड्रोम' और 'पोस्ट में : कोविड सिन्ड्रोम' की संज्ञा दी गई है।
एक्यूट पोस्ट कोविड एवं पोस्ट कोविंड सिन्ड्रोम
कोरोना वायरस सबसे पहले हमारे श्वसन तंत्र अर्थात् फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन इसके साथ ही यह किडनी, लीवर, हृदय और रक्त वाहिनी नालिकाओं को भी प्रभावित करता है। चाहे मरीज घर पर रहकर ठीक हुआ या हॉस्पिटल जाकर, पर कोरोना से मुक्ति पाने के बाद तीन से छह माह की अवधि तक 50 से 70 प्रतिशत मरीज मामूली या गंभीर लक्षणों का सामना कर सकते हैं। अगर 4 सप्ताह से अधिक समय तक ये लक्षण बने रहें, तो इसे 'एक्यूट पोस्ट कोविड सिंड्रोम' कहा जाता है और अगर 12 महीने बाद भी बने रहे तो इसे 'पोस्ट कोविड सिंड्रोम' कहा जा सकता है।
'पोस्ट कोविड सिन्ड्रोम' का मतलब है कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज का नेगेटिव हो जाने के बाद भी कई दिनों या महीनों तक उससे जुड़े लक्षणों या दुष्प्रभावों का अनुभव करना।
सामान्य लक्षण
कई मरीजों में नसों में सुन्नपन, अवसाद, भूलने की बीमारी, जैसे सामान्य लक्षण देखे जा रहे हैं। इसके अलावा कमजोरी, थकान, सांस लेने में दिक्कत, घबराहट, ज्यादा पसीना आना, जोड़ों व मांसपेशियों में दर्द, स्वाद या गंध महसूस ना होना, नींद ना आना, डिप्रेशन और व्यर्थ की चिंता, जैसे लक्षण भी सामने आते हैं।
कुछ गंभीर लक्षण
फेफड़ों पर प्रभावः म्यूकस मेंन नाक, मुंह, आंखों और गुदा द्वार पर झिल्ली की तरह एक संरचना होती है, जिससे यह कोरोना वायरस, जिसे डॉक्टरों की भाषा में सार्स ओबी-2 वायरस कहते हैं, शरीर में प्रवेश करता है लेकिन इसका सबसे अधिक सहज प्रवेश फेफड़ों के द्वारा होता है। इससे फेफड़ों में सूजन आ जाती है, निमोनिया के लक्षण नजर आने लगते हैं, सांस लेने में तकलीफ होती है और कुछ हिस्से फेफड़ों के काम करना बंद कर देते हैं और लगातार सूखी खांसी आती है।
हृदय पर प्रभावः यह वायरस हृदय की कोशिकाओं को खत्म कर देता है, इसके भी प्रमाण मिले हैं। साथ ही मायोकार्डिटिस यानी हृदय की मांसपेशियों में सूजन आने की संभावना भी कई मरीजों में विकसित हो जाती है, परिणामस्वरूप कई मरीजों को हार्टअटैक और हाई बीपी अटैक भी परेशान कर रहे हैं।
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