जब कुरुक्षेत्र में सभी शंख फूंक दिये गये, तो अर्जुन ज्ञान का जिज्ञासु' के रूप में जागा। ज्ञान के स्वरूप, भगवान श्री कृष्ण ने जो कुछ भी हो रहा था, उस पर निष्पक्ष द्रष्टा के रूप में दृष्टि डाली।
अर्जुन विषाद योग
ब्रह्मांड चेतना की एक शानदार अभिव्यक्ति है। यहां जो कुछ भी आप देख रहे हैं, वह और कुछ नहीं है, बल्कि चेतना की अपनी संपूर्ण कांति के साथ अभिव्यक्ति है। हर वस्तु की रचना आपको यह याद दिलाने के लिये है कि जिस चेतना ने वस्तु का निर्माण किया है वह इस अस्तित्व का आधार है और वह कांतिपूर्ण है। भारत तेजस्विता का प्रतीक है। महाभारत का अर्थ है 'महा तेज'। महा तेज एक गीत के रूप में झलकता है, जिसमें एक लय है। और यह गीत है : भगवद् गीता।
भगवद् गीता का अर्थ है : दिव्य गान । जब युद्ध होता है, तो कोई गा नहीं सकता है। युद्ध का सीधा अर्थ होता है वैमनस्य । संगीत सामंजस्य का प्रतीक है। युद्ध के मैदान पर ज्ञान दूर-दूर तक दिखाई नहीं देता। जबकि, ज्ञान वहाँ सबसे अधिक आवश्यक है। वहाँ ज्ञान आवश्यक है, परंतु इस ज्ञान को, किसी महल या किसी निश्चल, शांत स्थल की अपेक्षा युद्ध के मध्य लाना, ईश्वर का ही तेज है। सामंजस्य को वहाँ लाना, जहाँ इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है, ईश्वरीय प्रतिभा ही है। युद्ध के मैदान में आत्मा के विषय में बोलना और गाना किसी चमत्कार से कम नहीं है! और ऐसा होना केवल ईश्वर की अभिव्यक्ति ही हो सकती है। जो युद्ध के मैदान में जीवन के ज्ञान को सामने लाता है, सत्य को स्पष्ट करता है, वह अनन्त स्वरूप है।
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देवी की अनंत ज्योति
धर्मशाला से करीब ५० किलोमीटर दूर हिमाचल के शिवालिक की गोद में ज्वाला जीष्कांगड़ा जगह उपस्थित है। ज्वाला जी या ज्वालामुखी ऐसे ही अनूठे स्थानों में से एक हैं, जहां आग की लपटें जलती हुई रहती है , कहा से यह ज्ञात नहीं है जिस समय से यह जाना जाता है । नौ लपटें जवरात्रिके नौ देवी के रूप को दर्शाती हैं। ये लपटें सदियों से जल रही हैं, बिना रोके एवम बिना किसी ईधन के -देवी की शाश्वत ज्वाला।
अन्नपूर्णा पूर्णता से पूर्णता की ओर
एक बार कैलाश पर्वत पर पार्वती जी ने शिवजी को पासों का खेल खेलने के लिए आमंत्रित किया। जैसे एक पिता अपने बच्चे को खुश करने के लिए उसके साथ खेलता है, शिवजी मुस्कुराए और तैयार हो गए।
क्या आप जानते है
क्या आप जानते है
जब देवी ने अनंत का अनावरण किया
जब देवी ने अनंत का अनावरण किया
नवरात्रि-अपने भीतर जाने के लिये ९-दिवसीय यात्रा
नवरात्रि हमारी आत्मा को उन्नत करने के लिये मनाये जाते हैं। यह हमारी आत्मा ही है, जो सभी नकारात्मक गुणों (जड़ता, अभिमान, जुनून, राग, द्वेष आदि) को नष्ट कर सकती है। नवरात्रि के दौरान भीतर की ओर मुड़कर और आत्मा से जुड़कर, हम इन नकारात्मक प्रवृत्तियों को दूर कर सकते हैं और हमारे भीतर मौजूद सकारात्मक गुणों का आह्वान कर सकते हैं । इस प्रकार, हम उन्नत और पांतरित अनुभव कर सकते हैं।
भगवद् गीता-दिव्य गान
ब्रह्मांड चेतना की एक शानदार अभिव्यक्ति है। यहां जो कुछ भी आप देख रहे हैं, वह और कुछ नहीं है, बल्कि चेतना की अपनी संपूर्ण कांति के साथ अभिव्यक्ति है। अपनेपन का बोध, जिस की अनुभूति हर वस्तु और हर जीव को होती है, कुछ और नहीं बल्कि उस ‘संपूर्ण' का एक भाग है। गीता इसी से शुरू होती है ...
व्रत का विज्ञान
लोग व्रत क्यों रखते हैं? इसे धर्म में क्यों रखा गया है क्या यह तप है या क्या इसके कुछ लाभ हैं ?
कोविड 19 से बचाव के लिए रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं
योग को, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के प्रभावी एवं प्राकृतिक तरीके के रूप में जान जाता है। एक व्यवहारिक चिकित्सा जर्नल के हाल ही में प्रकाशित शोध पत्र में बताया गया कि योग आपकी रोग प्रतिरोधक प्रणाली को बढ़ाने और शरीर में प्रदाह को कम करने में सहायक हो सकता है।
ऑनलाइन शिक्षा में अभिभावकों की भूमिका
मातापिता अपने बच्चों की शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। माना जाता है कि अभिभावकविद्यालय की साझेदारी का इस महामारी के समय में बहुत महत्व है।
अध्यापन और प्रशिक्षण के रहस्य
दुनिया शिक्षकों से भरी है। सृष्टि का हर पहलू हमें कुछ सिखा सकता है। हमें बस अच्छे छात्र बनना है।
Part 2 - Where History Intersects With Myth
Ashwin Sanghi is an Indian author in the intersecting genre of mythology, fiction and thriller. In this second part of his interview with Rudy Singh, he speaks about mythology, history, his approach to writing and his upcoming books. Ashwin continues the conversation from where he left off.
Krishna, Krishna, Krishna!
Laxmi Nair has found Krishna in everything—even Shiva!
जीने की राह श्रीमद्भगवद्गीता
निस्संदेह श्रीमद्भगवद्गीता भारतीय संस्कृति की आधारशिला है। मैं समझता हूँ, लोकप्रियता में इससे बढ़कर कोई दूसरा ग्रंथ नहीं और मैं पिछले पचास वर्षों से निरंतर देख रहा हूँ कि इस दिव्य पुस्तक की लोकप्रियता आधुनिक विज्ञानवादी समाज में दिन-प्रति -दिन बढ़ती ही जा रही है। गीता के उपदेशों को समझने के बाद सभी ने खुले मन से इस दिव्य पुस्तक को स्वीकृत किया है, अतः मैं यह बहुत जिम्मेदारी से कह सकता हूँ कि श्रीमद्भगवद्गीता किसी संप्रदाय विशेष का ग्रंथ न होकर सभी का ग्रंथ है। मेरा अटूट विश्वास है कि
प्राचीन भारत में स्वर्ण बनाने की कला!
प्राचीन भारत में रसायन विज्ञान में काफी उन्नति कर ली गई थी। ऋषि-मुनियों ने रसायन विज्ञान में कई तथ्यों को खोज निकाला था।
Amish Does 'Self-Help'
The author’s new book is, at best, an advertisement for his oeuvre
योगी ने अखिलेश यादव के परिवार की तुलना महाभारत के पात्रों से की
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर उनके परिवार की तुलना महाभारत के पात्रों से करते हये कहा कि महाभारत के ये वही पात्र हैं जिन्होंने महाभारत करके भारत की प्रगति को पूरी तरह बाधित किये थे, उसी तरह उन इन लोगों ने फिर से जन्म लेकर प्रदेश के विकास को बाधित किया।
कैसा हो आपका व्यवहार ?
ये आत्मा दुर्बल लोगों को नहीं मिलता ।
महाभारत और सौंदर्यशास्त्र की चरम अनुभूति
यथार्थ का अतिक्रमण : प्राचीन और आधुनिक आख्यानों का अंतर
Bhagavad Gita - The Song Of The Divine
The universe is a brilliant expression of Consciousness. All that you see here is nothing but an expression of the Divine, in all its radiance. The sense of belongingness that everything and everyone experiences, is nothing but a part of the whole. The Gita begins with this...
शिखंडी अंबा के प्रतिशोध की गाथा
काशी नरेश द्वारा आयोजित अपनी तीन बेटियों के स्वयंवर-स्थल में से उनका हरण करने पर उनकी सबसे बड़ी बेटी अंबा अपने हरणकर्ता भीष्म के विरुद्ध परशुराम से युद्ध का कारण बनी।