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महापुरुषों का संकेत - सावधान रहो, अपनी महान संस्कृति से देश को मत भटकाओ!
हमारे मनीषियों के अनुसार विवाह या शादी अनियंत्रित भोग भोगकर शक्ति का ह्रास करने के लिए नहीं वरन् संयम-सदाचार से रहते हुए अपने ओज-तेज, बल-बुद्धि की रक्षा करते जीवन को भगवद्रस से शाद-आबाद करने हेतु है। दुर्भाग्यवश अपनी संस्कृति की महानता से अनभिज्ञ कुछ भारतीय पाश्चात्यों की नकल करते हुए लिव-इन-रिलेशनशिप (स्वैच्छिक सहवास) जैसी कुप्रथाओं का शिकार हो रहे हैं।
करें रामजी के आदर्श चरित्र का अमृतपान
अयोध्या में श्रीराम मंदिर उद्घाटन के अवसर पर
प्रतिदिन हो रही हैं ९ लाख गोहत्याएँ वैज्ञानिकों ने उजागर किये गोहत्या के घातक परिणाम
‘ग्लोबल चेंज डाटा लैब' के ऑनलाइन प्रकाशन के अनुसार 'वैश्विक स्तर पर हर रोज लगभग ९ लाख गायों की हत्या होती है।' यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
आत्मसाक्षात्कार दिवस पर बही जनहित की गंगा निकलीं कीर्तन यात्राएँ, हुए अनेकानेक सेवाकार्य
१६ अक्टूबर को देश-विदेश में पूज्य बापूजी का आत्मसाक्षात्कार दिवस बड़ी श्रद्धा-भक्ति से मनाया गया।
भक्ति, मुक्ति, शांति व सफलता देनेवाला व्रत
सफला एकादशी : ७ जनवरी पर विशेष
आत्मा को किससे प्रमाणित करोगे?
यदि देह में आकर आत्मा कर्ता-भोक्ता, पापी-पुण्यात्मा, सुखी-दुःखी वास्तव में हो जाय तब तो मुक्त होने की उम्मीद छोड़ दो।
ठान ले और उससे हटे नहीं तो...
बालक गंगाराम लाहौर के सरकारी विद्यालय में पढ़ता था। आर्थिक कठिनाइयों के कारण वह कोई नौकरी करना चाहता था। उसके पिता एक अंग्रेज एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (कार्यपालक अभियंता) के यहाँ नौकरी करते थे।
मिला गुरुवर का सहारा, बदली चिंतन-धारा
ईश्वरप्राप्ति के पथिकों के जीवन में कभी-कभी ऐसा भी देखा जाता है कि शुभ कर्मों में संलग्न रहने पर भी उनके मन में प्रतिकूल विचार आ जाते हैं।
तुलसी का यह चमत्कार देख वैज्ञानिक रह गये हैरान!
तुलसी के अद्भुत गुण देखकर आज के विज्ञानी हैरान हैं।
इधर पीपल कटा, उधर बेटा मरा
(एक सत्य घटना पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत से)
एकादशी की उत्पत्ति कैसे हुई?
भारतीय संस्कृति में इहलोक और परलोक-दोनों को सँवारने के लिए शास्त्रोक्त विधि से व्रत-उपवास करने की बड़ी सुंदर व्यवस्था है। ९ दिसम्बर को पुण्यप्रद उत्पत्ति एकादशी है। आइये जानते हैं उसका माहात्म्य एवं कथा पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत से :
औषधीय गुणों से भरपूर गाजर व उसके पुष्टिदायी व्यंजन
गाजर सुपाच्य, स्वास्थ्यप्रद व औषधीय गुणों से सम्पन्न है। 'भावप्रकाश निघंटु' के अनुसार यह मधुर तथा तिक्त रस युक्त, तीक्ष्ण, उष्ण व भूख बढ़ानेवाली है। यह रक्त व कांति वर्धक, कृमिनाशक, कफ को निकालनेवाली व वात को दूर करनेवाली है। इसमें विटामिन 'ए', 'बी', 'सी', 'डी', प्रोटीन्स, कार्बोहाइड्रेट्स, फॉस्फोरस, लौह तत्त्व, रेशे (fibres) आदि पाये जाते हैं। यह रोगप्रतिकारक शक्ति (immunity) बढ़ाती है व विटामिन ‘ए’ की प्रचुरता होने से नेत्रज्योति की वृद्धि करती है।
वैज्ञानिक भी मानते हैं 'प्रार्थना और पूजा से मिलती है मन को शांति'
'मेरी जीवनयात्रा का हिस्सा-विज्ञान और आध्यात्मिकता की खोज' : एस. सोमनाथ, इसरो प्रमुख
राष्ट्र-निर्माण के लिए सरकार को इसका संज्ञान लेना चाहिए
२४ अगस्त २०२३ को कथा- प्रवक्ता एवं विश्व वैदिक धर्म संघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री मानस किंकरजी ने एक भेंटवार्ता में कहा कि \"आशाराम\" बापूजी को जिस प्रकार से कारावास दिया गया यह बड़ा चिंतनीय विषय है, अत्यंत दुःखद है।
धर्मांतरण-प्रभावित डांग क्षेत्र में वैदिक विवाह-संस्कार कार्यक्रम
खबरें दूरदराज की
बरसी गुरु की कृपा, बदली जीवन-दशा
१९९४ से पूज्य बापूजी के सत्संग-सान्निध्य का लाभ पाते रहे अमेरिका निवासी प्रवीण पटेल कहते हैं :
समस्याओं व बंधनों से हँसते-हँसते छुड़ा देगा यह ग्रंथ
श्रीमद्भगवद्गीता जयंती : २२ दिसम्बर
धरती पर के २ अमूल्य वरदान : संत और गाय
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी आश्रम, इससे जुड़े संगठनों एवं साधकों द्वारा आश्रम की गौशालाओं सहित अन्य अनेक स्थानों पर गौपूजन, गौ-सेवा द्वारा मनाया जायेगा गोपाष्टमी पर्व (२० नवम्बर)। इस अवसर पर आइये जानते हैं गौ माता का महत्त्व समझाती पूज्य बापूजी के श्रीमुख से निःसृत प्रेरक कथा :
मंत्र-विज्ञान के चमत्कार
योगी अरविंदजी पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में
सर्वहितकारी विचार बने स्वतःस्फूर्त वैश्विक क्रांति के प्रेरक
इजराइल-फिलीस्तीन के इलाके में शुरू हुई में जंग आज देश-दुनिया में सुर्खियों में बनी हुई है।
अत्यंत पवित्र एवं परम उपयोगी गाय
[गोपाष्टमी (२० नवम्बर) पर विशेष]
यमयातना से मुक्ति एवं स्वर्ग व मोक्ष दायक व्रत
पापांकुशा-पाशांकुशा एकादशी : २५ अक्टूबर
आनंदस्वरूप आत्मा अपने पास है फिर भी दुःखी क्यों?
भगवान शिवजी पार्वतीजी से कहते हैं :
संसार का मोह कैसे मिटे?
किसी भक्त ने स्वामी अखंडानंदजी से पूछा : \"महाराजजी! हम संसार का मोह कैसे मिटायें? बहुत कोशिश करने पर भी मोह नहीं मिटता। कोई मार्ग बताने की कृपा कीजिये।\"
बालक नामदेव की सर्वात्मभावना
(संत नामदेवजी जयंती : २६ अक्टूबर)
जन्मों तक भटकाती भोगासक्ति
किसी अच्छे घराने के कुटुम्ब ने किन्हीं पहुँचे हुए आत्मज्ञानी संतपुरुष को अपना ५-७ साल का बच्चा समर्पित कर दिया।
चिंता चिता समान
(वर्तमान के तनावग्रस्त वातावरण में ये आम उद्गार हैं कि 'हमें कुटुम्ब की, समाज की, इसकी-उसकी चिंता करनी चाहिए।' लेकिन समस्याएँ हैं कि बढ़ती ही जा रही हैं। ऐसा क्यों? इस बारे में विवेक जागृत करती पूज्य बापूजी के मुखारविंद से निःसृत एक प्रेरक कथा:)
विवेक कीजिये
भगवान श्रीरामचन्द्रजी के वनवास के बाद उनका राज्याभिषेक हुआ कुछ दिन बीते न बीते कौसल्या सुमित्रा और कैकेयी–तीनों माताओं ने विचार-विमर्श करके रामजी को कहा : “पुत्र! रामराज्य तो हो गया, हमने राजमाताएँ होकर जी भी लिया है। अब वत्स! हमें अपने आत्मकल्याण के लिए वन भेजने की व्यवस्था करो।\"
...तो आपका व्यवहार साधनामय हो जायेगा
मंगलमय संदेश
दैवी चिकित्सा व गुरुकृपा का अद्भुत परिणाम
२०१७ में मुझे लीवर सिरोसिस की बीमारी हुई। उपचार चला किंतु तकलीफ पूरी तरह ठीक नहीं हुई।