आप किसी ऐसे व्यक्ति से शादी नहीं कर सकते जिस के साथ आप रह न सकें,जबकि, आप किसी ऐसे व्यक्ति से शादी कर सकते हैं जिस के बिना आप रह न सकें.' 70-80 के दशक के मशहूर अमेरिकी मनोविज्ञानी और लेखक जेम्स सी डाबसन के इस विचार को समझना उतना ही मुश्किल या आसान है जितना कि प्यार को समझना होता है. कोई इस की गहराई या ऊंचाई नहीं नाप सकता, यहां तक कि वे भी, जो प्यार में पड़े होते हैं. ताजा और चर्चित उदाहरण सुप्रीम कोर्ट के नामी और वरिष्ठ अधिवक्ता 65 वर्षीय हरीश साल्वे का है जिन्होंने लंदन की 56 वर्षीया आर्टिस्ट कैरोलिन ब्रोसर्ड से एक चर्च में 28 अक्तूबर को शादी कर ली. इस की घोषणा उन्होंने अपने फैसले के पहले 26 अक्तूबर को ही कर दी थी. दोनों की ही यह दूसरी शादी है.
यह शादी नैतिकता और संस्कृति के ठेकेदारों को कई वजहों के चलते इतनी नहीं चुभ रही कि वे सार्वजानिक रूप से या फिर आदत के मुताबिक सोशल मीडिया पर साजिशाना मुहिम चला कर हरीश साल्वे को बेइज्जत करें, बावजूद यह जानने के कि हरीश साल्वे ने इंग्लिश भाषी कैरोलिन और उन के प्यार के लिए ईसाई धर्म अपना लिया है. इस पर भी नीम चढ़े करेले सी बात यह कि उन के पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीसीसीआई के अध्यक्ष रह चुके एनकेपी साल्वे का नाम अपने दौर के दिग्गज कांग्रेसी नेताओं में शुमार किया जाता था. ठेकेदारों की नाकभौं इस पर भी नहीं चढ़ी कि उन्होंने कुछ दिनों पहले ही अपनी पत्नी मीनाक्षी को तलाक दिया है और उन की 2 बेटियां भी हैं.
प्रेमिका के लिए धर्मपरिवर्तन करने पर हरीश साल्वे बख्श दिए गए क्योंकि वे भगवा गैंग के भी कदमों की भी पैरवी करते हैं.
देश के पूर्व सोलिसिटर रह चुके इस कानूनविद ने कई अहम और चर्चित मुकदमे लड़े हैं. कई नामी कंपनियों के अलावा उन के मुवक्किलों की लिस्ट में मुकेश अंबानी, रतन टाटा और अभिनेता दिलीप कुमार व सलमान खान तक के नाम शामिल हैं.
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की अधेड़ उम्र में ही दूसरी शादी पर उन की जम कर खिल्ली उड़ाने वाला भगवा गैंग हरीश साल्वे की दूसरी बेमेल शादी पर खामोश इसलिए है कि वे पिछले 5 वर्षों से आरएसएस और भाजपा के हर सही व गलत से सहमत होने लगे हैं.
एक न्यूज चैनल, जो गोदी मीडिया की रैंकिंग में जरूर टौप पर है, के गलाफाड़ एक एंकर का मुकदमा लड़ते हरीश साल्वे ने अपने पिता के कांग्रेसी संस्कारों का श्राद्ध करते कहा था कि कांग्रेस के इशारे पर उसे और चैनल की एडिटोरियल टीम को परेशान किया जा रहा है और अभिनेता सुशांत सिंह के आत्महत्या मामले की भी सीबीआई जांच होनी चाहिए. प्रैस की स्वतंत्रता और मुंबई पुलिस की भूमिका पर भी उन्होंने सवाल उठाए थे लेकिन अहम बात हरीश साल्वे जैसे बुद्धजीवी, तार्किक और अभिजात्य लोगों का उन लोगों के सामने दंडवत होते जाना है जिन का घोषित एजेंडा ही, जन्म से ले कर मृत्यु तक, धर्म और जाति की विभिन्नता को बढ़ाते रहना है.
धर्म, जाति, सरहद, अमीरीगरीबी, भाषा, रंगरूप और दूसरे तमाम नैतिक, सामाजिक व सांस्कृतिक पैमानों से परे देखें तो हरीश साल्वे ने कोई गुनाह नहीं किया है बल्कि अपने दिल की बात सुनी है. यानी बकौल जेम्स सी डाबसन, "वे अब कैरोलिन के बिना रह पाने में खुद को असमर्थ पा रहे हैं." भाषा या संवाद इस मामले में कोई बड़ी समस्या नहीं है. कैरोलिन भले ही हिंदी न बोल पाती हों पर हरीश की फर्राटेदार इंग्लिश किसी सुबूत की मुहताज नहीं.
भाषा कोई अड़गा नहीं
हम एक ऐसे देश में रहते हैं जहां अंतर्धर्मीय, अंतर्भाषीय और अंतर्जातीय शादियों पर लठ चल जाना आम बात है, फिर ऐसी शादियों को कोई किसी भी तरह की मान्यता देगा, यह सोचना ही बेमानी है. जाहिर है कोई इन्हें प्रोत्साहन नहीं देना चाहता क्योंकि इन से धर्म और पंडों की दुकान खतरे में पड़ती है. इस के बाद भी ऐसी शादियां होती हैं लेकिन प्रोत्साहन के अभाव में उम्मीद के मुताबिक नहीं होती.
Continue reading your story on the app
Continue reading your story in the magazine
रोडरेज की समस्या
बढ़ते सड़क हादसों के साथ रोडरेज यानी रास्ते चलते झगड़ा, गालीगलौज और मारपीट करने की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं. रोड पर लोग छोटीछोटी बातों पर भी हिंसक होने लगे हैं. आखिर ऐसा क्यों?
ममता से बंगाल छीनने की ललक
ममता बनर्जी के राजनीतिक सफर की कामयाबी पर उन के प्रतिद्वंदियों को रश्क होता है. आज ममता और बंगाल एकदूसरे के पर्याय हैं, जिस में सेंध लगाने की कोशिश हर राजनीतिक पार्टी कर रही है. फिर चाहे वह कांग्रेस हो, वाम पार्टियां या भाजपा हों.
लव जिहाद पौराणिकवाद थोपने की साजिश
पौराणिकवादी विचारधारा का पोषक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हिंदू लड़कियों को आजाद नहीं छोड़ना चाहता. वह उन्हें अपनी पसंद का जीवन जीने या जीवनसाथी चुनने का अधिकार नहीं देना चाहता. मनुवादी व्यवस्था का समर्थक संघ पितृसत्ता को प्रभावशाली बनाना चाहता है ताकि ब्राह्मणों की दुकान चलती रहे. लव जिहाद का नाम ले कर बनाए गए धर्मांतरण कानून के जरिए हिंदू स्त्री को दहलीज के भीतर धकेले रखने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन यह 'सरकारी हिंदुत्व' लव जिहाद की आड़ में और भी बहुतकुछ करना चाहता है.
डाक्टरों के लिए मरीज का मनोविज्ञान जरूरी
मरीज शारीरिक रूप से ही नहीं, मानसिक रूप से भी बीमार होता है. डाक्टर और दवा के साथसाथ उसे मानसिक रूप से संतुष्ट कर दिया जाए तो उपचार के और बेहतर परिणाम सामने आएंगे.
नया साल कुछ नया करें
नया साल आता है और एक बार फिर मन करता है कुछ नया करने का. वैसे भी आने वाला साल पिछले सालों से कुछ अलग होगा. सुखदुख को अपने में समेटे आइए आगे बढ़ कर नए साल के लिए कुछ नया सोचें और नया करें.
नया साल नया फोन
नए साल की शुरुआत करें एक नए फोन के साथ. लेकिन अपने बजट का भी रखें पूरा ध्यान. यहां आप को स्मार्टफोन की दुनिया के सब से बेहतर फीचर्स के साथ बेहतरीन फोन की जानकारी प्राप्त होगी.
औनलाइन फास्टिंग
वर्क फ्रोम होम यानी तकरीबन पूरा काम औनलाइन. जो भी नैट के जरिए ड्यूटी कर रहे हैं उन की ड्यूटी का समय तय नहीं है. वे 24x7 ड्यूटी पर रहते हैं. ऐसे में वे तमाम प्रोब्लम्स के शिकार हो रहे हैं. सो, उन्हें चाहिए कि वे औनलाइन फास्टिंग करें.
किसान आंदोलन उलट आरोपों से बदनाम कर राज की तरकीब
सरकार ने अपने पुराने हथियार को निकाल कर किसान आंदोलन में माओवादियों, देशद्रोहियों के शामिल होने का हल्ला मचाना शुरू किया तो कितने ही हिंदी, अंगरेजी चैनलों व अखबारों ने इस हल्ले को सरकार की फेंकी हड्डी समझ कर लपकने में देर न लगाई रातदिन एक कर दिए.
हवेली चाहे जाए मुजरा होगा ही
निजीकरण के फायदे वही गिना रहे हैं जिन की जेब में मोटा पैसा है. इन में से 90 फीसदी वे ऊंची जातियों के अंधभक्त हैं जो सरकार के लच्छेदार जुमलों के झांसे में आ जाते हैं. इन में से कई लोग शौक तो सरकारी नौकरी का पालते हैं लेकिन सरकारी कंपनियां बिक जाएं, तो उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता. ऐसे में युवाओं को सोचना है कि बिन सरकारी कंपनी के सरकारी नौकरी कैसे संभव है.
लक्ष्मी पूजन फिर भी जेब खाली की खाली
कोरोना के नाम पर पूरे देश में केंद्र सरकार द्वारा असफल तालाबंदी लागू की गई. परिणाम इतना भयावह है कि तालाबंदी थोपे जाने के 8 माह बाद भी देश किसी भी स्तर पर संभल नहीं पाया है. मजबूरीवश देशवासियों ने इस साल तमाम त्योहारों पर हाथ भींच लिए और अब दीवाली, शादियों की धूमधाम भी तालाबंदी की भेंट चढ़ रही है.
YOGA & PEACE
DEEPAK CHOPRA speaks with DAAJI about the role Yoga has to play in bringing about world peace. This is an excerpt from their conversation broadcast on International Day of Peace, September 21, 2020. That documentary is available at https://heartfulness.org/en/international-day-of-peace/.
Create the habit of meditation
CHIRAG KULKARNI, Co-Founder and CMO of Medly Pharmacies in the USA, speaks with RISHIKA SHARMA about creating a regular meditation practice, so as to make it a habit. He also shares how meditation has benefited both his personal and professional life.
SHIA'S PRIVATE TEMPLE OF DOOM!
Indiana Jones gig derailed by abuse scandal
Let's Dish
"Food Raconteur” Ashok Nageshwaran wants to tell you a story.
THE MAKING OF A MODEL MINORITY
Indian Americans rarely stop to ask why our entrance into American society has been so rapid—or to consider what we have in common with other nonwhite Americans.
Interconnectedness
In 2017, DR. VANDANA SHIVA spoke with KIM HUGHES about the sacredness of the Earth, the work she has been doing to bring awareness and change in the field of sustainable agriculture, and the importance of understanding our interconnectedness with Nature, and how we can change the way we eat.
DIAMONDS - A Luxury Gem Steeped in Fact & Fable
The diamond is one fabled gemstone! For example, google “Hope Diamond” to see all the legends associated with just this one stone said to bring misfortune to its owners.
Women's World
Brown Sugaa and Medusa
Women's World
Brown Sugaa and Medusa
CHINA DEMANDS INDIA RESCIND APP BAN AMID BORDER TENSION
China on Wednesday demanded India rescind a ban on more Chinese mobile phone apps amid tension between Beijing and other governments over technology and security.