खुशियों और समृद्धि के त्यौहार दीपावली को देशभर में अलग-अलग अंदाज में मनाया जाता है। भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने की खुशी में दीपक जलाकर अंधेरे पर रोशनी यानी बुराईका खात्मा कर अच्छाई का संदेश देने का त्योहर भी दीपावली है। धन-ऐश्वर्य देने वाली मां लक्ष्मी की विशेष पूजा भी इसी दिन होती है। दीपावली के मद्देनजर कई दिनों पहले से घरों की सफाई व रंग-रोगन का काम शुरू हो जाता है। इसके साथ ही विभिन्न प्रकार की तैयारियां की जाती हैं, वहीं दीपावली पर लक्ष्मी पूजन को लेकर भी यहां के लोग अलग ही तैयारियों को अंजाम देते हैं। खुशियों और प्रकाश के पर्व दीपावली की छटा यूं तो हर कहीं निराली है। लेकिन हर जगह इस त्योहार को लेकर अलग-अलग और अनूठी परम्पराएं भी है। इनमें से कुछ का तो हिन्दू धर्म में उल्लेख है, लेकिन अधिकतर का स्थानीय संस्कृति और पहले से चली आ रही परंपरा से संबंध है। वहीं कुछ परम्पराएं स्थान विशेष पर बरसों से स्थापित हो चुकी हैं। परंपराओं में विविधता ही इस पर्व का आनंद दोगुना कर देती है। इस बार हम आपको राजस्थान के विभिन्न शहरों और सुदूर अंचल के गांवों की अनदेखी अनसुनी परम्पराओं के बारे में बताने जा रहे हैं। जो बरसों बाद आज भी कायम है।
1. दीया और बाती
दीया : बिना मोल-भाव की खुशियां
मारवाड़ समेत प्रदेश के कई हिस्सों में वर्षों से दीपावली के दीयों को लेकर भी एक खास परंपरा है। नागौर जिले के मौलासर-डीडवाना के ग्रामीण क्षेत्र समेत कई जगह दीपावली के दीपक न तो खरीदे जाते हैं और न ही इनका कोई मोलभाव होता है। इसके बावजूद घरों में दीपावली की रात दीए जलाकर रोशन की जाती है। दरअसल, मिट्टी के दीपक घरों में जलाए तो जाते हैं, लेकिन इन्हें खरीदने की कोई आवश्यकता नहीं होती। गांवों में कुंभकार परिवार के सदस्य पूरे गांव में आवश्यकता के अनुसार घर-घर मिट्टी के दीपक पहुंचाते हैं। बरसों से यह परम्परा आज भी कायम है। कुंभकार परिवार को खुशी-खुशी नगद राशि, कपड़े और अनाज के रूप में नेग दिया जाता है।
बाती रुई के लिए पिनारा परिवार की जिम्मेदारी
Continue reading your story on the app
Continue reading your story in the magazine
फिर 'ट्रैक पर गुज्जर
राजस्थान सरकार की तरफ से कई बार फैसले किए जा चुके हैं। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा घोषित आंदोलन की तारीख 1 नवम्बर से ठीक पहले 31 अक्टूबर को गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति और अशोक गहलोत सरकार के बीच 14 बिंदुओं पर सहमति बनी। संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला इस वार्ता में शामिल नहीं हुए, वार्ता में गुर्जर नेता हिम्मत सिंह के गुट के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। इस बैठक में गुर्जरों के लिए राज्य सरकार ने बड़े निर्णय किए। इसके बावजूद गुर्जर ट्रैक पर उतर गए।
फिर आ गए नीतिश कुमार
बिहार के एनडीए में नीतीश बाबू लोगों के गुस्से का शिकार हुए। भाजपा का चेहरा नरेंद्र मोदी के रूप में था। इन परिणामों से यह भी लगता है कि जनता का भाजपा पर भरोसा बरकरार रहा और उस भरोसे का कुछ लाभ जद-यू को भी मिला। लालू परिवार अभी भी बिहार की राजनीति को प्रभावित करता है। जंगलराज की यादें अपनी जगह, लेकिन लालू परिवार का करिश्मा बरकरार है। कुछ राजनीतिक विश्लेषण राजद की सफलता का श्रेय तेजस्वी यादव को देना चाहते हैं, लेकिन इसका श्रेय बहुत बड़ी सीमा तक लालू को ही जाता है। कहा जा रहा है कि तेजस्वी ने पोस्टरों में लालू की तस्वीर भी नहीं लगाई थी, यह उस बड़ी रणनीति का हिस्सा हो सकता है जिसके चलते लालू स्वयं ही बेटे को भविष्य का नेता स्थापित करना चाहते हैं।
दिवाली पर प्रदूषण का साया क्यों?
तेजोमय उल्लास के महापर्व दीपावली के आते ही पर्यावरण प्रदूषण की बात जोरों से उठती है। एक शाश्वत सवाल हर बार उठाया जाता है कि दीपावली पर आतिशबाजी करने की मान्यता का क्या कोई धार्मिक इतिहास है? माता लक्ष्मी को पूजने के पुरातन इतिहास से आतिशबाजी कब व कैसे जुड़ी? यदि यह धर्मशास्त्र द्वारा बनाई रीति नहीं है तो दीपावली पर पटाखों का चलाना कैसे रस्म बनता गया? इस सवाल का जवाब जरूरी है कि पारंपरिक पर्व पर प्रदूषण का साया क्यों पड़ा हुआ है?
पाक की नापाक जासूसी जंग
तमाम सुरक्षा व्यवस्थाओं में सेंधमारी कर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई किस कदर हमारी सैन्य जानकारियां बटोर लेती है, इसको सीआईडी के ताजा खुलासे से जाना जा सकता है। सीआईडी ने एक नागौर जिला निवासी सैन्य कार्मिक को गिरफ्तार किया है। बाड़मेर में भारत माला प्रोजेक्ट में जेसीबी ड्राइवर रोशनदीन भी जासूसी करने के मामले में एटीएस के हत्थे चढ़ा है।
जोधपुर रिसायत के विलय में सिगरेट लाइटर की भी भूमिका
राजस्थान के एकीकरण की दिलचस्प कहानियां
रोशनी का दिव्यबोध फैलाती दीपावली
लक्ष्मी की आराधना होनी चाहिए क्योंकि लक्ष्मी का संबंध धन से नहीं वरन उसकी पवित्रता से है। लक्ष्मी अशुद्ध, अपवित्र और अप्राकृतिक से कभी नहीं जुड़ती। इस नाते जिसका आस्वादनभोजन अशुद्ध है, जिसकी भाषा-वाणी अपवित्र है, जिसका संस्कार-विहार अप्राकृतिक है, वह लक्ष्मी का आशीर्वाद कैसे प्राप्त कर सकता है। सच्ची और स्थाई लक्ष्मी वही है जो शील और मर्यादा से पायी जाए।
खुशियों की जगमग में भांति-भांति की रीत
आज भी प्रचलन में है मारवाड़मेवाड़ की ये कुछ खास परम्पराएं
कोरोना काल में पटाखों पर न देंजोर, सबसे बुरा है इसका शोर
इस बार दीपावली केवल दीप जलाकर ही मनाएं तो यह मानवता की सेवा होगी। हमने और आपने अगर इस बार पटाखे जलाए तो कोविङ-19 के दौर में यह धूमधड़ाका सभी के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। पटाखों से निकलने वाला जहरीला धुआं में और जहर घोल देगा और ऑक्सीजन लेने में लोगों को दिक्कत होगी। पटाखे न जलाकर हम कई लोगों की जान जोखिम में डालने से बच जाएंगे।
ऑपरेशन लोटस की आहट
क्या वाकई में अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाने की किसी योजना पर अंदरखाने काम चल रहा है या कटारिया ने सहज तरीके से कोई बयान दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो जुलाई के महीने में चले ऑपरेशन लोटस की जिस तरह से भद्द पिटी, उसके बाद इसकी संभावना न के बराबर है कि इस प्रकार की कोई कोशिश फिर से की जाएगी। विश्लेषक इसके पीछे कई पुख्ता कारण बताते हैं। सबसे बड़ा कारण यह है कि न तो राजस्थान मध्यप्रदेश है और न ही अशोक गहलोत कमलनाथ हैं।
आजादी के पीछे लाखों बेटे-बेटियों का त्याग और बलिदानः पीएम
दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत ने इस बार अपना 74वां स्वतंत्रता दिवस मनाया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर पर ध्वजारोहण किया और देश के संबोधित किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने तकरीबन डेढ़ तक भाषण दिया। बतौर प्रधानमंत्री सातवीं बार लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भर, आत्मनिर्भर भारत, कोरोना संकट, आतंकवाद, रिफॉर्म, मध्यमवर्ग और कश्मीर का विशेष रूप से जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आजादी के पीछे लाखों बेटे-बेटियों का त्याग और बलिदान है। आजादी का पर्व नए संकल्पों के लिए ऊर्जा का अवसर है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में बिना नाम लिए चीन और पाकिस्तान पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विस्तारवाद की सोच ने विस्तार के बहुत प्रयास किए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विस्तारवाद की सोच ने सिर्फ कुछ देशों को गुलाम बनाकर ही नहीं छोड़ा, बात वही पर खत्म नहीं हुई। भीषण युद्धों और भयानकता के बीच भी भारत ने आजादी की जंग में कमी और नमी नहीं आने दी।
An Epic Phone-a-Thon
India’s smartphone shoppers will be spoiled for choice this festive season
REMOTE WORK CHECKS IN
Hotels and destinations are competing for business as innovative new work locations
GRAMOPHONE DREAMS
No one knows where the ladder goes
Light Science Technologies wins Innovate UK funding to develop ground-breaking sensor technology for vertical farming
Light Science Technologies (LST) has secured part of a £90 million government investment to support the UK's most innovative technology to boost agricultural productivity and set food production systems towards net zero emissions by 2040.
राम मंदिर भारत के स्वाभिमान और गौरव का प्रतीक होगा : आरएसएस
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने बृहस्पतिवार को कहा कि अयोध्या में बनने वाला राम मंदिर भारत के स्वाभिमान और गौरव का प्रतीक होगा तथा इसका भूमिपूजन समारोह देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
नौ माह बाद अयोध्या और वाराणसी के लिए तीन स्पेशल ट्रेन की मिलेगी सुविधा
ट्रैन हफ्ते में दो-दो दिन चलेंगी
अयोध्या को सोलर सिटी बनाएं:योगी
मुख्यमंत्री बोले-अयोध्या का महत्व विश्व के मानचित्र में काफी अहम, पर्यटकों के लिए प्रशिक्षित गाइड हों
अयोध्या में बनने वाली मस्जिद का डिजाइन तैयार
एक साथ 2000 लोग नमाज कर सकते हैं अदा!
Seven Of The Best Places To See Aurora Borealis
Do you want to increase your chances of striking gold - or at least glowing green – when it comes to the northern lights? Here are the places that should be top of your list...
इस देश में दीवाली पर होती है कुत्तों की पूजा
दीवाली हिंदुओं का एक बड़ा त्यौहार है. भारत में इसे बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. इस मौके पर पटाखे छोड़े जाते हैं और मिठाइयां बांटी जाती हैं. हर जगह उत्साह का माहौल होता है. इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है. वैसे तो दीवाली दुनिया के लगभग सारे देशों में मनाई जाती है, लेकिन एक देश ऐसा भी है जहां दीवाली कुछ अलग ढंग से मनाई जाती है, वह देश है नेपाल.