आज जब निर्णय आने वाला था, तब मैं टीवी देख रहा था। 'हेडलाइंस' चालू हो गई थी। माननीय न्यायाधीश निर्णय का 'भाग' पढ़ रहे थे। फिर एकदम से ब्रेकिंग न्यूज़ दिखाई गयी। समस्त 32 आरोपी निर्दोष घोषित कर बाईज्जत बरी कर दिए गए। चेहरे पर खुशी के भाव आ गये। धीरेधीरे समाचार आगे बढ़ता है। माननीय न्यायाधीश कहते हैं, आरोपियों के विरूद्ध कोई साक्ष्य नहीं है, किसी भी आरोपी की संलिप्तता ढ़ाचा गिराने या उसके लिये लोगों का उकसाने में नहीं पायी गई। बल्कि इसके उलट कुछ आरोपियों ने तो ढांचा गिराने से रोकने का प्रयास भी किया। 'चेहरे पर खुशी के भाव बढ़ते जाते हैं। जज कहते हैं, बाबरी विध्वंश की घटना अचानक हुई। पूर्व नियोजित नहीं थी। फिर आगे अचानक समाचार आता है, चूंकि ढांचा गिराया गया है, इसलिए निश्चित रूप से यह अज्ञात असामाजिक तत्वों का कार्य होगा। मुकदमें का सबसे दुखद पहलु यह है कि विशेष न्यायालय ने बचाव पक्ष के वकील द्वारा प्रस्तुत 400 पेजों की लिखित व मौखिक दलील स्वीकार कर ली, जिसमें यह कहा गया कि सांकेतिक कारसेवा के निर्देश की अवेहलना करने वाले अराजक तत्वों ने ही ढ़ाचा ढहाया।
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महिलाओं की बेहतरी के लिये हों सार्थक प्रयास
जिस तरह से शक्तिशाली नदी मजबूत चट्टानों और पहाड़ों को तोड़ देती है, उसी तरह बुद्धिमान महिला दुष्टों के छल को ध्वस्त कर देती है. ऐसी बुद्धिमान महिलाओं को हमें नमन करना चाहिए।
पानी का दुरुपयोग रोकना जरूरी
अंततः सरकार ने भूजल स्रोत से हासिल होने वाले पीने योग्य पानी की बर्बादी या इसके दुरुपयोग को दंडनीय अपराध बना ही दिया है। पीने के पानी की बर्बादी रोकने के लिये कानूनी प्रावधान करने वाली सरकार अभी भी देशवासियों के लिये साफ पानी मुहैया कराने को मौलिक अधिकारों के दायरे में लाने की इच्छुक नहीं लग रही है। थोड़ा अटपटा लगता है कि हमारे संविधान के अनुच्छेद 21 में प्रदत्त मौलिक अधिकार के दायरे में ठीक से नींद लेना और भोजन तो शामिल हैं लेकिन साफ पानी इसके दायरे में नहीं है मगर पीने का पानी बर्बाद करने पर जुर्माना और जेल का प्रावधान हो गया है।
मोदी के नेतृत्व में मजबूत हो रही विदेश नीति
दुनिया के दिग्गज देशों की विदेश नीति के विषय में यह बात एकदम सही है कि उनकी इस नीति में सरकारों के बदलने के साथ बहुत बदलाव देखने को नहीं मिलते। हालांकि भारत में यह रुझान कुछ बदला है। यहां 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से विदेश नीति में एक नया उभार देखने का मिला है। हालांकि वैश्विक शक्ति अनुक्रम में ऊपर बढ़ते किसी देश के लिए ऐसा बदलाव बहुत स्वाभाविक भी है।
छत्तीसगढ़ सरकार के फैसलों का असर, रियल इस्टेट सेक्टर को मिली ऑक्सीजन
छत्तीसगढ़ सरकार के फैसलों से राज्य में अब आम आदमी और कमजोर तबके लोगभी छोटे और मध्यम भूखण्डों की खरीदी-बिक्री कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशन में राज्य सरकार ने छोटे भू-खण्डों की खरीद-बिक्री पर लगी रोक को हटाया। सम्पत्तियों की गाईड-लाईनदरों में 30 प्रतिशत की कमी की गई। भूमि नामांतरण और डायवर्सन की प्रक्रिया को पूर्व की अपेक्षा अब ज्यादा आसान किया गया है। इसके साथ ही पहले रजिस्ट्री शुल्क ज्यादा था, जिसे कम किया गया। दस्तावेजों के पंजीयन के लिए सिंगल विन्डों प्रणाली से अनुमति और अनापत्ति प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया आसान बनाई बना दी गयी है।
गांवों में विकास की रफ्तार तेज हो तो दौड़ने लगेगी भारतीय अर्थव्यवस्था
देश में 60 प्रतिशत से अधिक आबादी ग्रामों में निवास करती है और अपने रोज़गार के लिए मुख्य रूप से कृषि क्षेत्र पर ही निर्भर है। भारत अभी भी कृषि प्रधान देश ही कहा जाता है परंतु फिर भी भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का हिस्सा लगभग मात्र 16-18 प्रतिशत ही है। अर्थ की महत्ता आदि काल से चली आ रही है। आचार्य चाणक्य ने भी कहा है कि राष्ट्र जीवन में समाज के सर्वांगीण उन्नति का विचार करते समय अर्थ आयाम का चिंतन अपरिहार्य बनता है। इस दृष्टि से जब हम इतिहास पर नज़र डालते हैं तो पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का गौरवशाली इतिहास रहा है एवं जो भारतीय संस्कृति हजारों सालों से सम्पन्न रही है, उसका पालन करते हुए ही उस समय पर अर्थव्यवस्था चलाई जाती थी। भारत को उस समय सोने की चिड़िया कहा जाता था। वैश्विक व्यापार एवं निर्यात में भारत का वर्चस्व था।
किसानों को मिलेगा न्यूनतम समर्थन मूल्य?
अन्नदाताओं में संशय बरकरार
आईटी उद्योग में हो रही बढ़ोत्तरी
यकीनन कोविड-19 की चुनौतियों के बीच एक ओर जहां भारत का आइटी उद्योग तेजी से आगे बढ़ा है, वहीं आउटसोर्सिंग से हमारी विदेशी मुद्रा भी बढ़ी है शानदार ऑर्डर प्रवाह के कारण देश के आइटी उद्योग का लाभ एक दशक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन(आइबीइएफ) की अगस्त 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक, इस वर्ष भारतीय आइटी सेक्टर की आय के 7.7 प्रतिशत बढ़कर करीब 191 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2025 तक 350 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है गौरतलब है कि भारत दुनिया में आइटी सेवाओं का सबसे बड़ा निर्यातक देश है भारत की 200 से अधिक आइटी फर्म दुनिया के 80 से ज्यादा देशों में काम कर रही हैं जिसके कर्मचारियों की संख्या लगभग 43.6 लाख है।
'गुपकार गैंग पर सिर्फ राजनीति या कड़ी कार्रवाई! अभी तक क्यों नहीं?
24 अक्टूबर की "पीएजीडी" की बैठक के एक दिन पूर्व ही महबूबा मुफ्ती ने जो बयान दिया, जिसे सिर्फ "विवादित बयान" कहकर झाड़ा नहीं जा सकता है। संविधान द्वारा प्रदत्त नागरिकता के कारण देश के एक जिम्मेदार नागरिक होने से उस नागरिक दायित्व के बिलकुल विरुद्ध व बेशर्मी लिये हुआ महबूबा का यह बयान है, कि अनुच्छेद 370 की बहाली तक वे जम्मू -कश्मीर के झंडे के अलावा और कोई झंडा नहीं उठायेगी। यद्यपि प्रेस के एक खंड ने उक्त बयान की गलत बताते हुए "तिरंगे और राज्य के झंडे को एक साथ रखूगी", को महबूबा का सही बयान बतलाया है। फिलहाल इस संबंध में उनके स्पष्टीकरण की प्रतिक्षा है। इसके पहले फारूख अब्दुल्ला भी कह चुके है कि चीन की मदद से अनुच्छेद 370 "फिर लागू करेगें।
स्वच्छता के संकल्प को दें निरंतरता
स्वछता भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण अंग है. अगर हम स्वच्छता के इतिहास को देखें, तो यह हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की सभ्यता में भी परिलक्षित होता है. तब के नगरों की व्यवस्था ऐसी थी, जिसमें साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखा जाता था तथा नालियों और पेयजल की व्यवस्था उत्तम स्तर की थी. मौर्यकाल में चाणक्य द्वारा स्थापित शासन व्यवस्था में इसकी महत्ता को इस बात से जाना जा सकता है कि प्रथम बार गंदगी फैलानेवालों को दंड के रूप में शुल्क देना होता था. हमारी संस्कृति के किसी भी समाज में स्वच्छता की पूरी व्यवस्था होती है. कई त्योहार, जैसे दीपावली, सरहुल, कर्मा, ओणम आदि भी स्वच्छता को ध्यान में रख कर ही मनाये जाते हैं.
श्रम सुधारों से बढ़ेगी इकॉनमी की रफ्तार
हाल ही में संसद ने तीन प्रमुख श्रम सुधार विधेयकइंडस्ट्रियल रिलेशन कोड 2020, ऑक्युपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडिशंस कोड 2020 और कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी 2020 पारित किए, जो राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून बन गए।
राम मंदिर भारत के स्वाभिमान और गौरव का प्रतीक होगा : आरएसएस
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने बृहस्पतिवार को कहा कि अयोध्या में बनने वाला राम मंदिर भारत के स्वाभिमान और गौरव का प्रतीक होगा तथा इसका भूमिपूजन समारोह देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
बरगद वृक्ष से एक इंटरव्यू!
मेरे अनेकानेक नाम हैं- अच्युतावास, अवरोहशाखी, अवरोही, कलापी, कलिंग, जटाल, जटी, ध्रुव, न्यग्रोध, नंदी, वट, बड़, बोधि, भूकेश,शृंगी... महात्मा बुद्ध ने मेरी छांव तले आत्म-बोध पाया, इसलिए मुझे 'बोधि वृक्ष' भी नाम दिया गया। मेरी भव्यता के कारण भारतीय मुझे वट वृक्ष या वृक्षराज कहकर बुलाते रहे हैं।
नौ माह बाद अयोध्या और वाराणसी के लिए तीन स्पेशल ट्रेन की मिलेगी सुविधा
ट्रैन हफ्ते में दो-दो दिन चलेंगी
वर्ष 2020: बैंक धोखाधड़ी और ड्रग मामले में मसरूफ जांच एजेंसियां
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भी अपनी रफ्तार बरकरार ररवी। उसने वर्ष के पहले 10 महीनों के दौरान करीब 60 नए मामले दर्ज किए जिनमें से कम से कम 45 मामले 17,000 करोड़ रुपये से अधिक की बैंक धोरवाधड़ी से संबंधित हैं
Courting trouble
A CBI application in the Supreme Court could derail Mamata Banerjee’s quest to retain power
गंगाद्वार हरिद्वार
हरिद्वार हिन्दुओं के जहाँ धार्मिक तीर्थ के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त है, वहीं भारत का महत्त्वपूर्ण सांस्कृतिक नगर भी है।
अयोध्या को सोलर सिटी बनाएं:योगी
मुख्यमंत्री बोले-अयोध्या का महत्व विश्व के मानचित्र में काफी अहम, पर्यटकों के लिए प्रशिक्षित गाइड हों
मेरी पार्टी में मादक पदार्थ नहीं लिए गए
करण ने एनसीबी के नोटिस के जवाब में कहा
अयोध्या में बनने वाली मस्जिद का डिजाइन तैयार
एक साथ 2000 लोग नमाज कर सकते हैं अदा!
THE 'CERBERUS TROJAN' : WAY TO 'PAATAL LOK'
"Let no such man be trusted" -- William Shakespeare