एनडीए की बिहार में जीत के एक दिन बाद, 11 नवंबर को दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में अपने 40 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'दो सीट और दो कमरों' से 'देश के हर कोने तक भाजपा के विस्तार पर खुशी जाहिर की. उन्होंने भाजपा के उत्थान का श्रेय पार्टी कार्यकर्ताओं के सामूहिक प्रयास को दिया और इस मौके का इस्तेमाल 'पारिवारिक पार्टियों' या लोकतांत्रिक तरीकों के जवाब में हिंसा का सहारा लेने वाली पार्टियों को कोसने के लिए किया. उन्होंने गरजते हुए कहा, "लोकतंत्र में मौत का तांडव नहीं चल सकता." उन्होंने कहा कि ऐसी पार्टियों को "दीवार पर लिखी इबारत पढ़नी होगी." जाहिर है, दीवार पर लिखी इबारत इससे ज्यादा साफ नहीं हो सकती. यह बीते नौ वर्षों से पश्चिम बंगाल पर हुकूमत कर रहीं ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की तरफ इशारा था. जिस सत्ता विरोधी भावना ने बिहार में नीतीश कुमार की चमक फीकी कर दी, ठीक वही पश्चिम बंगाल में ममता को परेशान कर रही है. इतना ही नहीं, मई 2021 में जब राज्य में विधानसभा चुनाव होंगे, ममता को नए जोश और ताकत से भरी भाजपा का सामना करना होगा, जो बिहार की जीत के बाद और भी उत्साह से लबालब है.
दांव ऊंचे हैं और भाजपा ने जरा भी वक्त नहीं गंवाया. पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को 13 नवंबर को फिर पश्चिम बंगाल का प्रभारी बना दिया गया. आरएसएस के पूर्व प्रचारक अरविंद मेनन और भाजपा के आइटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय को उनके साथ सह-प्रभारी बनाया गया. भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और पार्टी के बड़े पदाधिकारी इसी हफ्ते राज्य की यात्रा पर जाएंगे और कार्यकर्ताओं की तैयारियों की थाह लेंगे. अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और नड्डा अक्सर राज्य की यात्रा पर होंगे. चुनाव रणनीति बनाने, सोशल मीडिया अभियान चलाने, उम्मीदवारों के नाम तय करने और बूथ प्रबंधन रणनीति को सान पर चढ़ाने के लिए वॉर रूम बनाया जाएगा. राज्य के भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने बिहार के नतीजों के कुछ ही वक्त बाद टीएमसी की तरफ चुनौती उछाल दी, "ईबार बांग्ला, पार्ले शाम्ला (इस बार बंगाल, रोक सको तो रोक लो)". युद्ध छिड़ गया है.
अगला पड़ाव बंगाल ही क्यों
पूर्व और उत्तर -पूर्व में, और आखिरकार पूरे देश में, भाजपा के दबदबा कायम करने के लिए बंगाल बेहद अहम है. ममता इस अभियान में सबसे बड़ी रुकावट हैं. प्रधानमंत्री की तीखी आलोचक ममता नोटबंदी से लेकर माल और सेवा कर (जीएसटी) तक और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) से लेकर राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) तक केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ विपक्षी एकता का केंद्रबिंदु हैं. 2016 में जब वे दूसरी बार राज्य की मुख्यमंत्री बनी थीं, पांच राष्ट्रीय नेता-फारूक अब्दुल्ला, अखिलेश यादव, नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव और अरविंद केजरीवाल-उनके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे और उन्होंने फेडरल फ्रंट की नींव रखी थी. जहां दूसरे नेता एक-एक कर रुखसत हो गए-उत्तर प्रदेश में विपक्षी पार्टियां नेस्तोनाबूद हो गईं, नीतीश एनडीए के पाले में लौट गए और लालू जेल भेज दिए गए वहीं ममता डटी रहीं और उन्होंने भगवा कूच को अपने दरवाजे पर ही रोक देने की गांठ बांध ली.
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अब बाइडन से लगी आस
देश का मिज़ाज सर्वेक्षण के उत्तरदाता मानते हैं कि नए अमेरिकी राष्ट्रपति भारत के लिए अनुकूल हैं. लेकिन सीमाओं पर चीन से भारत को जो चुनौती मिल रही है क्या जो बाइडन उसे हल करने में तत्परता दिखाएगे?
हिंदुत्व का ज्वार
कोविड, नकारात्मक आर्थिक उन्नति और चीनी अतिक्रमण के बावजूद, लोगों का नरेंद्र मोदी पर विश्वास बना हुआ है. उनकी पार्टी के दक्षिणपंथी एजेंडे के लिए भी समर्थन बढ़ रहा है.
बुरे दिन बीते रे भैया
मोदी सरकार की कोविड से निबटने की रणनीति को लोगों ने सराहा. अब टीकाकरण अभियान को लेकर भी सर्वे के प्रतिभागी बड़े उत्साह के साथ भरोसा जता रहे हैं
बागडोर पर सधी पकड़
कोविड-19 और लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था पर गहरे और स्थायी निशान छोड़े हैं, लेकिन देश का मिजाज सर्वेक्षण में लोगों ने सरकार पर भरोसा और यकीन जताया कि वह मौजूदा संकट से निजात दिलाकर फिर गाड़ी पटरी पर ले आएगी
संभावनाओं का समुंदर
ओडिशा में ईको टूरिज्म नेचर कैंप और ईको रीट्रीट के जरिए पर्यटन को बढ़ावा देने से राज्य में पर्यटक और निवेशक, दोनों की दिलचस्पी बढी
खुलकर खर्च करने का वक्त
2021 के बजट पर टिकी हैं भारी उम्मीदें-सरकार को चाहिए कि अर्थव्यवस्था को गिरते ग्रोथ, मांग और निवेश की दलदल से उबारे
गठबंधन की ढीली पड़ती गांठ
पटना में जनता दल (यूनाइटेड) के दफ्तर में 7 जनवरी को एक अहम शख्स पधारे. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव आधिकारिक तौर पर तो जद (यू) के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र प्रसाद सिंह को बधाई देने आए थे, जिन्होंने 27 दिसंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अध्यक्ष का पदभार संभाला था, लेकिन उस मुलाकात के कई और मायने भी थे.
उम्मीदों का टीका
विशाल पैमाने पर कोविड वैक्सिनेशन कार्यक्रम को लेकर अधिकारी भरोसे से लबरेज, मगर जमीन पर कई चुनौतियां बाकी
कानून और अव्यवस्था
सरकार और किसानों के बीच गतिरोध को खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने की पहल. लेकिन किसान कृषि कानूनों को रद्द करने से कम पर किसी सूरत में मानने को तैयार नहीं
India Election Body Struggles With Scale Of Fake Information
When India’s Election Commission announced last month that its code of conduct would have to be followed by social media companies as well as political parties, some analysts scoffed, saying it lacked the capacity and speed required to check the spread of fake news ahead of a multi-phase general election that begins April 11.
India At A Crossroads
India is known as the land of contradictions, and recent events do little to undermine that reputation.
“PAGD HAS NO ROADMAP”
People’s Conference’s Abdul GaniVakil tells Yawar Hussain that if Kashmiri leaders have to wait for Supreme Court verdict on Article 370, then what was the purpose of forming a common front
ममता को 50 हजार वोटों से नहीं हराया तो छोड़ दूंगा राजनीति'
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की घोषणा पर भूमिपुत्र शुभेदु अधिकारी की चुनौती, कहा'-
जीतेंद्र तृणमूल में ही रहेंगे या बदलेंगे ठिकाना?
आसनसोल के पूर्व मेयर सह विधायक जीतेंद्र तिवारी का राजनीतिक भविष्य क्या होगा, इसे लेकर अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। उनके इस्तीफे के बाद नगर निगम में अमरनाथ चटर्जी को चेयरपर्सन और एक महीने बाद अपूर्व मुखर्जी को तृणमूल का जिलाध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया।
'मुख्यमंत्री उदार हैं हम नहीं, इंच-इंच का लेंगे बदला'
तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी का भाजपा को खुली धमकी
असम में घुसपैठ पर कांग्रेस की घेराबंदी
अमित शाह ने कहा, एआईयूडीएफ गठबंधन की सरकार आने से घुसपैठियों के लिए रास्ते खुल जाएंगे
No One Can Dictate Terms To Tamil People: Rahul Gandhi
Congress leader Rahul Gandhi invoked Tamil spirit, culture and language on the second day of campaign in Erode and Tiruppur on Sunday. At several places he got out of the van to shake hands and hug people.
Shah: Cong, AIUDF Will Open Floodgates For Infiltrators
POLL CYMBAL: Union home minister Amit Shah with CM Sarbananda Sonowal at a rally in Nalbari district of Assam on Sunday
WEST BENGAL ELECTION - The Power of Nine
In the 2019 Lok Sabha election, the nine districts of south Bengal delivered 19 of 22 seats for the Trinamool Congress (TMC). In terms of assembly segments, it translated into 138 seats—two thirds of the TMC tally in the last assembly election held in 2016. Barely months from now, the party’s performance in these very districts will be critical in determining Mamata Banerjee’s fate in a ‘do or die’ electoral battle against the BJP. The nine districts are: Nadia, North 24 Parganas, Howrah, Hooghly, Kolkata, South 24 Parganas, Bardhaman, Birbhum and East Medinipur, which together hold 178 assembly seats.