अपनी खूबसूरती के लिए दुनिया भर में मशहूर नैनीताल की चारों दिशाओं में सक्रिय भूस्खलन उत्तराखंड के इस पर्यटक स्थल के अस्तित्व पर संकट खड़ा करता दिख रहा है. मॉनसून शुरू होने में कुछ ही दिन शेष हैं, लेकिन नैनीताल की बुनियाद समझा जाने वाला बलिया नाला क्षेत्र हो या उसका शीर्ष माना जाने वाला नैना पीक, भुजा समझी जाने वाली टिफन टॉप पहाड़ी या फिर स्नो-व्यू, सभी क्षेत्रों में लगातार भूस्खलन हो रहे हैं. 26 मई को शहर के किलबरी रोड में स्थित हिमालय दर्शन पॉइंट के पास टांकी बैंक से करीब एक किलोमीटर दूर मुख्य सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे नजर आए. लेकिन, इन सक्रिय भूस्खलनों का कोई उपचार अभी शुरू तक नहीं हो पाया. उत्तराखंड सरकार 13 जिलों में 13 नए पर्यटक केंद्र बनाने का दावा करती है, जबकि नैनीताल के अस्तित्व पर आए संकट को टालने की उसके पास कोई योजना नहीं दिखाई देती. नतीजतन, चौतरफा संकटों से घिरा नैनीताल अपने हाल पर आंसू बहाने को मजबूर है.
दरअसल, नैनीताल की 2,610 मीटर ऊंची चोटी नैना पीक पर लगभग 40 फुट लंबी और आधे से तीन फुट तक चौड़ी दरार नजर आ रही है. इससे पहले इसी साल 29 जनवरी और 2 फरवरी को भी नैना पीक की पहाड़ी दरकी थी, जिसके बाद जिला प्रशासन की टीम ने लोक निर्माण विभाग, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआइ), आपदा प्रबंधन और भू-वैज्ञानिकों के साथ मिलकर टूटी पहाड़ी का निरीक्षण किया था. उन्होंने पहाड़ी का ट्रीटमेंट किए जाने की बात भी कही थी, लेकिन अब तक कोई काम शुरू नहीं हो पाया है. इस साल 5 अप्रैल को नैना पीक की तलहटी पर बसे सैनिक स्कूल के प्रिंसिपल बी.एस. मेहता ने नैना पीक पर पहाड़ी के धूल और धुएं के गुबार के साथ सरकने का वीडियो बनाया. इस पहाड़ी के सरकने से आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों में हड़कंप मच गया. लोग अब भी डरे हुए हैं. इन दिनों इस पहाड़ी पर पड़ी इस लंबी-चौड़ी दरार को क्षेत्र के लिए गंभीर खतरे के रूप में देखा जा रहा है.
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