मुखबिर ने उन्हें बबीता का फोन नंबर भी दे दिया. इतना ही नहीं, उस ने बबीता से बात करने के कुछ कोड नाम भी दे दिए, जिन का उपयोग वह अपने धंधे में करती थी.
खबर महत्त्वपूर्ण थी, इसलिए एएसपी ने खुफिया तौर पर पहले इस सूचना की जांच कराई, तो खबर सही निकली. इस के बाद उन्होंने इज्जतनगर के थानाप्रभारी और महिला थाने की थानाप्रभारी को अपने औफिस बुलाया.उन्होंने दोनों पुलिस अधिकारियों को इस सूचना से अवगत कराते हुए तुरंत रेड पार्टी तैयार करने को कहा.
आननफानन में रेड पार्टी तैयार कर ली गई. टीम में शामिल एक हैड- कांस्टेबल को डिकोय कस्टमर (फरजी ग्राहक) बनाया गया. डिकोय कस्टमर ने बबीता का फोन नंबर मिलाया. जैसे ही बबीता ने हैलो कहा तो वह बोला, "मैडम, मैं अमरीश बोल रहा हूं. मुझे आप का नंबर रहमान भाई ने दिया है."
रहमान का नाम सुनते ही बबीता समझ गई कि यह कस्टमर वास्तविक है. वह बोली, "हां, बताइए अमरीशजी, मैं आप की क्या सेवा कर सकती हूं."
"मैडम, रहमान भाई ने बताया था कि नईनई गाड़ियां हैं, जिन पर सवारी करने में बड़ा ही मजा आता है. ऐसी किसी अच्छी गाड़ी पर मैं भी सफर करना चाहता हूं." उस ने कहा.
"हांहां, क्यों नहीं, आप का स्वागत है. कल ही हमारे पास दिल्ली से 2 नई गाड़ियां आई हैं. आप आ जाइए. रहमान भाई ने हमारा पता तो बता ही दिया होगा." वह बोली.
"हांजी, उन्होंने बता दिया है." डिकोय कस्टमर ने कहा.
“ठीक है आप आ जाइए. और हां, जब आप मेरे यहां आएंगे तब गेट पर चौकीदार आप से कोड पूछेगा तो कोड ‘समंदर में तैरना है' बता देना. वह आप को मेरे पास ले आएगा."
“ठीक है, मैं अभी कुछ देर में आप के पास पहुंचता हूं."इस के बाद डिकोय कस्टमर बने हैडकांस्टेबल ने फोन डिसकनेक्ट कर दिया. यह बात 12 नवंबर, 2019 की है.
बबीता से बात पक्की हो जाने के बाद 12 नवंबर, 2019 की रात 10 बजे ही एएसपी अभिषेक वर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीम सनसिटी विस्तार कालोनी पहुंच गई. टीम के सभी सदस्य बबीता के घर से कुछ दूर अलगअलग गाड़ियों में रहे. केवल हैडकांस्टेबल ही फरजी ग्राहक बना कर उस के घर पहुंचा. उसे बबीता के घर के बाहर चौकीदार खड़ा मिला. उस ने चौकीदार से कहा, "मुझे बबीता मैडम से मिलना है."
"क्या काम है?"चौकीदार ने पूछा.
"समंदर में तैरना है." डिकोय कस्टमर बने हैडकांस्टेबल ने कहा.
यह सुनते ही चौकीदार समझ गया कि वह ग्राहक है, इसलिए वह उसे ले कर घर के अंदर चला गया. वहां कमरे में एक महिला मौजूद थी. फरजी ग्राहक ने पूछा, "क्या आप ही बबीताजी हैं ?"
"जी हां, वैसे नाम में क्या रखा है. असल में तो काम ही मायने रखता है." बबीता मुसकराते हुए बोली, "बैठिए, मैं आप को अभी गाड़ियां दिखाती हूं. वैसे मैं आपको एक बात और बताना चाहती हूं कि कस्टमर की डिमांड पर हम विदेशी गाड़ियों की भी डील करते हैं."
"अरे वाह, यह तो बड़ी खुशी की बात है. फिलहाल तो आप हमें नई गाड़यां दिखाइए." वह बोला.
तभी बबीता ने आवाज लगाई तो 2 युवतियां कमरे में आ कर खड़ी हो गईं. उन्हें देखते ही डिकोय कस्टमर ने कहा, "क्या बात है मैडम, जैसा हम ने सुना था, यहां तो उस से ज्यादा देखने को मिला. वास्तव में आप बहुत पहुंची हुई हैं. इन्हें देख कर मन कर रहा है कि दोनों को ही पसंद कर लूं. लेकिन फिलहाल मैं इन के साथ जाना पसंद करूंगा." उस ने आसमानी रंग का टौप पहनी युवती की ओर इशारा करते हुए कहा.
“यह मोहिनी है. इस का 2 घंटे का चार्ज 3 हजार रुपए है."बबीता ने कहा.
"मैडम, आपपैसों की चिंता न करें." कहते हुए डिकोय कस्टमर ने 3 हजार रुपए बबीता के हाथ में दे दिए. इस के बाद उस ने अपनी जेब से फोन निकालते हुए कहा, "इसे बंद कर देते हैं वरना बीच में डिस्टर्ब करेगा."
उसी समय डिकोय कस्टमर ने एएसपी अभिषेक वर्मा को फोन पर मिस काल कर दी थी. यह मिस काल बाहर इंतजार कर रही पुलिस टीम के लिए एक इशारा थी. कुछ देर बाद कमरे का दरवाजा खटखटाने पर फरजी ग्राहक बने हैडकांस्टबल ने दरवाजा खोल दिया. पुलिस टीम धड़धड़ाती हुई उस कमरे में आ गई.
महिला पुलिस ने बबीता की तलाशी ले कर वे 3 हजार रुपए बरामद कर लिए जो हेड कांस्टेबल ने सौदा तय करते समय उसे दिए थे. उन नोटों के नंबर एएसपी ने पहले से ही अपने पास लिख लिए थे. ऊपर की मंजिल पर 2 युवतियां कमरों में मिलीं चौकीदार पुलिस को आया देख भाग चुका था.
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