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स्टेज पर गर्दा उड़ा देती हैं अदिति
सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड
सितारों की मची धूम जनता उठी झूम
भोजपुरी सिनेमा में सब से चर्चित और नामचीन अवार्ड के तौर पर पहचान बना चुके 'सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड' शो का जब ऐंकर और ऐक्टर शुभम तिवारी और हीरोइन माही खान की स्टेज पर ऐंट्री के साथ रंगारंग आगाज हुआ, तब दर्शकों की तालियां थमने का नाम ही नहीं ले रही थीं. दर्शक जिन हीरो और हीरोइनों को अभी तक रुपहले परदे पर देखते आ रहे थे, उन्हें सामने पा कर उन के स्वागत में खड़े हो कर सम्मान दे रहे थे.
रिवाजों की जकड़न में गांवकसबे की पढ़ीलिरवी लड़कियां
यह माना जाता था कि अगर गांवकसबे की लड़कियां पढ़लिख जाएंगी, तो वे रीतिरिवाजों की जकड़न से छुटकारा पा जाएंगी. लेकिन सच तो यह है कि पढ़नेलिखने और राजनीतिक रूप से मजबूत होने के बाद भी गांवकसबे की लड़कियां रिवाजों में जकड़ी हुई हैं. वे अभी भी धर्म की जकड़न में हैं. फैशन और संजनेसंवरने व फैस्टिवल के नाम पर रिवाजों में फंसी हुई हैं.
यह दौर कंपीटिशन का नहीं टैलेंट का है - विवेक पांडेय गायक व कलाकार
भोजपुरी पहला सिनेमा की लोकप्रियता दिनोंदिन इतनी ज्यादा बढ़ती जा रही है कि अब भोजपुरिया बैल्ट के अलावा हिंदी पट्टी में भी भोजपुरी सिनेमा देखने वाले अच्छेखासे दर्शक हैं. भोजपुरी फिल्मों और गानों की बढ़ती लोकप्रियता के चलते बहुत से कलाकारों का रुझान तेजी से भोजपुरी इंडस्ट्री की तरफ हुआ है. अवधी बोली के मशहूर गायक विवेक पांडेय भी उन्हीं में से एक हैं.
फुटपाथ: बिखरते सपने गलीज जिंदगी
पौलीथिनों को जोड़जोड़ कर बनाई गई झोंपड़ियों के पास पहुंचते ही नथुने में तेज बदबू का अहसास होता है. बगल में बह रही संकरी नाली में बजबजाती गंदगी. कचरा भरा होने की वजह से गंदा पानी गली की सतह पर आने को मचलता दिखता है.
बिना डिगरी वाला फर्जी आईजी
लालच का भूत जब किसी आदमी पर सवार हो आता है, तो वह रातोंरात अमीर बनने का सपना पूरा करने के लिए बिना नतीजे की चिंता किए किसी भी हद तक चला जाता है, लेकिन कानून के शिकंजे में जब वह फंसता है, तो उस की सारी चालाकी धरी की धरी रह जाती है व उस के काले कारनामे सामने आ जाते हैं.
पछतावा
कहानी - पछतावा
कैंसर का कहर
26 साल की नाइजीरिया की एक औरत जौन काल्जी को जब यह पता चला कि उसे ब्रैस्ट कैंसर है और उसे ठीक करने के लिए बच्चा गिराना पड़ेगा, तो वह सहम उठी, क्योंकि वह 6 महीने के पेट से थी और यह उस का पहला बच्चा था.
ऐक्ट्रैस का होटलुक होना जरूरी है - सोना पांडेय
भोजपुरी सिनेमा में जहां एक तरफ नायक से गायक बनने की परंपरा रही है, वहीं आजकल भोजपुरी गानों के वीडियो में बतौर ऐक्ट्रैस काम कर फिल्मों में ऐंट्री करने वाली कई हीरोइनें हिट चेहरों में शुमार हो चुकी हैं. उन्हीं में से एक नाम है बिहार के पटना की रहने वाली सोना पांडेय का, जिन का मूल नाम तो जया पांडेय है, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में उन की पहचान सोना पांडेय के नाम से ही है.
आज का सुदामा
कहानी - आज का सुदामा
In ‘Saint Maud,' is a Visceral Psychological Horror
Religion and horror are hardly novel bedfellows, but writer-director Rose Glass crafts something fresh of the construct in her promising debut “ Saint Maud.” The film follows the psychological undoing of a devout hospice nurse who becomes obsessed with saving the soul of her terminally ill patient.
Iran's Islamic Evolution
Both conservatives and reformists consider the ballot box an essential instrument
Why Audiences Flock to Faith-Based Films
Audiences flock to faith-based films.
The Higher Power of Russell Wilson
How Russell Wilson kept the faith during the Seahawks’ darkest hours.
The Bipartisan Pontiff
Pope Francis likes to keep them guessing.
The Confession of Arian Foster
The Pro Bowl running back doesnt believe in God. Now, for the first time publicly, he's ready to share why.
एक महान उद्देश्य ने खोल दिये कल्याण के अनेक मार्ग
अपने हृदय में धर्म के प्रति जितनी सच्चाई है उतनी ही अपनी उन्नति होती है।
आयुर्वेद का अद्भुत प्राकट्य व एलोपैथी की शुरुआत
भविष्य में सुखी होने की चिंता न करें, वर्तमान में अपने चित्त को प्रसन्न रखें।
Is UCC A Distant Dream?
The sticking point is whether there should be a code of personal laws for all or would it infringe the freedom of religion of some. While the Code has been operational for Hindus, if it's imposed and rejected by any other community, it will be a monumental folly
प्यार में जातिधर्म की दीवार का नहीं काम
प्यार दो दिलों का मेल है. जब किसी को किसी से प्यार होता है तो वह उस की जातिधर्म से परे होता है. लेकिन जब प्यार को परवान चढ़ाने की बात आती है तो जातिधर्म की दीवार आड़े आ जाती है. ऐसे में कई प्रेमी युगलों को अपने प्यार को दफन करना पड़ता है. क्या इस नफरत की दीवार को तोड़ा नहीं जा सकता?