ओह! नन्हे राजकुमार! मैंने तेरा जीवन, उसकी उदासी धीरे-धीरे समझ ली थी। बहुत दिनों तक मेरे पास मन बहलाने का एकमात्र साधन था सूर्यास्त का सौन्दर्य। इसका पता मुझे तुझसे मुलाकात के चौथे दिन चला जब तूने मुझसे कहा, “मुझे सूर्यास्त बहुत अच्छा लगता है। आओ, चलें देखें।"
“लेकिन उसके लिए तो अभी इन्तज़ार करना होगा।"
“इन्तज़ार? इन्तज़ार किस बात का?"
“कि सूर्यास्त हो।”
तुझे बड़ा आश्चर्य था। तू अपने में हँसता हुआ बोला था।
"अरे! मैं सोच रहा था कि मैं अपने घर हूँ।"
“वास्तव में जब अमेरिका में दोपहर हो तो फ्रांस में सूर्यास्त हो रहा होता है। अगर कोई अमेरिका से तुरन्त फ्रांस पहुँच जाए तो दोपहर के फौरन बाद शाम देख सकता है। दुर्भाग्यवश दोनों के बीच की दूरी काफी है। लेकिन तेरी छोटी-सी धरती पर तुझे बस अपनी कुर्सी थोड़ी इधर-उधर खिसकाने की ज़रूरत होती होगी और त जितनी बार चाहे सूरज का डूबना देख सकता होगा।"
“एक दिन मैंने तैतालीस बार सूर्यास्त देखा था।"
और तू फिर बोला, “जानते हो जब कोई उदास हो तो सूर्यास्त बड़ा अच्छा लगता है।"
मैंने कहा, “जिस दिन तूने तैंतालीस बार सूर्यास्त देखा उस दिन तो तू बड़ा उदास रहा होगा?" लेकिन उसने जवाब नहीं दिया।
पाँचवें दिन, सदा की तरह भेड़ की कृपा से ही, नन्हे राजकुमार के एक और रहस्य का पता चला। जैसे वह किसी समस्या पर चुपचाप बहुत देर से विचार कर रहा हो, उसने बिनी किसी भूमिका के झट-से कहा, “अगर भेड़ झाड़ खाती है तो फूल भी खा सकती है?"
“भेड़ जो भी मिल जाए खा डालती है।"
“काँटे वाले फूल भी?"
"हाँ, काँटेदार फूल भी।
"तो फिर काँटे किसलिए होते हैं?"
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सफेद गुब्बारे
अचानक से गुब्बारे मेरे चारों ओर मँडराने लगे! दूध जैसे रंग के, नुकीले, मेरे शरीर से भी बड़े। एक गुब्बारा मेरे मुँह में घुस गया। एक-एक करके वो मेरे मुँह में घुसे जा रहे थे। मैं चिल्लाना चाहता था। पर गला गुब्बारों से ठसाठस भर गया। उनकी नोक कई पिनों जैसी चुभ रही थीं।
पृथ्वी पर कुल कितने टी. रेक्स थे?
एक अनुमान है कि क्रेटेशियस काल के दौरान किसी एक समय में लगभग 20,000 टी. रेक्स पृथ्वी पर जीवित थे। यानी किसी एक समय में मध्य प्रदेश के बराबर क्षेत्र में लगभग 3,390 टी. रेक्स घूमते थे।
माल्टे वाले बीड़ा जी
पहली कहानी
नन्हा राजकुमार
लेखक को बचपन में बड़ों ने चित्र बनाने से हतोत्साहित किया तो वह पायलट बन बैठा। अपनी एक यात्रा के दौरान उसे रेगिस्तान में जहाज़ उतारना पड़ा। वहाँ उसकी भेंट एक छोटे-से राजकुमार से हुई। और फिर परिचय का सिलसिला शुरू हुआ। राजकुमार ने बताया कि वह एक छोटे-से ग्रह का निवासी है। राजकुमार ने अपने ग्रह के बारे में और बहुत-सी विचित्र बातें बताईं। अब आगे...
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लोकल नून पता करने के तीन तरीके
नन्हा राजकुमार
अब तक तुमने पढ़ा... लेखक को बचपन में बड़ों ने चित्र बनाने से हतोत्साहित किया तो वह पायलट बन बैठा। अपनी एक यात्रा के दौरान उसे रेगिस्तान में जहाज़ उतारना पड़ा। वहाँ उसकी भेंट एक नन्हे राजकुमार से हुई, जो किसी दूसरे ग्रह का निवासी है। राजकुमार ने लेखक को अपने ग्रह के बारे में बहुत-सी विचित्र बातें बताईं। आकाश से विचरते हुए उसने कुछ अलग-अलग ग्रहों में जाने के बारे में सोचा। पहले ग्रह में उसकी मुलाकात एक ऐसे राजा से हुई जो उस ग्रह पर अकेले रहता था। अब आगे....
मकड़ी का जाला
मकड़ी की बुनाई पर तितली को बड़ा फख था। “किसका होगा ऐसा घर! इतना महीन! पारदर्शी! उस पार पूरी दुनिया देखी जा सके। न ज़मीन, न आसमान। हवा के बीचोंबीच झूलता।”
तकिए में सुरक्षित ड्रेस
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