This story is from the 15th June 2022 edition of Modern Kheti - Hindi.
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15.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है मधुमक्खी पालन बाजार
मधुमक्खियां फसलों को परागित करके कृषि और खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, फिर भी दुनिया के कई हिस्सों में मधुमक्खियों की आबादी घट रही है। इससे मधुमक्खी पालन-मधुमक्खी पालन और शहद उत्पादन में गहरी रुचि पैदा हो रही है। वास्तव में, वैश्विक मधुमक्खी पालन बाजार का आकार 2022 में 10.3 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2032 तक 15.3 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो इस अवधि के दौरान 4% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ रहा है।
मक्का फसल प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर खोज
बदलती जलवायु में मक्का उत्पादकों को किसी भी समस्या के लिए तैयार रहना चाहिए, जिसमें नई और तेजी से बदलती बीमारियां भी शामिल हैं। यह अनुमान लगाना असंभव है कि कौन से साल में कौन सी हानिकारक बीमारी सामने आएगी। हालांकि, कई बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता वाली मक्के की फसल, उत्पादकों के लिए एक बड़ी जीत हो सकती है।
वायु प्रदूषण से घटती है परागण क्रिया
परागण की प्रक्रिया से आशय परागकणों का नर से मादा के अंगों में पहुंचना है। यह पौधों के लिए प्रजनन का एक जरूरी हिस्सा है। इस प्रक्रिया में पौधों को कीट-पतंगों के माध्यम से भोजन मिलता है, जिसे कीट परागण के रूप में जाना जाता है। लेकिन अब एक अध्ययन में सामने आया है कि कीट परागण की प्रक्रिया बाधित हो रही है और इसके लिए वायु प्रदूषण भी जिम्मेवार है।
मौजूदा खाद्य प्रणाली में बदलाव लाना आवश्यक
हमारी खाद्य प्रणाली, यानी जिस तरह से हम खाद्य पदार्थ उपजाते हैं, उनकी मार्केटिंग करते हैं तथा उन्हें खाते हैं, ने एक तरफ हमारी खाद्य जरूरतें पूरी की हैं तो दूसरी तरफ निरंतर अल्प पोषण, मोटापा, जैव विविधता और पर्यावरण को नुकसान तथा जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याएं भी पैदा की हैं।
कीटनाशकों के बिना फसल सुरक्षा के लिए नई खोजें
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कृमि (वर्म) की एक नई प्रजाति खोजी है। उनका दावा है कि यह नन्हा जीव कीटनाशकों के बिना भी फसलों को कीटों से सुरक्षित रखने में मददगार साबित हो सकता है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक यह सूक्ष्म कृमि पहले कीटों को संक्रमित करते हैं, फिर उन्हें खत्म कर देते हैं। वैज्ञानिकों ने अमेरिकी जीव विज्ञानी बायरन एडम्स के सम्मान में इस नई प्रजाति को \"स्टीनरनेमा एडम्सी\" नाम दिया है।
हरित क्रांति ने भारत को खाद्य सुरक्षा हासिल करने में तो मदद की, लेकिन पोषण सुरक्षा कमजोर
जैसा आप खाते हैं, वैसे ही आप बनते हैं या यूं कहें, जो उगाते हैं, वही खाते हैं। कल्पना कीजिए, पूरी आबादी ऐसी चीज खा रही हो जिसमें कम पोषण हो, जिसमें विटामिन और वे जरूरी तत्व नहीं हों जो विकास, बीमारियों से बचाने और स्वस्थ रहने के लिए जरूरी हैं।
पर्यावरण दिवस और प्रकृति के महत्व एवं इसके संरक्षण की पहल
पर्यावरण दिवस द्वारा हमें पर्यावरण और प्रकृति के महत्व को समझाया जाता है और देश के प्रयासों को दर्शाया जाता है। हम सभी जानते हैं कि प्रकृति और पर्यावरण हमारे दैनिक जीवन में कितना महत्वपूर्ण है।
गन्ने और फलों से प्राकृतिक सिरका उत्पादन एक सहायक व्यवसाय
प्रमुख बिंदु - सिरका एक साधारण घरेलू नाम है, जो अपने पोषण गुणों के कारण स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा के बारे में बढ़ती जागरूकता के कारण बहुत अधिक महत्व प्राप्त कर रहा है। अधिकतर व्यवसायिक इकाईयां और उद्यमी प्राकृतिक सिरके की उत्पादन तकनीक में निवेश कर रहे हैं और उससे लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
बैंगन की फसल पर बहुआयामी कीट प्रबंध
यदि किसान को कीटों के बारे जानकारी हो तो इन स्प्रेयों के खर्च और नुक्सान से बचा जा सकता है। हर फसल में यदि फसल को नुक्सान पहुँचाने वाले कीट आते हैं तो इन कीटों को प्राकृतिक तौर पर नियंत्रण में रखने के लिए अनेकों मांसाहारी कीट भी फसल पर आते हैं। जरूरत है इन कीटों की जानकारी और इनके सर्वेक्षण की विधि के ज्ञान के बारे में।
मधुमक्खियों पर कीटनाशकों के दुष्प्रभाव की जानकारी एवं बचाव के जरूरी उपाय
मधुमक्खियाँ सर्वोत्तम परागणकर्ता होती हैं और अन्य कीटों की तुलना में इनको सबसे अधिक प्रभावी परागणकर्ता माना जाता है। फसल उत्पादन की दृष्टि से परागण तथा कीट नियंत्रण दोनों ही महत्वपूर्ण कार्य हैं और भरपूर उपज लेने के लिए दोनों में पर्याप्त सामंजस्य होना अनिवार्य है।