पहले ड्रिल से खाद बोते हैं फिर उसी मशीन से बीज की बिजाई करते हैं जो कि काफी महंगी भी है और मजदूरी भी ज्यादा लगती है। यहां के किसान सीड कम फर्टीलाइजर मशीन का भी कम ही उपयोग करते हैं क्योंकि जमींदारों के पास जमीन घटती जा रही है। कारण कुछ तो सरकार सरकारी कार्यों के लिए एक्वायर कर लेती है व परिवार भी बढ़ने से जमीन भागों में बांटी जा रही है। इसलिए हर किसान इतनी महंगी-महंगी बिजाई मशीन नहीं खरीद सकता।
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किसानी मसलों का शाश्वत समाधान कैसे हो?
आज के भारतीय किसान संघर्ष ने दुनिया के इतिहास में विलक्षण तारीख लिख दी है। सरकार जितनी जोर के साथ इस संघर्ष को कुचलने का प्रयत्न कर रही है, इस संघर्ष की पकड़ उससे भी ज्यादा मजबूत होती जा रही है।
किसान आंदोलन निर्णय की प्रतीक्षा में...
भारत सरकार ने इस वर्ष किसानों के नाम पर तीन कानून लागू किये हैं। पहला किसान सुशक्तिकरण और संरक्षण कीमत असवाशन और खेती सेवा समझौता कानून, दूसरा किसान उत्पादन व्यापार और व्यापार प्रोत्साहन और सुविधा कानून और तीसरा जरूरी वस्तु (संशोधन) अध्यादेश ।
गोभी वर्गीय फसलों में घातक काला सड़न (ब्लैक रोट) रोग व रोकथाम
पौधों की पत्तियों पर अंग्रेजी के अक्षर वी के आकार के हरितहीन, मुरझाए हुए धब्बे बनने शुरू होते हैं, जो बाद में पूरी पत्ती पर फैल जाते हैं। इस तरह से पत्ती एक और के किनारे से सूखना और मुड़ना आरंभ कर देती है और बाद में सूखकर मर जाती है। पत्तियों की नसें अंदर से काली पड़ जाती हैं। पौधों के तनों के अंदर भी काले रंग का द्रव्य दिखाई पड़ता है जो कि संक्रमण का कारण बनता है।
आखिर क्यों है खेती कानूनों को लेकर किसानों का विरोध?
इन दिनों में किसान खेती कानूनों के विरूद्ध लड़ाई लड़ रहा है, जो उसके अस्तित्व के लिए खतरा बन रहे हैं और जिन्होंने उसको शारीरिक, आर्थिक और भावनात्मिक तौर पर प्रभावित किया है।
पशुपालक की जागरूकता समय की आवश्यकता
पशुपालक गलती करके पीड़ित पशु के मुंह में हाथ डाल बैठते हैं, जिससे वो रेबीज से पीड़ित हो जाते हैं। कुछ पशुओं में पशु धरती पर पांव मार मार के गिरने लगते हैं तथा बेकाबू हो जाते हैं। कुछ पशुओं में अधरंग हो जाता है तथा पशु की मौत भी हो जाती है।
डेयरी पशुओं को खरीदते समय प्रजनन जांच जरूरी क्यों?
कई बार तो ऐसी स्थिति हो जाती है कि पशुपालक मंडी में से पशु को गाभिन समझ कर खरीद कर ले आते हैं, घर में नए आए पशु के पोषण का उचित ध्यान भी रखा जाता है, प्रबंधन में कोई कमी नहीं रखी जाती, पर पशु ब्याहता नहीं है।
कृषि में साइट-विशिष्ट पोषक तत्व प्रबंधन का महत्व
किसान अकसर उर्वरक को एक दर एवं एक समय पर फसलों में डालते हैं जो कि उनकी फसल की जरूरतों के अनुरूप नहीं होता है साइटविशिष्ट पोषक तत्व प्रबंधन उन सिद्धांतों और दिशानिर्देशों को प्रदान करता है
संघर्ष 'अन्नदाता' के अधिकारों का...
संघर्ष 'अन्नदाता' के अधिकारों का...
किसान संघर्ष एक नये युग का आगाज
कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए शुरु हुआ किसान संघर्ष आज आंदोलन का एक रुप धार चुका है। युवक, बच्चे एवं बुजुर्ग काबिल-ए-तारीफ ढंग से दिल्ली में अपनी आवाज़ पहुंचाने में सफल हुए हैं।
कृषि अध्यादेश बनाम किसान
अंकित यादव (शोध छात्र), देवेन्द्र सिंह (असि. प्रो.), अंशुल सिंह (शोध छात्र), सत्यवीर सिंह (शोध छात्र ), चंद्रशेखर आजाद
Beyond Organic: Buy Regenerative!
Improving soil health is an overlooked key for nutrient-dense food and a healthier planet. We can support farming that has this focus through the products we purchase.
A Good Egg
For building a kinder, more sustainable hen-laying ecosystem.
Smart Farming: The Growing Role of Precision Agriculture and Biotech
Efficiency and sustainabiility go hand-in-hand, with an added bonus: farmers improve crop yields
Prairie Dogs
A traditionally low-end meat gets the gourmet treatment at this McClain County ranch.
No End To Farm Stir, March To Parl On Feb 1
Farmer unions say those attending tractor rally on Republic Day will march on foot to House on Union Budget Day
निर्णयःपरेड के बाद ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे किसान
• प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच शनिवार को चार घंटे तक चली मैराथन बैठक • पुलिस ने वर्तमान रूट के 80% मार्गों को मंजूरी दी
बैठक टली, अब कल होगी केंद्र और किसानों के बीच दसवें दौर की बैठक
नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसान संगठनों और सरकार के बीच दसवें दौर की वार्ता अब 20 जनवरी को होगी। केंद्र ने कहा है कि दोनों पक्ष जल्द से जल्द गतिरोध सुलझाना चाहते हैं लेकिन अलग विचारधारा के लोगों की संलिप्तता की वजह से इसमें देरी हो रही है।
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन दर्शाएंगी झांकियां
देशभर से लगभग एक लाख ट्रैक्टर-ट्रॉलियां होंगी परेड में शामिल
सिंघु बॉर्डर पर जमे प्रदर्शनकारी किसानों ने कांग्रेस सांसद से की धक्का-मुक्की
तीन नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग लेकर दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने रविवार को कथित तौर पर लुधियाना के कांग्रेस सांसद रणवीत सिंह बिट्ट के साथ धक्का-मुक्की की।
भाजपा और सूटबूट वालों की जुगलबंदी किसानों का हक छीनने को नाकाबंदी
किसान आंदोलन पर प्रियंका ने साधा केंद्र सरकार पर निशाना