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चूहा प्रबंधन घर से खेत तक कैसे करें
हमारे यहां ग्रामीण क्षेत्रों में चूहे को विभिन्न नामों से जाना जाता है. कहीं चुहिया, कहीं मूस, तो कहीं मूसी कहते हैं. चूहा घर व खेतखलिहान तक हानि पहुंचाता है.
उन्नत तकनीकी अपनाने से उत्पादन लागत करे कम
गांव में आज भी कृषि ही आजीविका का मुख्य साधन है. लगातार हो रहे अनुसंधान और नई किस्मों के आने से कृषि के स्तर में विकास हुआ है, लेकिन अब किसानों को खाद, बीज, दवाओं, कृषि औजारों, पानी, बिजली आदि पर अधिक खर्च करना पड़ रहा है.
कौट्रैक्ट फार्मिंग के नाम पर किसानों से ठगी
कृषि सुधार कानून में गड़बड़झाला
सेब के पौष्टिक उत्पाद खाएं भी कमाएं भी
अम्लीय फल सेब पोषक तत्त्वों से भरपूर है. इस के सेवन से केवल ऊर्जा ही नहीं मिलती, बल्कि विभिन्न मैटाबौलिक क्रियाओं के पूरे विकास में भी बहुत मदद मिलती है.
आज के जमाने में केले की खासीयत
आज के खाद्य वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में केले को बहुत ज्यादा उपयोगी पाया है. जरमनी के गोली जन विश्वविद्यालय के प्रोफैसर फूडल ने अपनी रिसर्च के आधार पर सलाह दी है कि डिप्रैशन के शिकार आदमी को केले का सेवन करना चाहिए. प्रोफैसर फूडल के मुताबिक, केले में सेरोटोनिन नामक तत्त्व पाया जाता है. इस से मानसिक परेशानियों से छुटकारा मिलता है.
प्याज व लहसुन में कीट और रोग प्रबंधन
प्याज व लहसुन कंद समूह की मुख्य रूप से 2 ऐसी फसलें हैं, जिन का सब्जियों के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण स्थान है. देश में इन की खपत और विदेशी मुद्रा अर्जन में बहुत बड़ा योगदान है.
गन्ने की खेती में नया कीर्तिमान
भारत में ज्यादातर किसान खेती से परेशान हैं. ऐसे में वे मजबूरी में खेती कर रहे हैं. इस की मुख्य वजह कहीं न कहीं उन की उपज का सही दाम न मिल पाना है, जिस्म के चलते उन्हें लगातार घाटा हो रहा है. फिर भी कुछ ऐसे किसान हैं, जो जरा कर के खेतीबारी कर रहे हैं.
केले की खेती ने दिखाई मुनाफे की राह
परंपरागत रूप से हो रही खेती में हर साल लागत बढ़ती जा रही है, पर फसल के सही दाम न मिलने से मुनाफे में कमी आ रही है. सरकार द्वारा फसल का सही समर्थन मूल्य न मिलने व अनाज व्यापारियों द्वारा किसान की फसल औनेपौने दाम पर खरीदने से किसानों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. ऐसे में खेती करने के तरीकों में बदलाव की ओर किसानों ने ध्यान देना शुरू कर दिया है.
प्रबंधन तकनीक से किसानों को रोजगार
बागबानी फसलों की तुड़ाई के उपरांत
ड्रिप और मल्चिग पद्धति से शिमला मिर्च की खेती
परंपरागत खेती में रोज ही नएनए तरीके अपना कर किसान उन्नत खेती के साथ मुनाफा ले रहे हैं. ड्रिप और मल्चिग पद्धति से खेती कर के फसलों की पैदावार बढ़ाई जा सकती है. इन के इस्तेमाल से न सिर्फ अच्छा उत्पादन मिलता है, बल्कि खरपतवार नियंत्रण और सिंचाई जल की बचत भी की जा सकती है.