Poging GOUD - Vrij
लग्नानुसार ज्योतिष के महत्त्वपूर्ण सूत्र
Jyotish Sagar
|January 2024
मिथुन लग्न के जातकों को भाग्य में कमी का अनुभव होता है। बुध एवं शुक्र का सम्बन्ध सर्वाधिक शुभ फलदायक होता है। गुरु एवं शुक्र की युति दशम भाव में राजयोग के फल प्रदान करती है।
-
ज्योतिष में कोई ग्रह सभी जन्मपत्रिकाओं में एक समान फल देने वाला नहीं बताया गया है। ग्रह की शुभाशुभता और उसका कारकत्व भावेश पर आधारित होता है। ग्रह जिस भाव का स्वामी होता है, उसके अनुरूप मुख्य रूप से फल देने वाला बनता इस तरह हम ग्रहों की शुभाशुभता लग्न के अनुरूप निर्धारित कर सकते हैं। प्रस्तुत आलेख में विभिन्न लग्नों से सम्बन्धित ऐसे ही कतिपय सूत्र दिए जा रहे हैं, जो कि ज्योतिष के शिक्षार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध होंगे।
मेष लग्न
मेष लग्न में सूर्य सदैव शुभ माना गया है। इस लग्न के लिए गुरु भाग्येश होने से शुभ फलदायक है। मंगल यद्यपि अष्टमेश है, परन्तु लग्नेश होने के कारण उसे अष्टम का दोष नहीं लगता। बुध, शुक्र एवं शनि अशुभ होते हैं। शुक्र यद्यपि मारकेश है, परन्तु इसकी तुलना में बुध एवं शनि अधिक अशुभ फलदायक होते हैं। सूर्य एवं चन्द्रमा का सम्बन्ध राजयोगकारक होता है, किन्तु उसमें स्थिरता नहीं होती। गुरु–शनि का योग यद्यपि शुभ नहीं कहा गया है, परन्तु व्यवहार में इसे शुभ फल देता हुआ देखा गया है। मंगल एवं गुरु की चतुर्थ भाव में उपस्थिति धन-सम्पत्तिकारक होती है। भाग्योन्नतिकारक वर्ष 16, 22, 28 एवं 36 होते हैं। इस लग्न के व्यक्तियों का सिंह, तुला एवं धनु लग्न वाले व्यक्तियों से प्रेम, विवाह एवं मित्रता का सम्बन्ध सफल होता है।
वृषभ लग्न
वृषभ लग्न में शनि सर्वाधिक शुभ ग्रह है। केन्द्रेशत्रिकोणेश होकर वह योगकारक है और उसका शुक्र के साथ सम्बन्ध राजयोग बनाता है। वृषभ लग्न में बुध भी प्राय: शुभ फलदायक होता है, परन्तु वह मारकेश भी माना जाता है। बुध की तुलना में मंगल प्रबल मारक होता है। लग्न, सप्तम या अष्टम भाव में स्थित मंगल अग्नि, आग्नेयास्त्र अथवा दुर्घटना में मृत्यु की आशंका उत्पन्न करता है। गुरु सामान्यत: शुभ नहीं होता। सूर्य एवं चन्द्रमा त्रिकोणेश के साथ सम्बन्ध बनाकर प्राय: शुभ हो जाते हैं। शुक्र यद्यपि त्रिकेश है, परन्तु वह अशुभ नहीं होता। भाग्योदयकारक वर्ष 25, 28, 36 एवं 42 होते हैं। कन्या, वृश्चिक एवं मकर राशि वालों से प्रेम विवाह एवं मित्रता प्राय: सफल होती है।
मिथुन लग्न
Dit verhaal komt uit de January 2024-editie van Jyotish Sagar.
Abonneer u op Magzter GOLD voor toegang tot duizenden zorgvuldig samengestelde premiumverhalen en meer dan 9000 tijdschriften en kranten.
Bent u al abonnee? Aanmelden
MEER VERHALEN VAN Jyotish Sagar
Jyotish Sagar
रोमांच और उतार-चढ़ाव युक्त जीवनगाथा
एक योद्धा, सेना का स्वामी, किंगमेकर, जेल और 7 विवाह
9 mins
August 2025
Jyotish Sagar
पाचन तन्त्र को मजबूत बनाने के लिए जरूरी है "योग"
अपने व्यस्त जीवन के बीच हम अक्सर अपने पाचन तन्त्र के महत्त्व को नजरंदाज कर देते हैं। वह मुख्य कार्यकर्ता जो हमारे द्वारा उपभोग किए जाने वाले पोषक तत्वों को अथक रूप से संसाधित करता है। हालाँकि, जब हमारा पाचन स्वास्थ्य लड़खड़ाता है, तो यह हमारे समग्र स्वास्थ्य पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डालता है।
2 mins
August 2025
Jyotish Sagar
सुख-सम्पत्ति का रहस्य और नवग्रहों का प्रभाव
गृहसुख अर्थात् वह आनन्द और सन्तोष जो किसी व्यक्ति को अपने निवास स्थान, परिवार, जीवनसाथी, सन्तान और भौतिक सम्पत्ति से प्राप्त होता है। यह जीवन की अत्यन्त महत्त्वपूर्ण जरूरत है।
5 mins
August 2025
Jyotish Sagar
आत्मकारक ग्रह बनाम कर्मों की गठरी
शनि के आत्मकारक ग्रह होने की स्थिति में जातक को जीवनभर कठिन मेहनत करके संघर्षों का सामना करना पड़ सकता है। विशेषकर शनि की महादशा में अत्यधिक संघर्षों का सामना करना पड़ सकता है।
9 mins
August 2025
Jyotish Sagar
पूर्व दिशा में निर्मित भवन और उसका वास्तुशास्त्रीय महत्त्व
पूर्व दिशा में सात्विक कर्म करना शुभ माना गया है। इसलिए इस दिशा में मन्दिर निर्माण, पूजाघर, बच्चों की पढ़ाई का कमरा ( स्टडी रूम) इत्यादि का निर्माण करना शुभ माना गया है।
4 mins
August 2025
Jyotish Sagar
थिरुवरप्पु श्रीकृष्ण मन्दिर दक्षिण की द्वारका में दर्शाती है चमत्कारी उपस्थिति
भारतभूमि अनेक ऋषि- मुनियों, देवी-देवताओं और अवतारों की लीलास्थली रही है। सतयुग से लेकर द्वापर युग तक भारतभूमि पर अनेक अवतार हुए हैं। इन्हीं अवतारों ने भारतभूमि पर कई चमत्कारी लीला रची हैं।
2 mins
August 2025
Jyotish Sagar
बुद्धि जाग गई!
पूर्वजन्मों में किए कर्मों के आधार पर मिला वर्तमान जन्म, अपने उस कर्म को सिद्ध करके ही रहता है, जिसके लिए जातक का जन्म हुआ है और बुरा, कष्टदायक, शुभ और सफलतादायक समय उसके लिए ही परिचायक होता है।
2 mins
August 2025
Jyotish Sagar
9 को है रक्षाबन्धन जानें कब बँधेगी राखी?
भारत में रक्षाबन्धन का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
2 mins
August 2025
Jyotish Sagar
जोहरान ममदानी अमेरिका में उभरता भारतीय मूल का राजनेता
भारतीय मूल एवं युगाण्डा में जन्मे अमेरिकन राजनेता जोहरान ममदानी इन दिनों चर्चा में हैं।
5 mins
August 2025
Jyotish Sagar
श्रीराधा और कृष्ण दिव्य युगल का दिव्य प्रेम
भारत की सांस्कृतिक परम्परा में राधा और कृष्ण का प्रेम, मात्र एक लौकिक सम्बन्ध नहीं, वरन् आध्यात्मिक स्तर पर सर्वोच्च प्रेम का प्रतीक माना जाता है।
4 mins
August 2025
Translate
Change font size
