क्या है कब्ज और यह क्यों होता है?
Sadhana Path
|November 2022
प्रत्येक व्यक्ति द्वारा प्रतिदिन एक या दो बार मल की निकासी वांछनीय है। हालांकि कब्ज अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, लेकिन यह समस्या कई अन्य बिमारियों के कारण भी उत्पन्न हो सकती है, इसलिए चिकित्सकीय परीक्षण की सलाह दी जाती है।
• कब्ज सामान्यत : हफ्ते में तीन बार से कम मल की निकासी को कहा जाता है, जिसमें मल सामान्यतः शुष्क एवं कठोर होता है। उन व्यक्तियों में जिनमें कब्ज होता है, मल त्याग में तकलीफ होती है। कब्ज के अन्य लक्षण हैं- फुलाव महसूस करना, कमजोरी या आलस महसूस करना या असुविधाजनक महसूस करना आदि।
• बहुत से लोग यह सोचते हैं कि उन्हें कब्ज है, जबकि उनका मल त्याग सामान्य एवं नियमित होता है। उदाहरण के लिए कुछ व्यक्ति यह विश्वास करते हैं कि यदि प्रतिदिन शौच नहीं हुआ, तो उन्हें कब्ज या अनियमितता है। हालांकि प्रतिदिन या प्रति सप्ताह के लिए कोई निश्चित मल त्याग संख्या निर्धारित नहीं होती। सामान्य अवस्था प्रतिदिन तीन बार या प्रति सप्ताह तीन बार हो सकती है। यह संख्या पर निर्भर करता है। इसके अलावा कुछ लोगों का मल, अन्य की तुलना में सख्त होता है।
• कभी न कभी लगभग सभी को कब्ज होता है। गलत खान-पान, आहार प्रणाली तथा व्यायाम न करना, इसके सामान्य कारण हैं। ज्यादातर स्थितियों में, कब्ज केवल अस्थायी होता है तथा गंभीर नहीं होता। इसके कारणों को समझकर इनसे बचना तथा सही उपचार ही इससे राहत पहुंचाने का एक मात्र रास्ता है।
• शूल पीड़ा, लीवर में दर्द, सिर में दर्द, किसी भी काम में मन न लगना, मिचली, भूख न रहना, शूल के साथ पतले दस्त, दस्त होने पर दस्त की दोबारा शंका बनी रहना, सूखा और कड़ा मल, पेट में गड़बड़ अथवा तनाव, बवासीर, हाजत होने पर दस्त न होना आदि।
• कब्ज एक बीमारी नहीं, बल्कि बीमारी का लक्षण है तथा यह सर्वाधिक आम पाचन संबंधी शिकायत है।
कब्ज को पहचानने के लिए निम्न पर गौर करें
1. अगर रोजाना ढंग से पेट साफ नहीं होता।
2. हमेशा ऐसा लगता रहे कि पेट से मल पूरी तरह से बाहर नहीं निकला है।
3. बार-बार टॉयलेट जाएं, मगर फिर भी मोशन आने का अंदेशा बना रहे। इसे सीधे तौर पर कब्ज नहीं कहा जाता, मगर यह कब्ज का ही एक रूप यानी उदर विकार (पेट साफ न होने की बीमार)
कब्ज किसे होता है?
Dit verhaal komt uit de November 2022-editie van Sadhana Path.
Abonneer u op Magzter GOLD voor toegang tot duizenden zorgvuldig samengestelde premiumverhalen en meer dan 9000 tijdschriften en kranten.
Bent u al abonnee? Aanmelden
MEER VERHALEN VAN Sadhana Path
Sadhana Path
ओशो शब्दों के सम्राट हैं
पहली बात तो ओशो एक विचारक हैं, महान विचारक। जो किसी धर्म से नहीं विचारों से जुड़ा रहा। विचारों से जुड़ने का मतलब है सत्य से जुड़ना। जो सत्य से जुड़ता है सब उसके दुश्मन हो जाते हैं, यही कारण था कि ओशो के इतने दुश्मन पैदा हुए। ओशो के साथ बस एक दिक्कत रही कि 99 प्रतिशत वह लोग उनके खिलाफ रहे जिन्होंने उन्हें न कभी सुना है, न ही कभी पढ़ा है।
3 mins
December 2025
Sadhana Path
अद्भुत बौद्धिक क्षमता से युक्त व्यक्ति
मेरी दृष्टि में ओशो अपने समय के सबसे ज्यादा बौद्धिक क्षमता से युक्त व्यक्ति थे जिनमें ज्ञान और विज्ञान को अपने तर्कों के माध्यम से प्रस्तुत करने की अद्भुत क्षमता थी। आप उनसे सहमत हो या न हो वो अलग बात है। मेरी नजर में उन जैसा कोई दूसरा व्यक्ति नहीं है।
1 mins
December 2025
Sadhana Path
काल की शिला पर अमिट हस्ताक्षर हैं ओशो
जब हम किसी भी व्यक्तित्व के बारे में सोचते हैं तो विचारों में सबसे पहले उसकी आकृति उभरती है। ऐसे ही ओशो के बारे में सोचते ही एक चित्र उभरता है, ओशो की घनी दाढ़ी, उन्नत भाल, समुद्र सी गहराई और बाज-सी तीक्ष्ण दृष्टि वाला उनका व्यक्तित्व एक ऐसा आभा मंडल रचता है, कि हम जैसे लोग जिन्होंने उन्हें सिर्फ फोटो में देखा है, उन्हें पढ़ने या सुनने के लिए विवश हो जाते हैं। ओशो की आवाज, वाणी, उनके शब्द, भाषा शैली, अभिव्यक्ति एवं वक्तव्य की बात करूं तो वह अद्वितीय है।
1 mins
December 2025
Sadhana Path
वास्तु उपायों से बनाएं नववर्ष को मंगलमय
नया साल अपने साथ खुशियां और सौहार्द लेकर आता है। ऐसे में पूरे वर्ष को और भी ज्यादा खास बनाने के लिए वास्तु संबंधित कुछ उपाय अपनाए जा सकते हैं। इससे घर की परेशानियां दूर होने के साथ आर्थिक तंगी से भी छुटकारा मिलेगा।
3 mins
December 2025
Sadhana Path
बुद्ध के गुणों का पावन संदेश
जोव्यक्ति बुद्ध होता है, वह सम्यक संबोधि हासिल कर लेता है, वह अनन्त गुणों से भर जाता है। उसके गुणों का ध्यान करते-करते धर्म उजागर होने लगता है। ऐसे में बुद्ध के गुणों का वर्णन करने वाले एक-एक शब्द को समझना आवश्यक है। जो इस प्रकार है-
5 mins
December 2025
Sadhana Path
इस सदी का चमत्कार हैं ओशो
ओशो से मेरा परिचय धर्मयुग के कारण हुआ उसमें उनके लेख, साक्षात्कार छपते थे। और मेरे कॉर्टून जिसमें मेरा डब्बू जी के नाम से एक कॉलम आता था, जिसे ओशो बहुत पसंद करते थे, यहां तक कि वह अपने प्रवचनों के बीच संन्यासियों को हंसाने के लिए उस पत्रिका को हाथ में लेते और कहते 'देखते हैं इस हफ्ते डब्बू जी क्या कहते हैं' और सबको उसमें से कोई लतीफा सुनाते थे। मैंने ओशो को खूब पढ़ा है। मैं उनके प्रवचनों से बहुत प्रभावित रहा हूं।
2 mins
December 2025
Sadhana Path
सर्दियों में बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के अचूक उपाय
सर्दियों के दस्तक देते ही सर्द हवाओं का सिलसिला शुरू हो जाता है, जो आगे चलकर बच्चों में सर्दी और खांसी की वजह साबित होता है। ऐसे में अगर बात बच्चों की सेहत की करें तो उनका ख्याल रखना बेहद जरूरी हो जाता है।
3 mins
December 2025
Sadhana Path
सर्दी-खांसी से बचे रहना चाहते हैं तो जरूर खाएं ये सुपरफूड्स
बदलते मौसम में अक्सर इम्युनिटी कमजोर हो जाती है इसलिए इस दौरान ऐसा आहार लेना चाहिए जो आपको भीतर से मजबूत बनाए। चलिए जानते हैं कि सर्दियों में क्या खाएं कि शरीर को शक्ति और ऊर्जा दोनों मिले।
4 mins
December 2025
Sadhana Path
बात जो जरूरी है वो जरा अधूरी है
दूसरे ही पृष्ठ पर सर्वप्रथम मेरा चेहरा देखकर आपका हैरान होना लाजमी है क्योंकि मेरा चेहरा इस विशेषांक के साथ न तो निर्णय करता है, न ही कोई तालमेल बिठाता है। क्योंकि न तो मैं कोई प्रसिद्ध हस्ती हूं न ही बुद्धिजीवियों की श्रेणी में मेरा कहीं कोई स्थान है। तो क्या मैं पत्रिका का संपादक होने के नाते पद और पन्नों का फायदा उठा रहा हूं? नहीं। न तो ऐसी मेरी कोई मंशा है, न ही कोई चाल। सच कहूं तो यह मेरी मजबूरी है। पर मेरी इस मजबूरी का संबंध किसी लाचारी या असहाय जैसी नकारात्मक अवस्था से नहीं है। मेरे लिए मजबूरी का मतलब उस विवशता से है जिसके लिए मेरा लिखना ही एक मात्र विकल्प है और यही विकल्प इस अंक का कई हद तक आधार भी है।
8 mins
December 2025
Sadhana Path
ओशो अस्तित्व की एक अभिव्यक्ति हैं
ओशो से मिलना एक ही शर्त पर होगा- आईना हो जाओ।
3 mins
December 2025
Translate
Change font size

