Prøve GULL - Gratis
कानपुर में मां-बेटी को जिंदा जलाया - अफसर बने भस्मासुर
Satyakatha
|April 2023
कानपुर में ग्राम समाज की जमीन से अवैध कब्जा हटाने के दौरान मांबेटी की जल कर हुई मौत ने लोगों को झकझोर कर रख दिया. इस से प्रदेश सरकार की भी नींद उड़ गई. जांच के लिए जिन एसआईटी टीमों का गठन किया गया है, क्या वह यह देखने की कोशिश करेंगी कि जिले में अन्य अवैध कब्जा धारकों को छोड़ कर केवल कृष्ण गोपाल के अवैध कब्जे को ही क्यों टारगेट किया गया?
कानपुर (देहात) जनपद के रूरा थाने से 5 किलोमीटर दूर मैथा ब्लौक के अंतर्गत एक बड़ी आबादी वाला गांव है मड़ौली. अकबरपुर और रूरा 2 बड़े कस्बों के बीच लिंक रोड से जुड़े ब्राह्मण बाहुल्य इसी गांव में कृष्ण गोपाल दीक्षित सपरिवार रहते थे. उन के परिवार में पत्नी प्रमिला के अलावा 2 बेटे शिवम, अंश तथा एक बेटी नेहा थी.
कृष्ण गोपाल दीक्षित के पास मात्र 2 बीघा जमीन थी. इसी जमीन पर खेती कर और बकरी पालन से वह अपना परिवार चलाते थे. बेटे जवान हुए तो वह भी पिता के काम में सहयोग करने लगे.
कृष्ण गोपाल के घर के ठीक सामने अशोक दीक्षित का मकान था. अशोक दीक्षित के परिवार में पत्नी सुधा के अलावा 3 बेटे गौरव, अखिल व अभिषेक थे. वह दबंग व संपन्न व्यक्ति थे. उन के पास खेती की अच्छीखासी जमीन थी.
इस के अलावा उन के 2 बेटे गौरव व अभिषेक फौज में थे. संपन्नता के कारण ही गांव में उन की तूती बोलती थी. उन के बड़े बेटे गौरव का विवाह रुचि दीक्षित के साथ हो चुका था. रुचि खूबसूरत थी. वह अपनी सास सुधा के सहयोग से घर संभालती थी.
घर आमनेसामने होने के कारण अशोक व कृष्ण गोपाल के बीच बहुत नजदीकी थी. दोनों परिवारों का एकदूसरे के घर आनाजाना था. अशोक की पत्नी सुधा व कृष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला की खूब पटती थी, लेकिन दोनों के बीच अमीरीगरीबी का बड़ा फर्क था. कृष्ण गोपाल व उस के परिवार के मन में सदैव गरीबी की टीस सताती रहती थी.
मड़ौली गांव से लगभग एक किलोमीटर दूर सड़क किनारे ग्राम समाज की भूमि पर कृष्ण गोपाल दीक्षित का पुश्तैनी कब्जा था. सालों पहले इस वीरान पड़ी भूमि पर कृष्ण गोपाल के पिता चंद्रिका प्रसाद दीक्षित व बाबा ने पेड़ लगा कर कब्जा किया था. बाद में पेड़ों ने बगीचे का रूप ले लिया.

Denne historien er fra April 2023-utgaven av Satyakatha.
Abonner på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av kuraterte premiumhistorier og over 9000 magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
FLERE HISTORIER FRA Satyakatha
Satyakatha
'बौंबे हाई' सच्ची घटनाओं पर
सिनेमा में केवल मनोरंजन ही नहीं, बल्कि समाज को जागरुक करने और उन कहानियों को अमर बनाने की काबिलियत भी होती है, जो इतिहास में कहीं खो गईं.
1 mins
November 2025
Satyakatha
विशाल ब्रह्मा ड्रग्स के साथ गिरफ्तार
औफ', 'मलिक' और 'सी यू सून' जैसी चर्चित फिल्मों के लिए जाना जाता है. वह निर्देशक होने के साथसाथ पटकथा लेखक, एडिटर और सिनेमैटोग्राफर भी है, जो इस प्रोजेक्ट में गहराई और संवेदनशीलता जोड़ता है.
1 min
November 2025
Satyakatha
एक पेड़ जो है पर्यावरण का दुश्मन
पर्यावरण और आबोहवा को सही बनाए रखने के लिए पेड़पौधे लगाना एक अच्छा कार्य होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक पेड़ ऐसा भी है, जो पर्यावरण का दुश्मन है.
2 mins
November 2025
Satyakatha
एक लव मैरिज और मौतें
जंगलों और पर्वतों से भरापूरा महाराष्ट्र का गढ़चिरौली जिला नक्सली घटनाओं के लिए जाना जाता है.
2 mins
November 2025
Satyakatha
1000 गुना बड़ी आंख
आंखों र 'खों से सब कुछ दिखता है और दूर तक दिखाई देता है, लेकिन हम अपनी आंख को खुद नहीं देख सकते हैं.
1 min
November 2025
Satyakatha
अहान पांडे संग शरवरी वाघ!
आजकल 'सैयारा' फेम अहान पांडे की एक नई फिल्म की चर्चा जोरों पर है.
1 min
November 2025
Satyakatha
इश्क पर पहरा बरदाश्त नहीं
मनोज और स्वाति एकदूसरे को दिलोजान से चाहते थे, लेकिन उन के फेमिली वालों को यह बात बरदाश्त नहीं हुई.
5 mins
November 2025
Satyakatha
पति और प्रेमा नहीं समझे बीनू का दर्द
बीनू शर्मा को अपने घर और बच्चों की चिंता थी, तभी तो वह पति संजय शर्मा से शराब पीने को मना करती थी, लेकिन समझाने पर उसे मिला शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न.
1 min
November 2025
Satyakatha
जाह्नवी कपूर की जगह प्रतिभा रांटा
फिल्म 'दोस्ताना' का दूसरा भाग बनने की शुरुआत से ही हीरोहीरोइनों के चयन को ले कर काफी विवादों में रही है.
1 min
November 2025
Satyakatha
6 मंजिला इमारत जितनी ऊंची लहरें
समुद्र की आदमकद लहरें सामान्य तौर पर देखी जाती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब समुद्र की लहरें रौद्र रूप ले लेती हैं, तब उस की ऊंचाई 6 मंजिला इमारत जितनी हो जाती है.
1 min
November 2025
Translate
Change font size

