हिंदी फिल्मों में एक हीरो की छवि अच्छे इंसान की होती है. फिल्मी इतिहास गवाह है कि फिल्म का हीरो बेहद अच्छा, रिश्तों को निभाने वाला, पौजिटिव, 10 गुंडों को अकेला पीटने वाला, दर्शकों का चहेता होता है और यही दर्शकों का प्यारा हीरो जब गुंडों से मार खाता है तो उस हीरो को प्यार करने वाले दर्शक अपने पसंदीदा हीरो को मार खाते हुए भी नहीं देख पाते. दर्शकों का प्यार ही होता है जो एक हीरो को सुपरस्टार के सफर तक ले जाता है.
लेकिन यही स्टार जिस में अपने अभिनय के जरीए कुछ अलग कर दिखाने की लालसा होती है तो वह अपनी इमेज से बाहर निकल कर खलनायक अर्थात ऐंटी हीरो बन कर भी दर्शकों को लुभाने आ जाता है.
अपने फैवरिट हीरो को खलनायक के रूप में देख कर भी दर्शक उस से नफरत नहीं कर पाते बल्कि एक ऐक्टर के तौर पर अलग तरह का किरदार निभाने के लिए उसे दर्शकों का और ज्यादा प्यार मिलने लगता जैसेकि हाल ही में प्रदर्शित रणबीर कपूर और बौबी देओल द्वारा अभिनीत फिल्म 'ऐनिमल' में दोनों ही हीरो नैगेटिव भूमिका में थे बावजूद इस के दर्शकों ने बतौर ऐंटी हीरो न सिर्फ रणबीर और बौबी को पसंद किया बल्कि इस फिल्म ने बौक्स ऑफिस पर सफलता के सारे रिकौर्ड भी तोड़ दिए.
この記事は Grihshobha - Hindi の February Second 2024 版に掲載されています。
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आजादी सिर्फ आदमियों के लिए नहीं
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यहां मायावी मकड़जाल है
ई कॉमर्स के हजार गुण हों पर ई असलियत में यह एक तरह की साजिश है जिस में सस्ती लेबर का इस्तेमाल कर के खातेपीते लोगों को घर से निकले बिना सब सुविधाएं दिलाना है. ई कॉमर्स का मुख्य धंधा एक तरफ वेयर हाउसिंग, स्टैकिंग और डिलिवरी पर निर्भर है तो दूसरी ओर ग्राहकों को मनमाने प्रोडक्ट घर बैठे पाने के लालच में खरीदने के लिए एनकरेज करना है.
औरतों को गुलाम बनाए रखने की साजिश
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व्यावहारिकता के बजाय संस्कारों के नाम पर औरतों को गुलाम रखने की एक साजिश सदियों से चली आ रही है. आखिर इस के जिम्मेदार कौन हैं...