दिल्ली जाने के लिए देहरादून रेलवे स्टेशन पर आठ कोच वाली बेहद आकर्षक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के साथ सेल्फी लेने के लिए यात्रियों में होड़ मची थी। लेकिन, कौतूहल से इधर-उधर भागते लोगों की इस भीड़ के बीच राजस्थान के रहने वाले रेलवे कर्मचारी जितेंद्र मीणा (परिवर्तित नाम) अपनी जगह खड़े रहे। इस चुनावी मौसम में जब उनसे हवा का रुख जानने की कोशिश की गई तो धीरे से बोले, ‘अब हर तरफ जाति और धार्मिक आधार पर राजनीति हो रही है, जबकि रोजगार की समस्या जस की तस है। यही सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा होना चाहिए था। मुझे किसी भी सरकार से कोई उम्मीद नहीं है।’
चार लोगों के परिवार का भरण-पोषण करने वाले 30 वर्षीय मीणा कहते हैं कि उनके ज्यादातर साथी रोजी-रोटी की तलाश में गांव छोड़ देने के बावजूद आज बेरोजगार हैं। जिन्हें भाग्य से रोजगार मिल भी गया, उन्हें बहुत कम मेहनताने या तनख्वाह पर काम करना पड़ रहा है। मीणा रेलवे क्षेत्र में अपनी नौकरी से भी बहुत अधिक संतुष्ट नहीं है। वह कहते हैं, ‘अधिकांश काम बाहर से कराए जा रहे हैं। सब कुछ ठेकेदारों के हवाले कर दिया गया है। एक कोच में सफाई के मुद्दे को लेकर मेरे सुपरवाइजर ने मुझे 24 दिन के लिए निलंबित कर दिया। उस दौरान मुझे तनख्वाह नहीं दी गई। इस मामले में ठेकेदार पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।’
मीणा कुछ गलत भी नहीं बोल रहे। रोजगार को लेकर उनकी प्रतिक्रिया इंटरनैशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन (आईएलओ) और इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट द्वारा संयुक्त रूप से जारी की गई भारत रोजगार रिपोर्ट के आंकड़ों से मेल खाती है। देश में बेरोजगारी दर 2019 में 5.8 प्रतिशत से घटकर 2022 में 4.1 प्रतिशत रह जाने के बावजूद अभी 2012 के मुकाबले बहुत अधिक है। उस समय बेरोजगारी दर मात्र 2.1 प्रतिशत थी। इसके अतिरिक्त रिपोर्ट में निम्न गुणवत्ता की नौकरियां पैदा होने का भी प्रमुखता से जिक्र किया गया है, जिनमें आय तो घट गई है और रोजगार संकट बढ़ गया है।
この記事は Business Standard - Hindi の April 20, 2024 版に掲載されています。
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सबसे चौंकाने वाली हार अयोध्या (फैजाबाद) की रही है, जहां उसके दो बार के सांसद लल्लू सिंह को समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने हरा दिया है। अवध क्षेत्र में राजधानी लखनऊ को छोड़कर पड़ोसी जिले बाराबंकी, सीतापुर, लखीमपुर, सुल्तानपुर, रायबरेली, अमेठी, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, प्रतापगढ़, कौशांबी, श्रावस्ती, संतकबीरनगर और बस्ती लोकसभा सीटों पर भाजपा को हार मिली है।