नवनिर्मित भव्य राम मंदिर में 22 जनवरी 2024 को प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान संपन्न होने के बाद अयोध्या देश में आध्यात्मिक पर्यटन की हॉट-स्पॉट बन गई है। उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह को उम्मीद है कि राम मंदिर के ऐतिहासिक उद्घाटन के बाद अयोध्या "दुनिया में सबसे पसंदीदा" पर्यटन-स्थल बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद डेटा जारी किया है कि राम मंदिर के उद्घाटन के 12 दिनों के भीतर करीब 24 लाख श्रद्धालु अयोध्या पहुंच चुके हैं। टेम्पल कनेक्ट और द इंटरनेशनल टेम्पल्स कन्वेंशन ऐंड एक्सपो के संस्थापक गिरीश कुलकर्णी ने आउटलुक से कहा कि सरकार अयोध्या में तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं को बढ़ाने के लिए तेजी से काम कर रही है। इसमें कोई शक नहीं है कि आने वाले समय में अयोध्या देश का सबसे बड़ा आध्यात्मिक स्थल बन जाएगा।” अमेरिकी इन्वेस्टमेंट और बैंकिंग फर्म जेफरीज की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, अयोध्या सालाना 5 करोड़ से अधिक पर्यटकों को आकर्षित कर सकती है। अयोध्या में ढांचागत सुधार और श्रद्धालुओं के अनुभव को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15,000 करोड़ रुपये की सौगात दे चुके हैं। ओयो के फाउंडर के रितेश अग्रवाल के मुताबिक, “अयोध्या के बुकिंग में 70 फीसदी का उछाल आया है।” मेकमायट्रिप के सह-संस्थापक राजेश मागो के अनुसार, “अयोध्या के लिए पिछले साल की तुलना में चार गुना अधिक बुकिंग हुई है।”
अयोध्या का इतिहास जैसा भी रहा हो, भविष्य अब सबके सामने चमक रहा है। सरयू नदी के तट पर स्थित यह शहर प्रमुख आर्थिक केंद्र में बदल रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुताबिक, 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख स्थल के रूप में उभरेगा। इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि 22 जनवरी के बाद से अयोध्या में कोई होटल खाली नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकार की मानें तो फिलहाल 73 नए होटल पाइपलाइन में हैं, जिसमें करीब 40 में काम शुरू हो चुका है।
この記事は Outlook Hindi の April 01, 2024 版に掲載されています。
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जौनपुर
इतिहास की गोद में ऊंघता-सा एक शहर है, उत्तर प्रदेश का जौनपुर। पुराने शहरों के साथ अक्सर ऐसा होता है कि वे किसी मील के पत्थर से यू टर्न लें और सभ्यता की सामान्य दिशा से उल्टी दिशा में चल पड़ें।
समय की गति की परख
इस संग्रह का महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि कवि यहां अस्तित्ववाद के प्रश्नों से रूबरू होते हैं। निजी और वृहत्तर तौर पर जीवन को इस विमर्श के घेरे में लाकर कवि अस्तित्व से संबंधित प्रश्नों का उत्तर पाने का प्रयास करता है।
प्रकृति का सान्निध्य
वरिष्ठ कवयित्री सविता सिंह का नया संग्रह ‘वासना एक नदी का नाम है’ स्त्री-विमर्श को नई ऊंचाई पर ले जाता है।
आजाद तवायफ तराना
तवायफों पर आई नई वेबसीरीज हीरामंडी ने फिर कोठेवालियों और देवदासियों के साथ हिंदुस्तानी सिनेमा के रिश्तों की याद दिलाई
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टीम इंडिया में अर्जुन तो बहुत, उन्हीं को संवारने के लिए एक ऐसे कोच की तलाश, जो टीम को तकनीकी-मानसिक मजबूती दे सके
ममता दीदी की दुखती रग
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हवा का रुख दोतरफा
ईडी की कार्रवाइयों और जनता के मुद्दों पर टिका है चुनाव
तीसरी बारी क्यों
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इस बार उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में सवर्णों को अपने धर्म और वर्चस्व की चिंता दिख रही है, तो अवर्ण समाज के दिल को संविधान और लोकतंत्र का मुद्दा छू रहा
किस ओर बैठेगा जनादेश
बड़े राज्यों में कांटे के मुकाबले के मद्देनजर 4 जून को नतीजों के दिन ईवीएम से निकलने वाला जनादेश लगातार तीसरी बार एनडीए को गद्दी सौंपेगा या विपक्षी गठजोड़ 'इंडिया' के पक्ष में बदलाव की बानगी लिखेगा, यह लाख टके का सवाल देश की सियासत की अगली धारा तय करेगा