नूर अहमद,
अफगानिस्तान
आइपीएल 2022 में गुजरात टाइटंस की तरफ से खेलते हुए अपनी चाइनामैन गेंदबाजी का जौहर दिखाने वाले 20 वर्षीय बाएं हाथ के गेंदबाज नूर अहमद को राशिद खान का वर्जन भी कहा जा सकता है। दोनों की गति, एक्शन और दिमाग से खेलने का तरीका बहुत हद तक एक जैसा है। हालांकि, नूर अहमद फिलहाल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पैर जमाने के प्रयास हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि भारतीय सरजमीं पर अफगानिस्तान की तगड़ी टीम और नूर अहमद स्टार खिलाड़ी बनकर सामने आने का माद्दा रखते हैं।
तंजिम हसन साकिब,
बांग्लादेश
तस्कीन अहमद, मुस्तफिजुर रहमान के अलावा बांग्लादेशी पेस बैटरी की जिम्मेदारी इस बार 20 वर्षीय तंजिम हसन साकिब के युवा कंधों पर होगी। एक्शन और गति, साकिब को अन्य गेंदबाजों से बेहतर बनाती है। उनका करिअर छोटा है लेकिन इस खिलाड़ी में बांग्लादेश का भविष्य दिखता है। क्रिकेट एक्सपर्ट की मानें, तो साकिब इस विश्व कप में कई टीमों को चौंका सकते हैं।
अब्दुल्लाह शफीक,
पाकिस्तान
पाकिस्तान की टीम की खासियत उसका अप्रत्याशित पेश करने की माद्दा है। पड़ोसी देश का क्रिकेट ब्रांड भी अन्य सभी देशों से जुदा है। अगर यही सिलसिला जारी रहा, तो विश्व क्रिकेट का परिचय भविष्य के सितारे, अब्दुल्लाह शफीक से हो सकता है। 23 साल की आयु में टेस्ट क्रिकेट में जबरदस्त खेल दिखाने वाले शफीक को तकनीकी रूप से ‘गॉड गिफ्टेड खिलाड़ी’ कहा जाता है। बतौर ओपनर, शफीक टीम को अहम विविधता और मजबूत शुरुआत प्रदान कर सकते हैं।
ईशान किशन,
भारत
この記事は Outlook Hindi の October 30, 2023 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、8,500 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です ? サインイン
この記事は Outlook Hindi の October 30, 2023 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、8,500 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です? サインイン
जौनपुर
इतिहास की गोद में ऊंघता-सा एक शहर है, उत्तर प्रदेश का जौनपुर। पुराने शहरों के साथ अक्सर ऐसा होता है कि वे किसी मील के पत्थर से यू टर्न लें और सभ्यता की सामान्य दिशा से उल्टी दिशा में चल पड़ें।
समय की गति की परख
इस संग्रह का महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि कवि यहां अस्तित्ववाद के प्रश्नों से रूबरू होते हैं। निजी और वृहत्तर तौर पर जीवन को इस विमर्श के घेरे में लाकर कवि अस्तित्व से संबंधित प्रश्नों का उत्तर पाने का प्रयास करता है।
प्रकृति का सान्निध्य
वरिष्ठ कवयित्री सविता सिंह का नया संग्रह ‘वासना एक नदी का नाम है’ स्त्री-विमर्श को नई ऊंचाई पर ले जाता है।
आजाद तवायफ तराना
तवायफों पर आई नई वेबसीरीज हीरामंडी ने फिर कोठेवालियों और देवदासियों के साथ हिंदुस्तानी सिनेमा के रिश्तों की याद दिलाई
अगला द्रोण कौन
टीम इंडिया में अर्जुन तो बहुत, उन्हीं को संवारने के लिए एक ऐसे कोच की तलाश, जो टीम को तकनीकी-मानसिक मजबूती दे सके
ममता दीदी की दुखती रग
इस चुनाव में अपनी पार्टी के नेताओं का भ्रष्टाचार ही ममता की सबसे बड़ी चुनौती
हवा का रुख दोतरफा
ईडी की कार्रवाइयों और जनता के मुद्दों पर टिका है चुनाव
तीसरी बारी क्यों
विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भ्रष्टाचार और संविधान बदलने तथा आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाकर देश की जनता को गुमराह नहीं कर सकता
क्या बदलाव होने वाला है?
इस बार उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में सवर्णों को अपने धर्म और वर्चस्व की चिंता दिख रही है, तो अवर्ण समाज के दिल को संविधान और लोकतंत्र का मुद्दा छू रहा
किस ओर बैठेगा जनादेश
बड़े राज्यों में कांटे के मुकाबले के मद्देनजर 4 जून को नतीजों के दिन ईवीएम से निकलने वाला जनादेश लगातार तीसरी बार एनडीए को गद्दी सौंपेगा या विपक्षी गठजोड़ 'इंडिया' के पक्ष में बदलाव की बानगी लिखेगा, यह लाख टके का सवाल देश की सियासत की अगली धारा तय करेगा