कमबख्त इस ब्याह का क्या करें!
India Today Hindi|December 27, 2023
बिहार में पकड़ौआ शादियां फिर से चर्चा में. कभी दहेज प्रथा के खिलाफ शुरू हुए इस चलन ने धीरे-धीरे नरक बना दी ब्याहताओं की जिंदगी कोई गांव-जवार से बहिष्कृत होकर झोंपड़ों में गुजर कर रहीं तो किसी को साल-दर-साल कोर्ट-कचहरी के फेरे लगाने पड़ रहे. वैसे एक स्तर पर सकारात्मक बदलाव भी दिखना शुरू
पुष्यमित्र
कमबख्त इस ब्याह का क्या करें!

गौतम राय-चांदनी कुमारी

स्थानः गांव मालपुर, जिला वैशाली

शादी की तारीख: 29 नवंबर 2023

आरोपः पास के ही रैपुरा गांव के राजेश राय ने गौतम का अपहरण कर बेटी चांदनी से उनकी शादी करा दी. गौतम के परिजन अदालत जाएंगे.

जवाब: राजेश कहते हैं कि गौतम मेरी बेटी से प्रेम करता था. नौकरी लग गई तो उसका मन बदलने लगा. चांदनी ने दबाव बनाया तो दोनों ने चोरी छिपे शादी कर ली. 

पटना के थोड़ा पूरब में, वैशाली जिले का एक संपन्न गांव है मालपुर. 22 वर्षीय गौतम राय हाल में यहां के एक स्कूल में शिक्षक नियुक्त हुए थे. नौकरी मिलने के बाद यह नौजवान अपने जीवन में कई अहम बदलावों के बारे में सोच-विचार कर रहा था. तभी पिछले 29 नवंबर को पास के रेपुरा गांव के राजेश राय ने परिजनों के साथ स्कूल पर धावा बोलकर उन्हें उठाया और अपनी बेटी चांदनी के साथ उनके फेरे करा दिए. फिर क्या था! बवाल मच गया. गांववालों ने मुख्यमार्ग को घंटों जाम रखा. तब जाकर पुलिस लड़के को बरामद कर पाई. गौतम के दादा राजेंद्र राय ने राजेश और चार अन्य के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया. राजेश के बड़े भाई भूषण राय पकड़े गए.

थोड़ी-सी मशक्कत के बाद बातचीत को तैयार हुए फरार राजेश कहते हैं, "पकड़ौआ शादी की बात झूठी है. गौतम मेरी बेटी चांदनी से प्रेम करता था. नौकरी लग गई तो उसका मन बदलने लगा. चांदनी ने दबाव बनाया तो दोनों ने चोरी छिपे शादी कर ली." राजेंद्र राय को भड़काने के लिए यह बयान काफी था: "यह सरासर झूठ है. हम पहले पोतियों की शादी कराना चाहते थे. गौतम की शादी के बारे में तो अभी तक हमने सोचा भी न था. हम इस शादी को अवैध साबित कराने के लिए अदालत जाएंगे." 

आर्थिक रूप से संपन्न राजेश भी पकड़ौआ दूल्हे के तौर पर ही ब्याहे गए थे. उनकी बेटी चांदनी बीए थर्ड ईयर की अच्छी छात्रा है. इसके बावजूद पिता ने उसके गले में पकड़ौआ शादी का फंदा डाला. राजेश मालपुर की ही परमिता और मिन्नी की बर्बाद और उजाड़ जिंदगी से बखूबी वाकिफ हैं.

この記事は India Today Hindi の December 27, 2023 版に掲載されています。

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