आभासी मुद्रा पर आफत
India Today Hindi|December 07, 2022
दुनिया के तीसरे सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स के डूबने से डिजिटल करेंसी के चारों खाने चित होने का अंदेशा गहराया. निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए इसके कारोबार को लेकर सख्त प्रावधानों की मांग बढ़ी
एम. जी. अरुण
आभासी मुद्रा पर आफत

पने करियर की बुलंदी पर, एसबीएफ कहे जाने वाले सैम बैंकमैन - फ्राइड की संपत्ति 26 अरब डॉलर ( 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा ) थी. अपने बालों की खास शैली और अस्त-व्यस्त से दिखने वाले 30 वर्षीय इस अमेरिकी उद्यमी ने क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में काफी नाम और धन कमा लिया था. यह उद्यमी दुनिया में अमीर बनने के नए तरीके तलाशने वालों का चैंपियन बन गया. उसने सरकार की प्रमुख हस्तियों के लिए लॉबीइंग की, उन्हें चंदा दिया और क्रिप्टो प्रोजेक्ट को नाकाम होने से बचाया. बहुत कुछ परोपकारी कार्यों में भी खर्च किया. सो, कामयाबी की यह दास्तान ऐसी कतई नहीं लगती कि बीच रास्ते में कहीं गुम हो जाए, लेकिन ऐसा हुआ. 11 नवंबर को बहामा स्थित उनकी फर्म एफटीएक्स ने दिवालियापन संरक्षण की अर्जी दायर कर दी. तकरीबन दस लाख निवेशकों वाले दुनिया के इस तीसरे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के दिवालिया होने की खबर के बाद तो दुनिया भर के एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें धड़ाधड़ गिरने लगीं. कुल क्रिप्टो बाजार पूंजीकरण या लेनदेन से जुड़ी क्रिप्टो करेंसी का कुल मूल्य 6 नवंबर को 10 खरब डॉलर (लगभग 82 लाख करोड़ रुपए) से गिरकर 21 नवंबर को 803.6 अरब डॉलर (लगभग 66 लाख करोड़ रुपए) हो गया. यह पिछले साल नवंबर में बाजार की बुलंदी के दिनों में 30 खरब डॉलर (लगभग 245 लाख करोड़ रुपए) के अपने बाजार मूल्यांकन से काफी कम था. एफटीएक्स के पतन के बाद, बैंकमैनफ्राइड की संपत्ति लगभग 1 अरब डॉलर (करीब 8, 100 करोड़ रुपए ) तक सिकुड़ गई. उन्हें कई मुकदमों का सामना करना पड़ा और कंपनी के सीईओ का पद भी छोडना पड़ा.

एफटीएक्स का पतन हाल के दिनों में क्रिप्टो कारोबार में अब तक आए झटकों की कड़ी में सबसे जबरदस्त है. इसके चलते उस क्षेत्र में हंगामा बरप गया है जिसमें पहले ही पर्याप्त नियम-कायदे नहीं हैं. यूक्रेन युद्ध के बाद दुनिया में मंदी की आशंका से क्रिप्टो वैल्यूएशन में गिरावट पहले ही आ चुकी थी, और अब इस हादसे ने तो क्रिप्टो कारोबार के भविष्य पर ही सवालिया निशान लगा दिया है.

この記事は India Today Hindi の December 07, 2022 版に掲載されています。

7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、8,500 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。

この記事は India Today Hindi の December 07, 2022 版に掲載されています。

7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、8,500 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。

INDIA TODAY HINDIのその他の記事すべて表示
फिर आ गया हूं मैं
India Today Hindi

फिर आ गया हूं मैं

फिल्म टिप्सी के जरिए सनसनीखेज वापसी करने के साथ दीपक तिजोरी कई और नए प्रोजेक्ट्स के जरिए अपने लिए नए-नए मुकाम बनाने की राह पर

time-read
1 min  |
June 05, 2024
चुनौतियों के बीच नया चेहरा
India Today Hindi

चुनौतियों के बीच नया चेहरा

क्लासिक, म्यूजिकल, रियलिस्टिक नाटकों के नियमित शो; दूरदराज की आंचलिक जमीन से आए ताजगी से भरे कलाकार; और महत्वाकांक्षी प्लानिंग. देश के इस राष्ट्रीय रंगमंडल ने बढ़ी हलचलों से जगाई उम्मीद

time-read
4 分  |
June 05, 2024
परचम लहराती सरपंच
India Today Hindi

परचम लहराती सरपंच

राजस्थान की उस सरपंच की कहानी जिसने अलग सोच, हौसले और मेहनत के बलबूते खेत से संयुक्त राष्ट्र तक लहराया परचम

time-read
5 分  |
June 05, 2024
सेना की गोरखा गुत्थी
India Today Hindi

सेना की गोरखा गुत्थी

कोरोना महामारी और अग्निपथ योजना के नेपाली विरोध से भारतीय सेना में गोरखा भर्ती थमी, गोरखा फौजियों की घटती संख्या देश के लिए रणनीतिक चिंता का विषय, खासकर इन अटकलों से कि इन लाजवाब लड़ाकुओं पर चीन की भी नजर है

time-read
7 分  |
June 05, 2024
वोटों की फसल, किसानों पर नजर
India Today Hindi

वोटों की फसल, किसानों पर नजर

उत्तरी राज्यों में पसरे कृषि संकट के बीच किसानों में अपनी पैठ बनाने के लिए भाजपा ने व्यावहारिक नजरिया अपनाया, तो विपक्ष भी भारत के इस सबसे बड़े मतदाता तबके को रिझाने की जुगत में

time-read
7 分  |
June 05, 2024
पीले बालू के लिए लाल होती सोन नदी
India Today Hindi

पीले बालू के लिए लाल होती सोन नदी

बिहार में आखिरी चरण के चुनाव में चार सीटों का जुड़ाव कहीं न कहीं सोन नद से है. मगर अंधाधुंध रेत खनन, बराज पर गाद का जमाव और इनकी वजह से लोगों की आजीविका, खेती और दूसरे संकटों के सवाल पर इस चुनाव में कोई चर्चा नहीं

time-read
5 分  |
June 05, 2024
"बाल-बच्चा पियासल रहेगा तो पीएम-सीएम बनाने का क्या फैदा"
India Today Hindi

"बाल-बच्चा पियासल रहेगा तो पीएम-सीएम बनाने का क्या फैदा"

कैमूर जिले के अधौरा पहाड़ पर बसे 108 गांवों में महिलाएं आज भी पानी ढोकर ला रहीं. सोलर बिजली भी कुछेक घरों में चंद घंटे के लिए. मोबाइल नेटवर्क तो ईश्वर को तलाशने जैसा

time-read
5 分  |
June 05, 2024
तिलों में बाकी तेल है कितना
India Today Hindi

तिलों में बाकी तेल है कितना

उत्तर प्रदेश में छठे और सातवें चरण का लोकसभा पूर्वी यूपी में पिछड़ी जाति के कई दिग्गज नेताओं का कद तय करने जा रहा

time-read
6 分  |
June 05, 2024
जी जान से सुक्खू का अभियान
India Today Hindi

जी जान से सुक्खू का अभियान

लगातार दो जीत के घोड़े पर सवार भाजपा को हिमाचल में मोदी मैजिक पर भरोसा है. मुश्किलें झेल रहे मुख्यमंत्री के नेतृत्व में गुटबाजी की शिकार कांग्रेस की उम्मीद 2022 के विधानसभा चुनाव की जीत पर टिकी है

time-read
6 分  |
June 05, 2024
आखिर क्यों महत्वपूर्ण हैं आदिवासी वोट
India Today Hindi

आखिर क्यों महत्वपूर्ण हैं आदिवासी वोट

देशभर में आदिवासियों के लिए सुरक्षित लोकसभा की 47 सीटें पीएम मोदी के 400 पार अभियान के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण लेकिन 2019 के मुकाबले इस बार इन्हें जीतना शायद उतना आसान नहीं

time-read
9 分  |
June 05, 2024