गुजरात में दीवाली के उल्लास और आनंद का उस वक्त खौफनाक तरीके से अंत हुआ जब 30 अक्तूबर को मोरबी कस्बे में मच्छू नदी पर बना झूला पुल टूट गया. घटना में कम से कम 134 लोगों की जान गई और कई हताहत हुए. विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की संभावित घोषणा से ठीक पहले इस त्रासदी का समय, स्थान और संदर्भ सत्तारूढ़ भाजपा के लिए बुरी खबर लेकर आया. उसकी दोनों मुख्य प्रतिद्वंद्वी-आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस–ने भले ही बचाव कार्य खत्म होने तक जुबानी जंग छेड़ने से परहेज किया हो, पर हादसे की तह में दबी इबारतें चीख-चीखकर बोल रही हैं. सत्ता विरोधी भावना वैसे भी राज्य में विपक्ष के अभियान की सबसे प्रमुख थीम है, उसके साथ अब इस त्रासदी से पैदा गुस्से और आक्रोश का इन अहम चुनावों पर अच्छा-खासा असर पड़ने की पूरी संभावना है.
लेकिन सबसे पहले यह भयानक हादसा कुछ मोर्चों पर आपराधिक जिम्मेदारी तय करने की मांग करता है. पुल को मोरबी नगरपालिका ने बिना सुरक्षा ऑडिट के जनता के लिए खोल दिया. इतना ही नहीं इन आश्यकताओं का उल्लेख किए बगैर इसकी मरम्मत और रखरखाव का काम अजंता ब्रांड नाम से दीवार घड़ियां बनाने वाली कंपनी ओरेवा ग्रुप को दे दिया गया. मोरबी नगरपालिका के प्रमुख संदीपसिंह झाला ने बताया कि पुल उनकी अनुमति के बगैर खोल दिया गया. ओरेवा के चेयरमैन जयसुख पटेल के हाथों उद्घाटन के बाद और गिरने से पहले चार दिन तक इस पर आवाजाही होती रही. यह पता नहीं चल सका कि नगरपालिका के अफसरों ने सुरक्षा प्रमाणपत्र न होने की वजह से इसे बंद करने का कोई प्रयास क्यों नहीं किया.
この記事は India Today Hindi の November 16, 2022 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、8,500 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です ? サインイン
この記事は India Today Hindi の November 16, 2022 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、8,500 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です? サインイン
अच्छे लगते हैं बैड बॉय
वीजे, ऐक्टर और अब ट्रैवल इन्फ्लुएंसर बनीं शेनाज ट्रेजरी अतीत के इन रोमांसों पर एक किताब लेकर आईं: ऑल ही लेफ्ट मी वाज ए रेसिपी
कान्स 2024 में भारत
तीस साल में पहली बार 2024 कान्स फिल्म फेस्टिवल में पाम डी'ओर प्रतिस्पर्धा खंड में भारत की एक फीचर फिल्म को जगह मिली है. जी हां, इसके अलावा भी बहुत कुछ है...
थिएटर मेरी जान
अपने म्यूजिकल और भव्य नाटकों के लिए मशहूर रंगकर्मी फिरोज अब्बास खान की लेटर्स ऑफ सुरेश के साथ क्लासिक थिएटर में वापसी
खेवनहारों की ही नैया मझधार में
नौ फीसदी आबादी वाला निषाद समूह बड़ी ताकत बन कर उभरा. मुजफ्फरपुर सीट पर दोनों धड़ों के उम्मीदवार इसी समुदाय से निषादों की राजनीति करने वाले मुकेश सहनी से राजद ने समझौता कर उनकी पार्टी को तीन सीटें दीं. पर कहां हैं निषादों के असली सवाल?
जगन की असली अग्निपरीक्षा
लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मतदाताओं के बीच पैठ बढ़ाने के मामले में जगन मोहन रेड्डी की वाइएसआरसीपी को एन. चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी से कड़ी टक्कर मिल रही. मगर जगन की कल्याणकारी योजनाएं उन्हें बढ़त दिला सकती हैं
उथल-पुथल का दौर
पहले से चले आ रहे अनसुलझे मुद्दों की छाया में चौकोने मुकाबले के लिए तैयार हो रहे पंजाब में दलबदल और अंतर्कलह हुई आम बात
मजबूत किले की पहरेदारी
विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद भाजपा अपने गढ़ में मजबूत नजर आ रही है. वहीं, पस्त पड़ चुकी कांग्रेस को भगवा खेमे की किसी ऐसी चूक का इंतजार है, जिसका वह फायदा उठा पाए
गांधी परिवार की साख का सवाल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी की लोकसभा सीट रायबरेली से चुनाव लड़ रहे, अमेठी से गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल शर्मा मैदान में. दोनों सीटों पर कांग्रेस को भाजपा से कड़ी चुनौती
दिल जीतने की जीतोड़ कोशिश
पहली बार लोकसभा चुनाव के लिए उतरे केंद्रीय वाणिज्य मंत्री चुनावी राजनीति के ऊबड़-खाबड़ गली-चौराहे नाप रहे. अपने सहज स्वभाव के साथ सधे अंदाज में वे उत्तर मुंबई संसदीय क्षेत्र के लोगों का मन जीतने की कोशिश में जमकर पसीना बहा रहे
क्या है महिला मतदाताओं की मांग
राजनैतिक दल महिलाओं के लिए उनकी लैंगिक भूमिकाओं पर आधारित योजनाएं लाते हैं और वादे करते हैं. मगर देशभर की महिलाओं ने बताया कि असल में वे किन चीजों की उम्मीद करती हैं-नौकरियां, शिक्षा, विकास. ये वही चीजें हैं जिनकी अपेक्षा पुरुष भी करते हैं