अगर आपने जीवन बीमा के प्रोडक्ट के वीडियो विज्ञापन देखे हैं तो वे आम तौर पर एक खुशहाल परिवार के इर्द-गिर्द घूमते हैं और जीवन बीमा के महत्व पर जोर देने के लिए संदेश को 'क्या होगा अगर' संदर्भ के साथ जोड़ते हैं. कुछ विज्ञापन साफ तौर पर बताते हैं कि परिवार के मुख्य कमाऊ सदस्य की ओर से ली गई जीवन बीमा पॉलिसी की वजह से परिवार ने अपने वित्तीय मामलों का प्रबंधन कैसे किया. इस तरह के विज्ञापनों ने परिवार के किसी सदस्य की मौत की घड़ी में जीवन बीमा के साथ जुड़ाव को मजबूत बनाया हकीकत यह है कि जीवन बीमा केवल वित्तीय सुरक्षा उपकरण नहीं है; यह आपकी मानसिक शांति के लिए एक वित्तीय समाधान है.
फिर भी संभावना है कि ज्यादातर लोग वित्तीय सुरक्षा के अलावा दूसरी वजहों से जीवन बीमा खरीदते हों. वे इसे टैक्स बचाने के लिए, एक निवेश विकल्प के रूप में, ऐसे बचत विकल्प के रूप में खरीदते हैं जो वित्तीय सुरक्षा भी प्रदान करता है. ऐसे लोग जीवन बीमा को एक खर्च के रूप में देखते हैं, क्योंकि कुछ पॉलिसियों में बीमित अवधि के दौरान जीवित रहने के बाद कोई आय प्राप्त नहीं होती. कुछ लोग उन्हें खराब निवेश विकल्प मानते हैं, यहां तक कि कई लोग इसे अपनी समझ के परे का प्रोडक्ट मानते हैं.
जीवन बीमा खरीदना बहुत मुश्किल काम है. इसके लिए प्रीमियम, जीवन बीमा, बीमा राशि, मृत्यु लाभ, भुगतान और अन्य लोगों के बीच लाभकारी नामांकित व्यक्ति जैसे अनजाने शब्दों से वाकिफ होना होता है. फिर आपको मुनासिब दरों पर पॉलिसी लेने के लिए सेहतमंद होना चाहिए; नहीं तो आपको उतनी ही राशि की पॉलिसी के लिए ज्यादा पैसा देना होगा. आप जितनी जानकारी जुटाएंगे, मुमकिन है कि आपका भरोसा उतना ही कम हो जाए कि जो पॉलिसी आपने ली है, वह सही है या नहीं.
लेकिन असल में आप यह सोचें कि आपने अपनी मृत्यु के बाद की घड़ी के लिए जीवन बीमा लिया है. यह सुनने में बेतुका लग सकता है, लेकिन जीवन बीमा चुनते वक्त आप ऐसा ही करते हैं. जब आप जीवन बीमा खरीदते हैं, तो आपकी जीत तभी होती है जब आप जल्दी मर जाते हैं - बीमा आपके आश्रितों को भुगतान करता है जो आपके किसी भी कर्ज को चुका सकते हैं और उन्हें अपनी जीवनशैली बनाए रखने में मदद मिलती है.
この記事は India Today Hindi の October 12, 2022 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、8,500 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です ? サインイン
この記事は India Today Hindi の October 12, 2022 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、8,500 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です? サインイン
अब जीने के कायदों पर किताब
अपनी नई किताब इलेवन रूल्स फॉर लाइफ के साथ चेतन भगत ने की है नॉन-फिक्शन की दुनिया में वापसी
'भोट जरूरी है मगर पेट उससे ज्यादा'
बिहार के कोसी अंचल में ऐन चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर यहां के मजदूर फसल कटाई के लिए पंजाब का रुख कर रहे. स्टेशन बिहार छोड़कर जाने वालों से अटे पड़े. पेट की आग मताधिकार पर पड़ रही भारी
भाजपा के ट्रंप कार्ड को चुनौती देती कांग्रेस
टीम मोदी विधानसभा चुनाव में हासिल जीत की लय के भरोसे है लेकिन चतुराई से प्रत्याशियों का चयन शायद कांग्रेस का सूपड़ा साफ न होने दे
धमक दिखाने उतरा मुलायम का परिवार
लोकसभा चुनाव में भाग्य आजमा रहे सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव समेत मुलायम सिंह यादव परिवार के पांच सदस्य. यादव बेल्ट की कन्नौज, बदायूं, फिरोजाबाद और आजमगढ़ सीट को फिर से जीतने की चुनौती
“मोदी 3.0 में टेक्नोलॉजी से जुड़े बदलाव हमारी बड़ी प्राथमिकता होंगे”
आम चुनाव 2024 के दौर में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नॉर्थ ब्लॉक के लकदक परिसर से निकलकर चुनावी मैदान की धूल-गर्मी झेल रही हैं. चुनाव प्रचार की अपनी भारी व्यस्तता के बीच उन्होंने ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा और मैनेजिंग एडिटर एम. जी. अरुण के साथ खास बातचीत में बेबाकी से जवाब दिए. उन्होंने बेरोजगारी और महंगाई जैसे असहज मसलों सहित अर्थव्यवस्था से जुड़े सभी मुद्दों पर रोशनी डाली और यह भी बताया कि अगर भाजपा लगातार तीसरी बार सत्ता में आती है तो हम मोदी 3.0 से क्या उम्मीद कर सकते हैं. बातचीत के संपादित अंशः
अर्थशास्त्र मोदी का कामयाबी और नाकामियां
देश की अर्थव्यवस्था एक अहम चुनावी मामला. उसी के आईने में कुछ प्रमुख आर्थिक पैमानों पर मोदी सरकार के ट्रैक रिकॉर्ड का आकलन
आप की अग्निपरीक्षा का वक्त
अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के रूप में अपने शीर्ष नेतृत्व की गैरमौजूदगी में आम आदमी पार्टी सांगठनिक स्तर पर खुद को किस तरह से तैयार कर रही
बहुमत तलाशते 'महाराजा'
भाजपा ने मैसूरु के पूर्व शाही परिवार के वंशज यदुवीर कृष्णदत्त चामराज वाडियार को यहां से चुनावी मैदान में उतारा है जो सिद्धारमैया का गृहनगर है
घिर गए ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी और उनकी एआइएमआइएम अपने गढ़ हैदराबाद में दबाव महसूस कर रहे हैं
घरेलू मैदान में शाह
दूसरे कार्यकाल के लिए गांधीनगर से चुनाव लड़ते हुए केंद्रीय गृह मंत्री विशाल जनादेश पाने की गरज से विकास और गुजराती गौरव के नारे पर भरोसा कर रहे हैं. मगर नौकरियों और क्षत्रिय विवाद से जीत का अंतर कम होने का अंदेशा