फिर से सिर उठा रहा खालिस्तान आंदोलन!
DASTAKTIMES|March 2023
ऑपरेशन ब्लू स्टार के करीब चार दशक पूरे होने को हैं तो एक बार फिर एक व्यक्ति, भिंडरावाले की भांति राज्य और देश की सत्ता को चुनौती देने के लिए खड़ा होता दिख रहा है। यानि 'खालिस्तान' शब्द फिर चर्चा में है और इसके पीछे कारण है सिर्फ एक नाम अमृतपाल सिंह। अमृतपाल 'वारिस पंजाब दे' गुट का मुखिया और खालिस्तान का कट्टर समर्थक हैं।
देवव्रत
फिर से सिर उठा रहा खालिस्तान आंदोलन!

यी पीढ़ी को शायद ही इसका भान हो कि देश के सबसे प्रमुख प्रदेश पंजाब ने पृथक खालिस्तान देश की मांग को लेकर हिंसा और आतंक का एक खौफनाक दौर देखा है। लेकिन अब एक बार ऐसी ही सुगबुगाहट और गतिविधियां तेजी पकड़ रहीं हैं जिससे संदेह हो रहा है कि कहीं एक बार फिर से तो खालिस्तान आन्दोलन नया रूप धर कर प्रकट तो नहीं हो रहा। याद रहे कि खालिस्तान आंदोलन 1940 और 1950 के दशक की शुरुआत में शुरू हुआ था, लेकिन 1970 और 1980 के दशक के बीच इसने लोकप्रियता हासिल की। भारत में खालिस्तान आंदोलन के उदय के बाद ऑपरेशन ब्लूस्टार ने जन्म लिया। खालिस्तान आंदोलन का उद्देश्य सिखों के लिए एक स्वतंत्र राज्य बनाना था। भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हरमंदिर साहिब परिसर (स्वर्ण मंदिर) में जमे सिख आतंकवादियों को हटाने के लिए सैन्य अभियान का आदेश दिया था। यह ऑपरेशन एक जून से आठ जून 1984 के बीच अमृतसर में चलाया गया था, जिसके बाद भारतीय सेना ने सिख चरमपंथी जरनैल सिंह भिंडरावाले और उसके सशस्त्र अनुयायियों को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से बाहर निकालने के लिए परिसर में प्रवेश किया था। 1984 का ऑपरेशन ब्लूस्टार भारतीय सेना द्वारा किया गया अब तक का सबसे बड़ा आंतरिक सुरक्षा मिशन था। इस आपरेशन के पीछे मुख्य कारणों में केवल एक व्यक्ति था और वह था जरनैल सिंह भिंडरावाले दमदमी टकसाल का नेता। एक नेता के रूप में, भिंडरावाले का सिख युवाओं पर प्रभाव था। ऑपरेशन ब्लूस्टार के दौरान भिंडरावाले और खालिस्तान समर्थकों ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर स्थित अकाल तख्त परिसर को अपने कब्जे में ले लिया था। उस वक्त भिंडरावाले को खालिस्तान की मांग के एक बड़े समर्थक के रूप में देखा जाता था। देश की सरकार द्वारा इस ऑपरेशन को चलाए जाने का उद्देश्य स्वर्ण मंदिर से जरनैल सिंह भिंडरावाले को हटाकर हरमंदिर साहिब परिसर को मुक्त कराना था। खैर, इस ऑपरेशन में भारतीय सेना सफल रही और अलगाववादियों का सफाया हुआ। साथ ही पंजाब में अमन-चैन स्थापित हुआ। हालांकि यह भी एक तथ्य है कि पंजाब में शांति स्थापित करने का संकल्प करने वाली तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी को इसी कारण से अपने प्राणों की आहूति भी देनी पड़ी।

この記事は DASTAKTIMES の March 2023 版に掲載されています。

7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、8,500 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。

この記事は DASTAKTIMES の March 2023 版に掲載されています。

7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、8,500 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。

DASTAKTIMESのその他の記事すべて表示
उनका हर किरदार है अभिनय की पाठशाला
DASTAKTIMES

उनका हर किरदार है अभिनय की पाठशाला

कभी खलनायक तो कभी पुजारी और चर्चित सीरियल 'ऑफिस-ऑफिस' में मुसद्दीलाल न पर्दे पर छाए पंकज कपूर के सभी किरदार अभिनय की पाठशाला हैं। हिन्दी सिनेमा में बहुत कम कलाकार ऐसे हैं, जिन्होंने अपने किरदारों से अभिनय को परिभाषित किया है। उनके किरदारों की पहचान उनके नाम से आगे चलती है।

time-read
3 分  |
May 2024
भारत की पहली 'हाइब्रिड पिच' बनेगी धर्मशाला
DASTAKTIMES

भारत की पहली 'हाइब्रिड पिच' बनेगी धर्मशाला

हाइब्रिड पिच में मैदान के अंदर की कुदरती टर्फ यानी मैदान की घास के साथ कुछ फीसदी हिस्सा पोलिमर फाइबर का होता है। इससे पिच टिकाऊ रहती है और इस पर एक जैसा उछाल भी मिलता है। इसमें पोलिमर फाइबर का इस्तेमाल पांच फीसदी ही होता है जिससे पिच के नेचुरल गुण बने रहें। यह आमतौर पर बेज या हरे रंग के होते हैं, इन्हें 20-20 मिमी ग्रेड के नियमित पैटर्नमें 90 मिमी की गहराई तक सिला जाता है।

time-read
2 分  |
May 2024
आईपीएल यानि क्रिकेटेनमेंट
DASTAKTIMES

आईपीएल यानि क्रिकेटेनमेंट

फटाफट क्रिकेट आईपीएल में ये पूरी तरह क्रिकेटेनमेंट बन जाता है। बॉलीवुड सितारों की चमक-दमक के साथ तीन घंटे का रोमांच। इस दौरान यह खेल नाटक में तब्दील हो जाता है। एक नया मार्केट प्लेस जिसे 'क्रिकेटेनमेंट' के नाम से जाना जाता है। यहां क्रिकेट बिल्कुल अलग तरीके से खेला जाता है। मजे लेने का अंदाज भी जुदा है। स्टेडियम में बड़ा रंगीन माहौल होता है। हर चौके, छक्के और विकेट पर चीयर लीडर्स डांस करती हैं।

time-read
6 分  |
May 2024
सिविल अधिकारियों की चुनौतियों पर बेबाक चर्चा होनी चाहिए!
DASTAKTIMES

सिविल अधिकारियों की चुनौतियों पर बेबाक चर्चा होनी चाहिए!

सदनों की समिति के भीतर जनप्रतिनिधियों द्वारा पूछे गए उत्तर अधिकारियों को नागवार लगते हैं। निर्वाचित सरकार द्वारा बनाए गए कार्यक्रमों को पूरा करना सिविल अधिकारियों की जिम्मेदारी है। विकास कार्यों को ठीक से सम्पन्न कराना भी इन्हीं की जिम्मेदारी है। लेकिन तमाम राज्यों में भिन्न-भिन्न विभागों के लिए निर्धारित बजट का बड़ा भाग उपयोग में ही नहीं आता।

time-read
4 分  |
May 2024
माँ का रिश्ता सबसे अनमोल
DASTAKTIMES

माँ का रिश्ता सबसे अनमोल

अंतर्राष्ट्रीय मातृ दिवस (12 मई) पर विशेष

time-read
5 分  |
May 2024
दुनिया की 'कैंसर राजधानी' बनता भारत
DASTAKTIMES

दुनिया की 'कैंसर राजधानी' बनता भारत

महिलाओं में सबसे आम कैंसर स्तन कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा कैंसर और डिम्बग्रंथि कैंसर हैं, जबकि पुरुषों में आमतौर पर पाये जाने वाले कैंसर में फेफड़े, मुंह और प्रोस्टेट आदि जैसे कैंसर शामिल हैं। वैश्विक प्रवृत्ति के विपरीत, भारत में सबसे अधिक महिलाओं में कैंसर का निदान किया जाता है। हालांकि भारत में सालाना दस लाख से अधिक नए मामले सामने आते हैं, यहां कैंसर की दर डेनमार्क, आयरलैंड और बेल्जियम जैसे देशों या अमेरिका से कम है।

time-read
5 分  |
May 2024
छद्म की जगह खुला युद्ध क्यों चुन रहा ईरान!
DASTAKTIMES

छद्म की जगह खुला युद्ध क्यों चुन रहा ईरान!

नेताओं ईरान के परमाणु कार्यक्रम के प्रति इजराइल का यह डर, पूर्व में ईरानी द्वारा खुले तौर पर इजराइल के विनाश की वकालत करने से सच साबित होता है। उदाहरण के लिए, अक्टूबर 2005 में ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदी ने खुले रूप से घोषणा किया कि इजराइल को 'मानचित्र से मिटा दिया जाना चाहिए।' इस उत्तेजक बयानबाजी ने इजराइली चिंताओं को बढ़ाया है जो ईरान की परमाणु महत्त्वाकांक्षाओं से उत्पन्न कथित खतरे को रेखांकित करता है।

time-read
6 分  |
May 2024
क्या चीन की गोद में खेल रहे सोनम वांगचुक?
DASTAKTIMES

क्या चीन की गोद में खेल रहे सोनम वांगचुक?

सोनम वांगचुक को जिस मूवी थ्री इडियट्स ने हीरो बनाया, वह मूवी उनकी असली जिंदगी से एक प्रतिशत भी वास्ता नहीं रखती, यह बात खुद सोनम वांगचुक ने दर्जनों बार मीडिया में कबूली है। मूवी में जिस वैज्ञानिक फुन्सुक (सोनम वांगचुक से प्रेरित चरित्र) का किरदार आमिर खान ने निभाया है, वह माली का बेटा है, जबकि सोनम वांगचुक मंत्री के बेटे हैं। उनके पिता सोनम वांग्याल कांग्रेस नेता थे, जो बाद में राज्य सरकार में मंत्री बने।

time-read
6 分  |
May 2024
बाड़मेर में राष्ट्रीय दलों के खिलाफ युवा जनसैलाब
DASTAKTIMES

बाड़मेर में राष्ट्रीय दलों के खिलाफ युवा जनसैलाब

रवीन्द्र सिंह भाटी को टिकट न देकर बीजेपी ने अपनी मुश्किलें बढ़ा ली हैं। अब कांग्रेस को जीत की किरण दिख रही है, लेकिन सर्वे कुछ और बयां कर रहे है। 2024 में राजस्थान की बाड़मेरजैसलमेर सीट चर्चा का विषय बनी हुई है। शिव विधानसभा सीट से विधायक बनने वाले रवीन्द्र सिंह भाटी ने निर्दलीय पर्चा भरा है। उनके चुनावी मैदान में उतरने से बाड़मेर के समीकरण रोचक हो गए हैं।

time-read
5 分  |
May 2024
नक्सलियों के गढ़ में जमकर वोटिंग
DASTAKTIMES

नक्सलियों के गढ़ में जमकर वोटिंग

प्रथम चरण के लोकसभा चुनाव में 19 अप्रैल को बस्तर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में शांतिपूर्ण तरीके से वोट पड़े और मतदान प्रतिशत में भी इजाफा हुआ है। बस्तर में जहां पहले नक्सली चुनाव के दौरान भय पैदा करने के लिए धमाके करते थे, गांव में बैठक कर लोगों को डराते थे, मगर नक्सलियों का अब यह डर लोगों के दिमाग से निकल चुका है। यह कहा जा सकता है कि बैलेट पेपर अब बारूद पर भारी पड़ रहा है।

time-read
4 分  |
May 2024