समस्या छोटी हो या बड़ी, अगर सुलझाने बैठें तो पता चलता है कि इस का हल तो हमारे पास पहले ही था. उस वक्त लगता है कि काश, किसी ने पहले समझा दिया होता. सब को बता कर ऊर्जा बरबाद न करें. हर किसी दोस्त, रिश्तेदार से सलाह मांगना या शान जताने के लिए अपने लक्ष्य बताना नुकसानदायक हो सकता है. लक्ष्य पूरा हो गया तो यह आप की आदत हो जाएगी.
मूर्खता की हद तो अंशु के साथ हो गई. उस ने अपने इंटरव्यू की बात सब को बताई. परंतु जब कैंपस सिलैक्शन नहीं हुआ तो उसे लगा कि किसी की नजर लग गई. अब नौकरी के लिए कई जगह ट्राई करना ही पड़ता है. पंडितजी के चक्कर में पड़ गई वह. कभी सोमवार के व्रत रखती तो कभी किसी ग्रह के अनुसार अंगूठी पहनती.
समस्या साझा करने की बीमारी
रिनी को समस्या होती नहीं कि सारे जानने वालों को पता चल जाता है कि क्या हुआ है. पहले काफी गंभीर हो कर सलाह देते थे दोस्त पर अब सब उस से कन्नी काटने लगे हैं. आप अपनी समस्या खास लोगों से ही साझा करें. रोने वालों का कोई साथ नहीं देता, यह एक सचाई है.
बातों का मतलब खोजने का फलसफा
この記事は Mukta の November 2022 版に掲載されています。
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वायरल रील्स
सोशल मीडिया पर कुछ न कुछ नया ट्रैंड होता रहता है. ऐसे कई लोग हैं जो अपनी हरकतों से वायरल हो जाते हैं.
आयुषी खुराना - हौट लुक के सहारे
अभिनेत्री आयुषी खुराना बचपन से नृत्यकला से जुड़ी रही हैं. हालांकि वे शुरू में कोरियोग्राफी करने की इच्छा रखती थीं लेकिन जीवन ने उन के लिए अलग योजनाएं बनाईं, जिस से वे एक अभिनेत्री बन गईं.
इन्फ्लुएंसर्स करते पौयजनस फूड का प्रचार लोग होते बीमार
सोशल मीडिया पर ऐसे फूड व्लौगर धड़ल्ले से आ गए हैं जो व्यूज पाने के लिए जहांतहां कैमरा उठा कर निकल पड़ते हैं और ऐसे खाने के रैस्टोरैंटों, दुकानों, गुमटियों को ढूंढ़ते हैं जो अपने खाने में अजीबोगरीब एक्सपैरिमैंट करते हों.
भगत सिंह का लव कन्फैशन
भगत सिंह ने सुखदेव को पत्र लिखा जिस में प्रेम का जिक्र है. उन के लिए प्रेम का अर्थ क्या था, यह आज रील्स में डूबे युवा कितना जान पाएंगे.
वर्चुअल रियलिटी - झूठी दुनिया का सच
वर्चुअल रियलिटी ऐसी दुनिया में ले कर जाता है जो असल नहीं है लेकिन यह कितना इफैक्टिव है, यह इस के योगदान से समझा जा सकता है. वीआर आज हर जगह अपने कदम बढ़ा रहा है. माना जा रहा है कि यह भविष्य को आकार देने में भूमिका निभाएगा.
नोरा फतेही - आइटम डांस गर्ल का ग्लैम कब तक
नोरा फतेही का कैरियर अभी तक अपने डांस और आइटम नंबरों पर ही बेस्ड रहा है. ऐक्टिंग में उन्हें सीमित भूमिकाएं ही मिली हैं. ऐक्टिंग के लिए उन्हें रखा भी नहीं जाता. शो पीस जैसी दिखाई देती हैं वे. लुक्स और ग्लैमर पर निर्भर उन का कैरियर बौलीवुड में अपने पैर नहीं जमा सकता.
सोशल मीडिया में धर्मप्रचारकों के टारगेट में युवतियां
सोशल मीडिया पर धर्मप्रचारकों व कथावाचकों की रील्स खूब ठेली व देखी जाती हैं. इन कथावाचकों की अधिकतर टिप्पणियां युवतियों व महिलाओं पर होती हैं. यह नैतिक शिक्षा के नाम पर समाज को सैकड़ों साल पीछे धकेलने की साजिश है.
प्रोजैक्टर्स पढ़ाई और काम के लिए
प्रोजैक्टर एक छोटी सी डिवाइस है जिस की हैल्प से आप परदे की एक बड़ी स्क्रीन तैयार कर सकते हैं. प्रोजैक्टर हाई रिजोल्यूशन पिक्चर क्वालिटी देता है. इस का इस्तेमाल करना बड़ी आसानी से सीखा जा सकता है. कोई भी इस का इस्तेमाल घर या औफिस और क्लास में आसानी से कर सकता है. बाजार में ये हर क्वालिटी और कीमत में मौजूद हैं जिन्हें आप अपनी सहूलियत के अनुसार खरीद सकते हैं. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ प्रोजैक्टर्स के बारे में जो बाजार में मौजूद हैं.
डिजिटलीकरण के दौर में गायब हुए नुक्कड़ नाटक
एनएसडी और एफटीआईआई जैसे संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र भी अब बड़ेबड़े घरानों से आने लगे हैं. यहां सरकार का दखल भी बढ़ गया है. छात्र अब नुक्कड़ नाटकों में दिलचस्पी नहीं दिखाते.
क्यों हाइप पर हैं एंटीएस्टैब्लिशमेंट कंटैंट क्रिएटर्स
सोशल मीडिया पर सरकार का समर्थन करने वाले क्रिएटर्स से अधिक वे क्रिएटर्स देखे जा रहे हैं जो या तो सरकार की नीति का खुल कर विरोध कर रहे हैं या बैलेंस्ड कंटैंट दे रहे हैं. ध्रुव राठी, रवीश कुमार, आकाश बनर्जी, श्याम मीरा ऐसे तमाम नाम हैं जिन की व्यूअरशिप काफी है.