पहली किस्त
डीएम इंदिरा इस समय भावनाओं के ज्वार से दबी व पिछले कुछ समय की घटी घटनाओं के दबाव के फलस्वरूप उत्पन्न हुए तनावों के कशमकश में उलझी एक आम लड़की की तरह भरी आंखों से देश की प्रशासनिक व्यवस्था से क्षुब्ध हो अपना रेजिग्नेशन लेटर लिख रही थी।
रेजिग्नेशन लेटर लिख कर इंदिरा ने लिफाफे में डाला। उसे पता था, उसके इस्तीफे की खबर मीडिया में आते ही खलबली मच जाएगी। पर अब वह इन सब तनावों को झेलने के लिए बिलकुल भी तैयार नहीं थी। वह वापस अपने गांव चली जाना चाहती थी।
उसने सामने पड़ा अपना ट्रांसफर ऑर्डर उठा कर एक बार फिर पढ़ा। अपने डीएम के 2 साल के कार्यकाल में उसका यह सातवां ट्रांसफर था। पिछले कुछ समय से वह भयंकर मानसिक तनाव से गुज़र रही थी। ब्यूरोक्रेसी की भाषा में वह पनिशमेंट पोस्टिंग से दो-चार हो रही थी। इस बार उसका ट्रांसफर लखनऊ में रेवेन्यू बोर्ड में कर दिया गया था, जिसे नेताओं की मर्जी पर ना चलनेवालों के लिए डंपिंग ग्राउंड माना जाता है।
उसने ट्रांसफर ऑर्डर वापस टेबल पर रख दिया। यह थी उसके एक कर्तव्यनिष्ठ, ईमानदार और स्वच्छ छवि रखने की जद्दोजहद की जिद व भ्रष्ट सिस्टम के विरुद्ध खड़े होने की सजा। पर अब वह यह सजा भुगतने को तैयार नहीं थी। उसने अपनी उंगलियों से आंखें दबा कर आंसुओं को पोंछ डाला। कॉफी का मग उठा वह खिड़की से टिक कर धीरेधीरे कॉफी पीने लगी। बाहर लॉन में माली मोबाइल पर गाने लगा कर अपने काम में व्यस्त था। उसका दिल किया, वह भी कुछ गुनगुना कर अपना तनाव कम करे। पर जबसे देश की इस सर्वोच्च सेवा के इम्तिहान में सफल हुई थी, जिंदगी के साथ-साथ जैसे वह भी गुनगुनाना भूल गयी थी।
खिड़की के पार लॉन में महके खूबसूरत फूलों को निहारते हुए वह सोच रही थी, काश ! उस दिन उसकी प्रखर बुद्धि से प्रभावित हो कर उसके प्रिंसिपल ने उसके माता-पिता के दिल में इतना बड़ा ख्वाब ना भरा होता। पिछड़ी जाति की उस छोटी सी लड़की का टीचर दीदी बनने का वह नन्हा सा सपना अचानक आकाश जितना विस्तार पा गया और उसके माता-पिता की आंखों से उतर कर उसके नन्हे से दिमाग में समा गया। फूलों पर नजरें गड़ाए उसका छोटा सा अतीत किसी चलचित्र की तरह मस्तिष्क पटल पर चलने लगा।
この記事は Vanitha Hindi の September 2022 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、8,500 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です ? サインイン
この記事は Vanitha Hindi の September 2022 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、8,500 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です? サインイン
प्रियंका चोपड़ा-जोनस - मेरी दुनिया है मां
प्रियंका चोपड़ा अब खुद एक बच्ची की मां बन चुकी हैं। पापा की लाड़ली प्रियंका मां को अपनी पूरी दुनिया मानती हैं।
केले के फायदेमंद छिलके
केला खाने के बाद उसके छिलकों को ना फेंकें । छिलकों को कई तरह से इस्तेमाल करें।
Summer Cool Decor Ideas
कुछ सिंपल होम डेकोर टिप्स की मदद से इस सीजन में अपने घर को रख सकते हैं ठंडा और सुकून भरा। इसके लिए चाहिए बस थोड़ी सी मेहनत और कुछ बदलाव
मीनाक्षी शेषाद्रि मैं सरप्राइज करने आयी हूं
मीनाक्षी शेषाद्रि ने 1983 में अपनी डेब्यू फिल्म पेंटर बाबू से लोकप्रियता हासिल की, लेकिन इसी वर्ष आई हीरो ने उन्हें और जैकी श्राफ को स्टारडम दिया। इन फिल्मों के 40 वर्ष पूरे होने पर उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश-
डिलीवरी में मदद करेगी लमाज क्लास
डिलीवरी को ले कर प्रेगनेंट कपल के मन में बहुत से डर होते हैं, इन्हें दूर करने व डिलीवरी को आसान बनाने के लिए एक्सपर्ट्स करवा रहे हैं लमाज व एंटी नेटल क्लासेज, एक जानकारी-
जनाब! यह आम नहीं खास है
आम हर दिल अजीज है। गरमियों की इस खुशबूदार सौगात के बारे में आप क्या जानते हैं? हम जिसे आम कहते हैं, वह आम नहीं, खास है। क्यों, बता रही हैं वनिता की कुकरी एक्सपर्ट प्रीता माथुर -
कहीं आप पार्टी स्पॉइलर तो नहीं
पार्टी का मजा तभी है, जब सब इसे एंजॉय करें, इसलिए कोई ऐसी हरकत ना करें, जिससे सबका मूड खराब हो!
नाखुश हैं क्या...
हर किसी को अपनी जिंदगी से कुछ अपेक्षाएं होती हैं। नौकरीपेशा लोगों के लिए तो अप्रैल-मई का समय कुछ खास होता है, क्योंकि ज्यादातर कंपनियों में ये अप्रेजल मंथ होते हैं।
अवंतिका चौधरी - चुनौतियों के बीच ही छिपा होता है अवसर
तीन-चार लोगों के साथ शुरू हुआ था उनके व्यवसाय का सफर। कुछ अपनी बचत की गयी पूंजी थी, बाकी दोस्तों से मदद मिली। पूंजी के अलावा उन्होंने समय एवं नॉलेज का भी निवेश किया। इस तरह, लखनऊ की मूल निवासी अवंतिका चौधरी ने फूड के लिए अपने पैशन को जीते देहरादून में 'माया कैफे' की नींव रखी। उनके सामने जो बाधाएं आयीं, उन्हें स्वीकार करके आगे बढ़ीं और आखिर में अपने लक्ष्य को हासिल कर दिखाया। बिजनेस में आने वाली महिलाओं को माया कैफे की सह-संस्थापक एवं हेड शेफ अवंतिका कहना चाहती हैं कि वे खुद पर विश्वास रखें। अपनी क्षमताओं को पहचानें। जो भी विजन या काम है, उसके प्रति ईमानदार रहें। चुनौतियों में ही अवसर छिपा होता है।
पास आओ ना
कई बार स्त्रियां चाह कर भी सेक्स के लिए मूड नहीं बना पातीं। आखिर ऐसी कौन सी परेशानियां हैं, जिनका महिलाएं सामना कर रही हैं। जानिए एक्सपर्ट की सलाह-