प्रकाश की गति
Shaikshanik Sandarbh|March - April 2020
सन् 2015 अन्तर्राष्ट्रीय प्रकाश वर्ष के रूप में मनाया जा रहा था। प्रकाश के गुण, प्रकाश सम्बन्धी परिघटनाओं और प्रकाश के अनुप्रयोग पर चर्चा के लिए जगह-जगह गोष्ठी, सम्मेलन, वक्तव्य, कार्यशाला आदि आयोजित हो रहे थे, तो मन में प्रकाश के बारे में और पढ़ने की जिज्ञासा हुई। इसी क्रम में पढ़ते-पढ़ते कुछ लिखने का भी मन हुआ तो प्रकाश द्वारा एक सेकण्ड में तय की जाने वाली 30,00,00,000 मीटर की यात्रा पर जाने का विचार जागा। प्रस्तुत लेख में उसी यात्रा के कुछ अंश का ज़िक्र कर रही हूँ।
अंजु दास मानिकपुरी
प्रकाश की गति

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हँसाते - रुलाते, रिश्ते - नाते
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तमिल में पुवितम का मतलब 'धरती से प्रेम' होता है। पुवितम गतिविधि केन्द्र में बच्चे अपने आसपास के माहौल में सहजता से अवलोकन करना, खोजबीन करना और काम करना सीखते हैं। यह पद्धति विज्ञान सीखने पर किस तरह असर करती है? और शिक्षक इस प्रक्रिया में क्या भूमिका निभाते हैं?

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रसोई में चिड़ियाघर
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उन दिनों मैं पहले दर्जे में था। स्कूल से लौटकर अक्सर अपने चाचा के घर जाया करता था। उनका घर हमारे मुहल्ले ही में था। वे अकेले रहते थे। घर का सारा काम खुद करते थे। उनकी मेज़ किताबों और कागज़ों से इतनी लदी रहती थी कि देखकर लगता था, मानो अभी ढह जाएगी! लेकिन ऐसा हुआ कभी नहीं क्योंकि मेज़ के पाए किसी हाथी के बच्चे की टाँगों जितने मोटे और मज़बूत थे।

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अदिति मुखर्जी यहाँ अजगर तथा सेही, जिनके बीच अक्सर एक शिकारी और शिकार का सम्बन्ध होता है, के एक ही बिल में शान्ति से साथ-साथ रहने के अपने अध्ययन के बारे में बता रही हैं।

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