कोशिश गोल्ड - मुक्त

पाकिस्तान को इतना महत्व ही क्यों दें?

Dainik Bhaskar Tikamgarh

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June 25, 2025

पिछले तीन दशकों से, पाकिस्तान से खुद को अलग करना हमारी रणनीति का केंद्रीय तत्व था। लेकिन हम पाकिस्तान से खुद को भौगोलिक या रणनीतिक स्तर पर अलग नहीं कर सकते। जैसा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था, आप अपना पड़ोसी नहीं चुन सकते। और भारत को तो परमाणु शक्ति संपन्न दो पड़ोसी हासिल हैं।

- शेखर गुप्ता

उन दोनों में ऐसा रणनीतिक गठजोड़ है, जो आज अमेरिका-इजराइल गठजोड़ के बाद दूसरा सबसे मजबूत गठजोड़ है। इसके बावजूद ये दोनों देश अलग किस्म के हैं। उनके हित साझा हैं, प्राथमिकताएं अलग-अलग हैं।

उनसे निबटने के लिए आपके पास जरूरी उपाय होने चाहिए। आदर्श स्थिति तो यही होगी कि उनसे एक-एक करके निबटना पड़े, लेकिन दोनों की मिलीभगत का भी सामना करने के लिए तैयार रहना होगा। उनकी मिलीभगत अप्रत्यक्ष भी हो सकती है, जैसी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान थी। या क्या पता, यह मिलीभगत प्रत्यक्ष भी हो सकती है, किसी युद्ध के दौरान। इसलिए भारत की रणनीति का पहला तत्व उन्हें रोकने का ही हो सकता है।

इन दोनों में से पाकिस्तान से निबटने के लिए भारत सैन्य और आर्थिक दृष्टि से बेहतर स्थिति में है। चीन वास्तव में भीषण चुनौती है, जिसकी बराबरी करने या स्थायी शांति की स्थिति में दोनों के पर्याप्त साझा निहित स्वार्थ विकसित करने में कई साल लगेंगे। यहीं पर पाकिस्तान से खुद को अलग करने का विचार उभरता है। यह विवेकपूर्ण विचार है, जिसे 1980 में इंदिरा गांधी की दूसरी बार वापसी के बाद से हर प्रधानमंत्री अपनाता रहा है। पाकिस्तान नीति को लेकर पश्चिमी खेमे (अमेरिका) की ओर से किसी सुझाव को भारत हमेशा जोरदार तरीके से अस्वीकार करता रहा है। इस मामले में प्रगति की रफ्तार बिल क्लिंटन के पहले कार्यकाल तक धीमी रही और इसके बाद तेज हो गई। परमाणु संधि के बाद के दो दशकों से यह रफ्तार और तेज रही है।

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लापरवाही • एफपीओ संचालकों ने क्वालिटी कंट्रोलर और समितियों पर लगाए हैं आरोप समितियाँ ने बांट दिया सोयाबीन का नकली बीज, 250 एकड़ जमीन में नहीं हुआ अंकुरण

सहकारी समिति ने केसली के 235 किसानों को 75 क्विटल नकली सोयाबीन का बीज वितरित करने का मामला सामने आया है।

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July 08, 2025

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दूरदृष्टि • आने वाले समय में भीड़भाड़ और बढ़ेगी टेक्नोलॉजी या प्लानिंग हमें भगदड़ों से बचा सकती है

भारत दुनिया की भगदड़-राजधानी बनता जा रहा है। हर जगह भगदड़ है। धार्मिक मेलों में, खेल आयोजनों में, रेलवे स्टेशनों पर, राजनीतिक रैलियों और यहां तक स्कूलों में भी। जानकार लोग कहते हैं कि भगदड़ें इसलिए हो रही हैं, क्योंकि भारत की बहुसंख्य आबादी नागरिक अधिकारों के प्रति अशिक्षित है। लेकिन वे पूरी तरह से गलत हैं। भगदड़ें अशिक्षा नहीं, बल्कि अपर्याप्त और लचर भीड़-प्रबंधन के कारण होती हैं। वैसे भी, एक तरफ देश में असाक्षरता घट रही है, दूसरी तरफ भगदड़ों से होने वाले हादसे बढ़ते जा रहे हैं।

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July 08, 2025

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एक्सपर्ट कहते हैं... तनाव और चिंता की सही पहचान जरूरी है; लक्षण एक जैसे, पर वजह और असर अलग 'तनाव' और 'चिंता' में फर्क है ... तनाव चला जाता है, चिंता ठहर जाती है; जो संभव नहीं उसे स्वीकारें, दूसरों से तुलना न करें ... मन को व्यस्त रखें तो 'चिंता चक्र' तोड़ सकेंगे

अगर लगातार बेचैनी महसूस कर रहे हैं, नींद पूरी नहीं हो रही और दिमाग में विचार दौड़ रहे हैं, तो यह सिर्फ तनाव नहीं हो सकता। यह एंग्जायटी (चिंता) भी हो सकती है।

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July 08, 2025

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हनुमान चालीसा का अषाढ़ी मेला

शहर के विभिन्न हनुमान मंदिरों पर अषाढ़ी मेले की शुरुआत पिछले मंगलवार को बौरी हनुमान मंदिर से शुरू हो गई है।

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July 08, 2025

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बिलहरी । दो नई एफआईआर दर्ज हुईं, मृतक सहित हत्याकांड प्रजापति परिवार के 10 लोगों पर भी केस

>> इधर, हत्या के फरार आरोपियों की 25 दिन बाद भी नहीं हुई गिरफ्तारी

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July 08, 2025

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भास्कर खास एक्सपर्ट कहते हैं... तनाव और चिंता की सही पहचान जरूरी है; लक्षण एक जैसे, पर वजह और असर अलग 'तनाव' और 'चिंता' में फर्क है... तनाव चला जाता है, चिंता ठहर जाती है; जो संभव नहीं उसे स्वीकारें, दूसरों से तुलना न करें... मन को व्यस्त रखें तो 'चिंता चक्र' तोड़ सकेंगे

अगर लगातार बेचैनी महसूस कर रहे हैं, नींद पूरी नहीं हो रही और दिमाग में विचार दौड़ रहे हैं, तो यह सिर्फ तनाव नहीं हो सकता। यह एंग्जायटी (चिंता) भी हो सकती है। तनाव और एंग्जायटी के लक्षण कई बार एक जैसे लगते हैं, लेकिन दोनों की वजह और असर अलग होते हैं ...।' पुलित्जर विजेता पत्रकार व लेखिका लॉरेन हिंगिस कहती हैं, 'तनाव जीवन की स्थितियों से आता है जबकि चिंता विचारों से। तनाव अस्थायी हो सकता है, लेकिन चिंता नियंत्रण में न आए तो मानसिक सेहत बिगाड़ सकती है। इसलिए लक्षणों को सही तरह से समझना और उसी के अनुसार समाधान चुनना जरूरी है।' यह कैसे होगा, बता रहे हैं एक्सपर्ट...

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July 08, 2025

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भालू के हमले में पिता-पुत्र और पड़ोसी की मौत, ग्रामीणों ने भालू को पीटकर मार डाला

संजय टाइगर रिजर्व के मड़वास बफर जोन में सोमवार सुबह 5 बजे एक भालू के हमले से 3 ग्रामीणों की मौत हो गई।

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July 08, 2025

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भास्कर खास 'एक्सपर्ट' कहते हैं... तनाव और चिंता की सही पहचान जरूरी है; लक्षण एक जैसे, पर वजह और असर अलग 'तनाव' और 'चिंता' में फर्क है... तनाव चला जाता है, चिंता ठहर जाती है; जो संभव नहीं उसे स्वीकारें, दूसरों से तुलना न करें... मन को व्यस्त रखें तो 'चिंता चक्र' तोड़ सकेंगे

न्यूयॉर्क | अगर लगातार बेचैनी महसूस कर रहे हैं, नींद पूरी नहीं हो रही और दिमाग में विचार दौड़ रहे हैं, तो यह सिर्फ तनाव नहीं हो सकता। यह एंग्जायटी (चिंता) भी हो सकती है। तनाव और एंग्जायटी के लक्षण कई बार एक जैसे लगते हैं, लेकिन दोनों की वजह और असर अलग होते हैं ... ।' पुलित्जर विजेता पत्रकार व लेखिका लॉरेन हिंगिस कहती हैं, 'तनाव जीवन की स्थितियों से आता है जबकि चिंता विचारों से। तनाव अस्थायी हो सकता है, लेकिन चिंता नियंत्रण में न आए तो मानसिक सेहत बिगाड़ सकती है। इसलिए लक्षणों को सही तरह से समझना और उसी के अनुसार समाधान चुनना जरूरी है।' यह कैसे होगा, बता रहे हैं एक्सपर्ट ...

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July 08, 2025

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ट्रम्प टैरिफ • 9 जुलाई नजदीक आते ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने चला नया पैंतरा नई डेडलाइन 1 अगस्त; द. अफ्रीका पर अब 40%, जापान पर 25% टैरिफ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने टैरिफ को लेकर फिर बड़ा 'धमाका' किया है।

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July 08, 2025

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भास्कर खास एक्सपर्ट कहते हैं... तनाव और चिंता की सही पहचान जरूरी है; लक्षण एक जैसे, पर वजह और असर अलग 'तनाव' और 'चिंता' में फर्क है... तनाव चला जाता है, चिंता ठहर जाती है; जो संभव नहीं उसे स्वीकारें, दूसरों से तुलना न करें... मन को व्यस्त रखें तो ‘चिंता चक्र’ तोड़ सकेंगे

अगर लगातार बेचैनी महसूस कर रहे हैं, नींद पूरी नहीं हो रही और दिमाग में विचार दौड़ रहे हैं, तो यह सिर्फ तनाव नहीं हो सकता। यह एंग्जायटी (चिंता) भी हो सकती है। तनाव और एंग्जायटी के लक्षण कई बार एक जैसे लगते हैं, लेकिन दोनों की वजह और असर अलग होते हैं ...।'

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July 08, 2025

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