अच्छे स्वास्थ्य को लेकर हम सभी प्रयासरत रहते हैं। इसके लिए यथासम्भव उपाय भी करते हैं। फिर वो चाहे अच्छा भोजन हो, नियमित जीवनशैली हो, व्यायाम हो या फिर प्रातः काल की सैर हो। आपके द्वारा किए गए इस प्रकार के सभी उपाय आपको नियमित रूप से करने पड़ते हैं। जहाँ आप इन उपायों का साथ छोड़ देते हैं, वहीं आपका स्वास्थ्य कमजोर पड़ जाता है। अब यह सवाल उठता है कि क्या वास्तव में स्वयं को स्वस्थ बनाए रखना इतना मुश्किल कार्य है?
देखने में आया है कि किसी परिवार में एक के बाद एक सदस्य किसी न किसी रोग का शिकार होता रहता है। वास्तु एक लौकिक विज्ञान एवं प्रकृति की लय है, जिसका उपयोग आपके जीवन में अच्छी तरह से होने की भावना को पेश करने के लिए करता है। बस अपने परिवेश को व्यवस्थित करके आप अपने जीवन को अच्छे स्वास्थ्य की ओर ले जा सकते हैं।
घर का वास्तुसम्मत होना आपके जीवन को सौहार्दपूर्ण, हर्षित, स्वस्थ और समृद्ध रखेगा। ऐसे में अनुभव में पाया गया है कि जिस घर में वास्तुदोष होता है, उस घर में रहने वाले व्यक्तियों का स्वास्थ्य शीघ्र खराब होता है। इस आलेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कौनसे वास्तुदोष होते हैं और उन्हें किस प्रकार दूर किया जा सकता है?
जिस घर अथवा कार्यस्थल के केन्द्र स्थान में बहुत से कमरे हों, उस घर अथवा कार्यस्थल में रहने वालों का स्वास्थ्य समय-समय पर खराब होता रहता है। घर या कार्यस्थल का केन्द्रस्थान वास्तु पुरुष का हृदय स्थान माना जाता है। इस स्थान पर किसी भी तरह का निर्माण होना प्रतिकूल फलदायक होता है। ब्रह्मस्थान घर का केन्द्रबिन्दु होता है। इसे केन्द्र इसीलिए कहा जाता है, क्योंकि इस स्थान पर विभिन्न दिशाओं के ऊर्जा बिन्दओं का मिलन होता है।
केन्द्र का अर्थ है ब्रह्मस्थान। यह घर के विभिन्न दिशाओं से सभी ऊर्जाओं का मिलन बिन्दु होगा। इस स्थान को स्वच्छ और भारमुक्त रखकर हम स्वास्थ्य को बेहतर कर सकते हैं।
इसके अलावा कुछ अन्य उपायों का पालन करके भी परिवार के सदस्यों को रोगमुक्त रख हैं।
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