शिमला सदाबहार पर्यटन
Sarita|January First 2023
सर्दी का मौसम हो या गरमी का, शिमला सैलानियों के आकर्षण का केंद्र रहता है. यहां हर समय सैलानियों की भीड़ रहती है. यदि आप भी जाने की सोच रहे हैं तो यह जानकारी आप के काम आने वाली है.
अशोक वशिष्ठ
शिमला सदाबहार पर्यटन

शिमला सालभर सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बना रहता है. सर्दी में जब बर्फ गिरती है तो यहां पर्यटकों की भारी भीड़ जमा हो जाती है. हिमालय के उत्तरपश्चिम में समुद्रतल से 2,130 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह शहर आजादी से पहले अंगरेजों की ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करता था. वैसे शिमला की खोज का श्रेय मेजर कैनेडी को जाता है जिन्होंने यहां पहली पक्की इमारत कैनेडी हाउस का निर्माण करवाया. बाद में लौर्ड डलहौजी जैसे विशिष्ट व्यक्तियों का यह प्रिय आवास स्थल भी बना.

शिमला 1814-16 में हुए अंगरेजगोरखा युद्ध के बाद स्थापित हुआ जब यह गोरे सिपाहियों के लिए ठंडा भ्रमणस्थल बना. 7 हजार फुट की ऊंचाई पर बसा यह शहर 1865 से 1939 तक अंगरेजों की गर्मी के मौसम की राजधानी रहा.

सर्दी के मनमोहक नजारे

शिमला में अधिकतर सैलानी नववर्ष का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठे होते हैं. दिल्ली के पास होने के कारण हर वीकैंड पर शिमला टूरिस्टों के सैलाब में डूबने लगता है. हालांकि सड़कें चौड़ी हो रही हैं, कहीं फ्लाईओवर बन रहे हैं, कहीं लाइनें लग रही हैं पर जब कारों और बसों का हजूम आता है तो शिमला में बस, दोनों का शोर और पैट्रोलडीजल का धुआं दिखता है.

इस मौसम में जब यहां हर तरफ चांदी जैसी बर्फ बिछ जाती है तो यह किसी स्वप्नलोक से कम नहीं दिखता. लगता है जैसे देवदार की टहनियों पर भी बर्फ के फूल उग आए हैं. मकानों की दीवारें और छतें दूधिया रंग में रंगी दिखती हैं. सड़कें, खेत, खलिहान सबकुछ एकदम सफेद. इस पर सूर्य की किरणें पड़ते ही मन रोमांचित हो जाता है.

Esta historia es de la edición January First 2023 de Sarita.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 8500 revistas y periódicos.

Esta historia es de la edición January First 2023 de Sarita.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 8500 revistas y periódicos.

MÁS HISTORIAS DE SARITAVer todo
सत्तापरस्त एजेंडे वाली फिल्में क्या गुल खिलाएंगी
Sarita

सत्तापरस्त एजेंडे वाली फिल्में क्या गुल खिलाएंगी

हाल के कुछ सालों में भारतीय सिनेमा तेजी से बदला है. कई फिल्में सरकारपरस्त और भगवा एजेंडे वाली बनी हैं. सरकारी व भगवा एजेंडे वाली फिल्मों की लंबी कतार आगे भी देखने को मिलेगी. पर इन का भविष्य क्या है?

time-read
6 minutos  |
April First 2024
बीमारियों को न्योता देता मोटापा
Sarita

बीमारियों को न्योता देता मोटापा

मोटापा भारत समेत पूरी दुनिया की समस्या बनता जा रहा है. हालांकि यह समस्या ऐसी है जिसे वक्त रहते नियंत्रित किया जा सकता है, परंतु उस के लिए सही आकलन करना जरूरी है. जानिए कि कब मोटापे का अलार्म बजने लगता है?

time-read
2 minutos  |
April First 2024
महिलाएं हक के लिए करें नौकरी
Sarita

महिलाएं हक के लिए करें नौकरी

महिलाओं व पुरुषों के बीच लैंगिक असमानता आज भी व्याप्त है. देखा गया है कि जो युवती आर्थिक रूप से मजबूत व आत्मनिर्भर होती है वह अपने निर्णय लेने में ज्यादा सक्षम होती है. लैंगिक असमानता को मिटाने के लिए युवतियों का आर्थिक रूप से मजबूत होना बेहद जरूरी है.

time-read
8 minutos  |
April First 2024
महिलाओं को कमजोर बनातीं धार्मिक कलश यात्राएं
Sarita

महिलाओं को कमजोर बनातीं धार्मिक कलश यात्राएं

8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर देशभर में कई छोटेबड़े आयोजन हुए थे. उन समारोहों में अपने अपने क्षेत्रों की महिलाओं को सफल सम्मानित किया गया था और जम कर हुई भाषणबाजी में महिलाओं को देवी साबित करने का रिवाज भी कायम रहा था. वक्ताओं ने गागा कर बताया था कि आज महिलाएं किसी क्षेत्र में उन्नीस नहीं हैं. तमाम भाषणों का सार कुछ यों निकलता है.

time-read
5 minutos  |
April First 2024
मजबूत हो रहे हैं औरतों के हक बढ़ रहे हैं तलाक के मामले
Sarita

मजबूत हो रहे हैं औरतों के हक बढ़ रहे हैं तलाक के मामले

जैसेजैसे औरतें शिक्षित हुईं, नौकरी में आगे बढ़ीं, उन्हें अपने खिलाफ होने वाली गलत बातों पर आवाज उठाना भी आने लगा. आर्थिक मजबूती इंसान में हिम्मत लाती है. यही औरतों के साथ भी हुआ. अब पति की मारपीट व गालियां जब बरदाश्त नहीं होतीं तो वे तलाक का रास्ता अपनाने से गुरेज नहीं करतीं.

time-read
6 minutos  |
April First 2024
एंटीएस्टैब्लिशमेंट प्रोफेसर जी एन साईबाबा आखिर किस बात की सजा मिली
Sarita

एंटीएस्टैब्लिशमेंट प्रोफेसर जी एन साईबाबा आखिर किस बात की सजा मिली

प्रोफैसर साईबाबा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के बीच फुटबौल सा बन चुके हैं जो 8 वर्षों से किक ही खा रहे हैं. लेकिन उन की दास्तां दुखद रूप से दिलचस्प है जिस का सार यह है कि उन का मनोबल दक्षिणपंथियों से टूट नहीं रहा.

time-read
5 minutos  |
April First 2024
सरकारी कामों में घुसता धार्मिक पाखंड
Sarita

सरकारी कामों में घुसता धार्मिक पाखंड

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय श्रीनिवास ओक आजकल न्यायपालिका के कार्यक्रमों में पूजापाठ पर बात कहने का कोई मौका ही ढूंढ़ रहे थे क्योंकि उन्हें लगता था कि अति होने लगी है जिस की कोई भी बुद्धिमान, तार्किक व व्यावहारिक आदमी अब और ज्यादा अनदेखी नहीं कर सकता.

time-read
5 minutos  |
April First 2024
हिंदू सवर्णों को बहकाने की नीयत से सीएए
Sarita

हिंदू सवर्णों को बहकाने की नीयत से सीएए

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार ने ध्रुवीकरण का अब एक और दांव चल दिया है. सोचसमझ कर तारीख भी रमजान की चुनी. सीएए यानी नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 से केवल कुछ गैरमुसलिमों को फायदा होगा पर आपसी मनमुटाव बढ़ेगा.

time-read
4 minutos  |
April First 2024
अपनी ताकत को पहचाने ट्रायल कोर्ट
Sarita

अपनी ताकत को पहचाने ट्रायल कोर्ट

ट्रायल कोर्ट के बाद बड़ी संख्या में मुकदमे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक जा रहे हैं. जिन की क्षमता है वे तो राष्ट्रपति तक भी पहुंच रहे हैं. एक मुकदमा सालोंसाल लटका रहता है. न्याय की आस में दोनों पक्ष अपना सबकुछ गंवाते हैं. संविधान ने ट्रायल कोर्ट को सब से अधिक ताकत दी है. अगर ट्रायल कोर्ट मजबूत हो, मुकदमों में जल्द फैसला हो तो लोगों का न्याय पर भरोसा बढ़ेगा और अपीलें कम होंगी.

time-read
10 minutos  |
April First 2024
इलैक्टोरल बौंड चुनावी दानपेटी
Sarita

इलैक्टोरल बौंड चुनावी दानपेटी

भारतीय जनता पार्टी की सरकार इलैक्टोरल बौंड स्कीम यह कह कर लाई थी कि इस से कालाधन समाप्त होगा, मगर यह स्कीम तो भ्रष्टाचार को कानून का जामा पहना कर उसे वैध बनाने की करतूत साबित हुई. इस के तहत तमाम कंपनियों से करोड़ों रुपयों की धनउगाही की गई और बदले में उन को बड़ेबड़े धंधे दिए गए. सर्वोच्च न्यायालय की सख्ती के बाद इस भ्रष्ट स्कीम के रहस्य खुल चुके हैं.

time-read
10+ minutos  |
April First 2024