खोई जमीन पाने की लड़ाई
Outlook Hindi|April 29, 2024
1990 और 2000 के दशक में उत्तर प्रदेश में दलित वोटों पर एकाधिकार रखने वाली और राजनीतिक चर्चा के केंद्र में रहने वाली मायावती की अगुआई वाली बहुजन समाज पार्टी के लिए ये चुनाव प्रासंगिक बने रहने की चुनौती
ज़ैना अजहर सईदा
खोई जमीन पाने की लड़ाई

संविधान निर्माता और दलित आइकन बीआर आंबेडकर की इस महीने पड़ने वाली जयंती पर कांशीराम द्वारा स्थापित बहुजन समाज पार्टी (बसपा) चालीस साल की हो जाएगी। पार्टी ने कई राज्यों में  1990 और 2000 के दशक में दलित वोट पर एकाधिकार कायम करके राष्ट्रीय पार्टी होने का दमखम दिखाया। उत्तर प्रदेश की राजनीति में तो उसका दबदबा निर्विवाद रूप से स्‍थापित हो गया था और 2006 के विधानसभा चुनावों में उसने अपने बूते बहुमत भी हासिल किया। लेकिन इस चुनाव में वही पार्टी प्रासंगिक बने रहने के लिए संघर्ष करती दिख रही है। देखना दिलचस्प होगा कि पारंपरिक वोट बैंक पर फिसलती पकड़, भाजपा और इंडिया ब्लॉक के दलित आउटरीच का विस्तार करने के प्रयासों के साथ-साथ छोटे दलित समर्थक दलों के उदय के बाद इस चुनाव में दलित वोट किसके पक्ष में जाएगा।

पंजाब के रोपड़ जिले में एक दलित परिवार में जन्मे कांशीराम जीवन भर भेदभाव का शिकार रहे। ऐतिहासिक रूप से सभी पिछड़े वर्गों और जातियों को सशक्त बनाने और गैर-द्विज जातियों के अधिकारों को सुरक्षित करने की मुहिम के तहत उन्होंने 1984 में एक राजनीतिक दल के गठन का निश्चय किया। कुछ ही समय में उत्तर प्रदेश की राजनीति में दलित वर्गों के भारी समर्थन से बहुजन समाज पार्टी ने अपनी पैठ बनाई। उनके नेतृत्व में पार्टी ने वंचित समूहों खासकर दलित मतदाताओं को एकजुट करने में सफलता पाई। वर्ष 1991 से 2002 के बीच, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में बसपा का वोट शेयर 9.4 प्रतिशत से बढ़कर 23.2 प्रतिशत हो गया और बसपा ने 1993, 1995, 1997 और 2002 में प्रदेश में गठबंधन सरकारें बनाईं, जिसमें कांशीराम की उत्तराधिकारी मायावती चार में से तीन बार मुख्यमंत्री बनीं।

Esta historia es de la edición April 29, 2024 de Outlook Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 8500 revistas y periódicos.

Esta historia es de la edición April 29, 2024 de Outlook Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 8500 revistas y periódicos.

MÁS HISTORIAS DE OUTLOOK HINDIVer todo
खतरनाक है सबको कलाकार कहना
Outlook Hindi

खतरनाक है सबको कलाकार कहना

यह बहस अश्लीलता और सभ्यता की है, जिसके लिए लकीर खींचना वाकई जरूरी है

time-read
3 minutos  |
May 13, 2024
कूचे में बेआबरू
Outlook Hindi

कूचे में बेआबरू

इस आइपीएल में मुंबई इंडियंस के खराब प्रदर्शन से नए कप्तान पांड्या, लोगों के निशाने पर

time-read
4 minutos  |
May 13, 2024
जाति का गणित
Outlook Hindi

जाति का गणित

भाजपा का ओबीसी उम्मीदवारों पर दांव तो कांग्रेस ने सवर्ण और महिला प्रत्याशियों को दी तरजीह, झामुमो की आदिवासी वोटों पर नजर

time-read
2 minutos  |
May 13, 2024
चुनावी मुठभेड़
Outlook Hindi

चुनावी मुठभेड़

पहले चरण से ठीक पहले निकला माओवाद का जिन्न किसके लिए

time-read
3 minutos  |
May 13, 2024
राजनैतिक विज्ञापनों का अर्थशास्त्र
Outlook Hindi

राजनैतिक विज्ञापनों का अर्थशास्त्र

चुनाव आते ही आरोप लगाने वाले राजनैतिक विज्ञापनों का बाजार गरम हो गया

time-read
5 minutos  |
May 13, 2024
इनफ्लुएंसर काल में चुनाव
Outlook Hindi

इनफ्लुएंसर काल में चुनाव

सोशल मीडिया के लोकप्रिय चेहरों को भुनाकर राजनीतिक दलों ने मतदाताओं तक पहुंचने के एक सशक्त औजार को साध लिया

time-read
5 minutos  |
May 13, 2024
सिनेमा से बनती-बिगड़ती सियासत
Outlook Hindi

सिनेमा से बनती-बिगड़ती सियासत

फिल्मी सितारों का सबसे ज्यादा प्रभाव राजनीति में अगर कहीं रहा है, तो वह है दक्षिण भारत, खासकर तमिलनाडु

time-read
7 minutos  |
May 13, 2024
वजूद बचाने की जंग
Outlook Hindi

वजूद बचाने की जंग

तेलंगाना के चुनावी अखाड़े में सबके अपने भारी के बड़े-बड़े दावे

time-read
6 minutos  |
May 13, 2024
द्रविड़ पहचान बनाम हिंदुत्व
Outlook Hindi

द्रविड़ पहचान बनाम हिंदुत्व

यहां मुकाबला दोतरफा, सिवाय एकाध सीटों के जहां भाजपा का कुछ दांव है

time-read
5 minutos  |
May 13, 2024
जाति, पानी और हिंदुत्व से चढ़ता चुनाव
Outlook Hindi

जाति, पानी और हिंदुत्व से चढ़ता चुनाव

भाजपा को दक्षिण कन्नड़, उत्तर कन्नड़ और उडुपि के तीन तटीय जिलों से उम्मीद है

time-read
4 minutos  |
May 13, 2024