उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को विधायी और जनहित के कार्यों में दक्ष बनाने के लिए 20 मई से दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी. यूपी विधानभवन के तिलक हॉल में आयोजित विधायकों की पाठशाला के दूसरे दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधायकों को शुचिता का पाठ पढ़ाया. योगी ने विधायकों को ठेके-पट्टे से दूर रहकर जनता की सेवा में जुटने की नसीहत दी. अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग में न पड़ने की सलाह देते हुए योगी ने कहा कि इससे जनता के बीच विधायकों की छवि खराब होगी. मुख्यमंत्री ने विधायकों को अफसरों की शिकायत को उचित और तय फोरम पर भी उठाने की सलाह भी दी. इसी प्रबोधन कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी विधायकों को नसीहत दी कि अगर उनको अपने क्षेत्र में विकास का काम कराना है तो अधिकारियों से न उलझें. राज्यपाल ने कहा कि अधिकारी यह नहीं बताएंगे कि कौन सा काम कैसे होगा, बल्कि अधिकारी तो गलतियां बताकर फाइल को अटका देते हैं इसलिए सरलता और शांति से अधिकारियों से मिलकर अपना काम करने के तरीके सीखिए. जाहिर है कि यह प्रबोधन कार्यक्रम विधानसभा के सभी नवनिर्वाचित 403 विधायकों के लिए था लेकिन संयमित रहने का संदेश सत्तारूढ़ दल भाजपा और गठबंधन दलों के उन 273 विधायकों के लिए मूलमंत्र था जिनकी पार्टी ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में दोबारा वापसी की थी.
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