नवरात्र साल में दो दफा आती है, जो 365 में से कुल 18 दिनों के लिए हमें महिलाओं के महत्व को समझाती है। निज स्वार्थ या यूं कहें मनोकामना पूरी करने के लिए हर दूसरा व्यक्ति कन्या पूजन करता है और कन्या को ही मां भगवती का स्वरूप मानता है। लेकिन बाकी दिनों का क्या? क्या बचे हुए दिनों में हम सब कुछ भूल जाते हैं? अगर याद रहता तो आज भी लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ अपराध नहीं होते। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की पिछले साल की रिपोर्ट ही बताती है कि देश में हर रोज करीब 90 नाबालिग लड़कियों का बलात्कार हुआ था। हां ये वही हैं, जिन्हें हम सभी साल में दो दफा घर बुलाकर पूजते हैं।
ये तो बात रही महिलाओं के खिलाफ अपराध की, लेकिन एक दुनिया इससे उलट भी चल रही है जहां महिला शक्ति और महिलाओं के पक्ष के कानून का खुद महिलाएं ही गलत इस्तेमाल करती हैं। लीगल सर्विस इंडिया का एक आंकड़ा बताता है कि पुरुषों के खिलाफ दर्ज मामलों में 58.95 प्रतिशत मामलों में उन्हें गलत फंसाया गया था। सवाल यह उठता है कि इतना बड़ा असंतुलन कैसे जन्मा? ऐसे में नवरात्र एक अवसर है, स्त्री की ताकत को सही तरह से समझने का।
जानें कन्या पूजन का महत्व
Esta historia es de la edición October 01, 2022 de Anokhi.
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