उस आंदोलन के दौरान तकरीबन सालभर तक जाड़ा, गरमी और बरसात झेलते हुए किसान खुले आसमान के नीचे सड़कों पर बैठे रहे थे. तकरीबन 700 किसानों की जानें भी गई थीं. लेकिन किसानों ने तब मोदी सरकार को झुका ही लिया था और वे 3 काले कानून वापस करा दिए थे, जिन से किसानों को अपनी ही जमीन पर मजदूर बनाने के सारे इंतजाम मोदी सरकार ने कर दिए थे.
उस समय तो मजबूरन मोदी सरकार को किसानों की मांगों के आगे झुकना पड़ा, लेकिन उस आंदोलन से कुछ और नए मुद्दे खड़े हुए, जिन को ले कर किसान एक बार फिर दिल्ली घेरने निकल पड़े.
14 मार्च, 2024 को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में देशभर से 400 से ज्यादा किसान संगठनों के लोग महापंचायत के लिए पहुंचे. इतनी बड़ी तादाद में किसानों का रेला देख दिल्ली के कई क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी गई. हालांकि, किसानों की तरफ से किसी तरह की बेअदबी नहीं हुई और महापंचायत के बाद दोपहर के 3 बजे, रैली खत्म भी हो गई.
मगर, इस महापंचायत में किसानों ने सरकार को यह संदेश जरूर दे दिया कि सरकार के बरताव से वे न सिर्फ आहत हैं, बल्कि आगामी लोकसभा चुनाव में वे भारतीय जनता पार्टी को करारा सबक भी सिखाने के लिए कमर कस चुके हैं.
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मोटे अनाज के बेकरी उत्पादों को बनाएं रोजगार
18 मार्च, 2024 कभी मोटे अनाज (श्रीअन्न) जैसे बाजरा, ज्वार, रागी, कांगणी, सांवा, चीना आदि को गरीबों का भोजन माना जाता था, लेकिन आज अमीर आदमी मोटे अनाज के पीछे भाग रहा है. दरअसल, मोटे अनाज में ढेर सारी बीमारियों को रोकने संबंधी पोषक तत्त्वों की भरमार है, इसलिए लोग श्रीअन्न को अपने भोजन में शामिल करने लगे हैं.
ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना के तहत जागरुकता कार्यक्रम
27 मार्च, 2024 को कृषि अनुसंधान केंद्र, बोरवट फार्म बांसवाड़ा के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना के तहत एकदिवसीय कृषक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन झेर्पारा (करजी) गांव में किया गया.
किसानों के खेतों पर लगेंगे 50,000 से अधिक सोलर पंप
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पिछले दिनों जयपुर के दुर्गापुरा स्थित राज्य कृषि प्रबंध संस्थान में आयोजित पीएम कुसुम सौर पंप संयंत्र स्वीकृतिपत्र वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे. समारोह में 500 से ज्यादा किसान उपस्थित थे, जिन में से 10 किसानों को मुख्यमंत्री और कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री डा. किरोड़ी लाल ने स्वीकृतिपत्र प्रदान किए.
फलदार पौधों को रोपने के पहले करें यह तैयारी
मानसून के दस्तक देने के साथ ही अधिकतर फलदार आम, नीबू, अमरूद, लीची, अनार आदि पौधों की रोपाई का काम शुरू हो जाता है. फलदार पौधे की रोपाई के बाद सूखे न और उन का समुचित विकास हो, इस के लिए जरूरी हो जाता है कि किसान पौध रोपाई के पूर्व की जाने वाली सावधानियों और कामों को समय से पूरा करें.
रोमनेस्को ब्रोकोली - एक अनोखी गोभी, जो है सेहत का खजाना
यहां हम ऐसी एक विदेशी सब्जी की खेती की बारे में जानकारी दे रहे हैं, जो अपने रंग, रूप और आकार के अलावा अपने पोषक तत्त्वों की प्रचुरता के लिए जानी जाती है. गोभी कुल की इस सब्जी का नाम रोमनेस्को ब्रोकोली है, जो एक तरह की फूलगोभी है.
पौलीहाउस में पादप रोगों की रोकथाम कैसे करें
कृषि में विविधीकरण से किसानों की आय में वृद्धि एवं व्यावसायिकता के बढ़ने के साथ ही पौलीहाउस का प्रयोग बढ़ता जा रहा है, परंतु पौलीहाउस में होने वाले विभिन्न पादप रोगों से काफी नुकसान उठाना पड़ता है. पौलीहाउस के भीतर होने वाली बीमारियों को मोटेतौर पर 2 वर्गों में बांटा जा सकता है:
खेती की पैदावार बढ़ाते जैव उर्वरक
खेत में रासायनिक खाद के अंधाधुंध इस्तेमाल से हमारी खेती की जमीन में जीवांश की मात्रा घटने से उस की उपजाऊ शक्ति घटती जाती है. बायोफर्टिलाइजर से काफी हद तक इस को नियंत्रित किया जा सकता है.
कृषि आय ऐसे बढाएं
कृषि में आय बढ़ाने के लिए 3 स्तरों पर काम करना होगा. पहला, लागत कम करना, दूसरा, उत्पादन बढ़ाना और तीसरा, जो उत्पादन किया है, उस की ज्यादा से ज्यादा कीमत हासिल करना.
मशीनों की जरूरत, इस्तेमाल व रखरखाव
भारत में बहुत से क्षेत्र ऐसे हैं, जहां कृषि से जुड़े विभिन्न यंत्र व मशीनें बनाई जाती हैं या फिर दूसरी जगह से ला कर बेची जाती हैं.
जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल यंत्र से करें सीधी बोआई
आमतौर पर किसी भी फसल को बो से पहले खेत तैयार करने में 3-4 जुताइयां करनी होती हैं, पर इस यंत्र से जुताई करने पर खर्चा भी काफी बचता है.