जंपी बंदर चंपकवन में रहता था. सभी उसे चिढ़ाते रहते थे. वह बोलने में थोड़ा हकलाता था. इसीलिए स्कूल, खेल के मैदान, घर सभी जगह बच्चे और बड़े उस की मजाक उड़ाते, लेकिन जंपी को इस से कोई फर्क नहीं पड़ता था. उस का मन बड़ा दयालु था. वह सभी को क्षमा कर देता. किसी पर भी गुस्सा नहीं करता था. स्कूल के बच्चे सोचते थे कि जंपी कमजोर और डरपोक है, इसीलिए वह किसी को कुछ नहीं कहता. वह हमेशा शांत बैठा रहता है.
"जंपी, तुम्हें इन सब बातों का बुरा नहीं लगता. सब तुम्हें चिढ़ाते रहते हैं. आज तो हद ही हो गई. डमरू गधा भी तुम्हें चिढ़ा रहा था और तुम कुछ नहीं बोले. मुझे तो उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था," जंपी के दोस्त चीकू खरगोश ने कहा.
"तुम इतना गुस्सा क्यों करते हो? मुझे इस बात का कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन क्या कहता है. मेरा व्यक्तित्त्व ऐसा ही है. इन सब बातों में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं है. हमें बस, अपना काम करते रहना है," जंपी ने समझाते हुए कहा.
"तुम्हें समझाना बेकार है. पता नहीं, तुम किस मिट्टी के बने हो," चीकू बोला.
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भीम का संकल्प
वर्ष 1901 की बात है. उस समय भारत में अंग्रेजों का राज था. महाराष्ट्र के सतारा में एक 9 वर्ष का बालक भीम अपने बड़े भाई, भतीजे और दादी के साथ रहता था. उस के पिता कोरेगांव में खजांची की नौकरी करते थे.
अंधेर नगरी चौपट राजा
चीकू खरगोश और मीकू चूहा विश्व भ्रमण पर निकले थे. घूमतेघूमते दोनों 'जंबलटंबल' नामक शहर के बाहरी इलाके में जा पहुंचे..
रैटी की पूंछ
रैटी चूहा आनंदवन में अपनी कजिन चिंकी चिपमंक के साथ रहता था, जो दो महीने पहले लंदन से आया था. एक दिन रैटी अपने घर में उदास बैठा था. उसे उदास देख कर उस की दोस्त चिंकी ने पूछा, \"क्या बात है रैटी, तुम बड़े उदास लग रहे हो. किसी परेशान किया क्या? कहीं बैडी बिल्ली ने तुम्हें पंजा तो नहीं मारा या फिर हमेशा की तरह तुम्हारे पेट में भूख के मारे चूहे कूद रहे हैं. शायद इसीलिए तुम्हारे चेहरे पर बारह बज रहे हैं.\"
जलियांवाला बाग बलिदानियों की याद
\"बहुत बढ़िया, आज के लिए नया शब्द है, एम. ए. एस. एस. सी. आर. ई. कंचना मैम ने ब्लैक बोर्ड पर एक के बाद एक अक्षर लिखा.
शारजाह में ईद
दानिया बहुत उत्साहित थी, क्योंकि मम्मी ने दानिया बताया कि चचेरी बहन एजा और रूही ईद के लिए उन से मिलने आ रही हैं. एजा और रूही लंदन, यूनाइटेड किंगडम में रहती थीं. वे पहली बार शारजाह, संयुक्त अरब अमीरात, मध्यपूर्व के लिए उड़ान भर रही थीं.
पेन्नी के कपकेक्स
सुबहसुबह अचानक किसी ने दरवाजा खटखटाया तो टौमी बिलाव ने जा कर दरवाजा खोला. दरवाजे पर उस की पड़ोसिन पेन्नी बिल्ली थी. उस के हाथ में एक बहुत बड़ा डब्बा था, जिस में से बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी. यह देख कर टौमी बहुत हैरान हुआ और मन ही मन सोचने लगा कि पेन्नी मिठाई का डब्बा ले कर मेरे घर आई है. मैं उसे बरसों से जानता हूं. अव्वल दर्जे की कंजूस है.
ईस्टर का त्योहार
राहुल ने सेंट जोसफ स्कूल में पढ़ाई की, जो ईसाई मान्यताओं पर आधारित था. राहुल हिंदू था. राहुल की क्लास में सभी धर्मों के बच्चे पढ़ते थे. उन्होंने सभी त्योहारों का आनंद लिया और इस तरह एकदूसरे की संस्कृतियों के बारे में जाना. एक दिन राहुल ने स्कूल बोर्ड पर रंगीन अंडों और जलती मोमबत्तियों वाले पोस्टर देखे.
रंगबिरंगी दुनिया
तनु को रंगों से बहुत प्यार था. उस की ड्राइंग कौपी का हर पन्ना रंगबिरंगा रहता था. उस का कमरा गुलाबी और हरे जीवंत रंगों से सजा था. उसे अपने गमलों में चमकीले और रंगबिरंगे फूल पसंद थे.
धोखा
\"कहो टिन्नी, आजकल कैसी कट रही है तुम्हारी जिंदगी?\" जियो सियार ने टिन्नी लोमड़ी से पूछा तो उस ने लंबी सांस भरी...
मोजारेला चीजस्टिक
जिग्गी चिपमंक स्कूल बस में नया बच्चा था. उन की बस सर्विस बहुत खराब थी, खास कर सुबह के समय जब बस बच्चों को लेने आती थी तो उन्हें काफी देर तक इंतजार करना पड़ता था. स्कूल पहुंचने में अकसर उन्हें देर हो जाती थी.