कपास फसल की सिफारिशें
Modern Kheti - Hindi|15th March 2024
रेतीली, लूणी और सेम वाली भूमि को छोड़कर सभी प्रकार की भूमि में की जा सकती हैं। जमीन अच्छी प्रकार से तैयार करने के लिए 3-4 जुताईयां काफी हैं।
अमित कुमार, जसबीर सिंह, दीपक कुमार और नरेश शर्मा 
कपास फसल की सिफारिशें

भूमि व खेत की तैयारी

अधिक पैदावार लेने के लिए जुताई गहरी की जाये। पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए। खेत की अच्छी तैयारी के लिए दो बार हैरो से भी जुताई करें तथा प्रत्येक जुताई बाद खेत में सुहागा लगायें।

बिजाई का समय 

कपास की जुताई 15 अप्रैल से जून के पहले सप्ताह तक की जा सकती हैं परंतु मई का पूरा महीना कपास की बिजाई के लिए सर्वोत्तम हैं। महेंद्रगढ़, भिवानी तथा डबवाली (सिरसा) जिलों में, जहां मिट्टी रेतीली है और तेज हवा से रेतीले टिब्बे बनने की समस्या है, वहां पर कपास की बिजाई अप्रैल के पहले पखवाड़े में करें ताकि छोटी पौध जलने व रेत में दबने से बच सके। वहीं बी. टी. कपास की बिजाई का सर्वोत्तम समय अप्रैल के तीसरे सप्ताह से लेकर मई के अंत तक है।

बीज उपचार 

• 1 ग्राम स्ट्रैप्टोसाईक्लिन, 1 ग्राम स्कसीनिक तेजाब, 10 लीटर पानी से 5-6 कि. ग्रा. रोएंदार अथवा 6-8 कि. ग्रा. बगैर रोएंदार कपास का बीज उपचार करें।

• सूत्रकृमि से प्रकोपित खेतों में कपास की बिजाई से पहले 5-6 कि. ग्रा. बीज को 50 मि. ली. बायोटीका (जी डी 35-47) से उपचारित करें।

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