Open Eye News - March 2020Add to Favorites

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THE MARCH 2020 ISSUE OF OPEN EYE NEWS

कोई यह नहीं समझा पा रहा है।

नागरिक संशोधन अधिनियम 2019 के पारित होने के लगभग 50 दिन व्यतीत हो जाने के बावजूद देश के विभिन्न अंचलों में सीएए के समर्थन में एवं (एनआरसी व एनपीआर सहित) सीएए के विरोध में प्रदर्शनों का दौर लगातार चालू है। समर्थक व विपक्ष दोनों वर्गों के लोगों को वास्तविक रूप में प्रायः यह मालूम ही नहीं है कि वे किस विषय के समर्थन में अथवा विरोध में रैली, जुलूस, प्रदर्शन तथा संगोष्ठी इत्यादि आयोजित कर रहे है, भाग ले रहे हैं। राजनैतिक पार्टियों के द्वारा भी पक्ष व विरोध दोनों वर्गों के बीच सफलता पूर्वक एक भ्रम व संदेह की स्थिति पैदा कर दी गई है। देश की बहुआयामी-बहु-उद्देशीय विचार धारा को इस सीएए की लक्ष्मण रेखा के दोनों तरफ आमने-सामने खड़ा कर के बिल्कुल सीमित बना दिया गया है। विचारों का इतना सीधा (भ्रामक) विभाजन भी देश में शायद पहली बार ही हुआ है। विभाजन की सीमा तो देखिये, जो समर्थक हैं, वे देश प्रेम का तमगा पा रहे हैं, और जो विरोधी हैं, वे क्षण भर में देश द्रोही ठहरा दिये जा रहे है।

कोई यह नहीं समझा पा रहा है।

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धीरे-धीरे फैलावः कोविड-19 और भारतीय शहरों के लिए सबक

भारत में दुनिया की सबसे घनी आबादी वाले शहर हैं, जहां प्रतिदिन अत्याधिक भीड़ वाली मेट्रो और बसों में यात्रा करते समय लोगों की एक-दूसरे से दूरी बेहद कम होती है। नोवेल कोरोनावायरस (कोविड 19) मामलों की संख्या बढ़ रही हैं। इसने 100 से अधिक देशों को प्रभावित किया है। इस महामारी को समाप्त करने की योजना बनाने में शहरी आयामों को समझना महत्वपूर्ण है। इससे रोकथाम संबंधी और चिकित्सा संबंधी उपायों को सुनिश्चित किया जा सकेगा। अपने सुदृढ़ नगर प्रबंधन के साथ भारत इस महामारी से लड़ने में अग्रणी भूमिका निभा सकता है। इतिहास महामारी और नगर योजना के बीच के संबंध को रेखांकित करता है। 19वीं शताब्दी के मध्य में कई आधुनिक नगर प्रणालियों में जल और स्वच्छता आधारित अवसंरचना का विकास हुआ ताकि मलेरिया और हैजा जैसी महामारियों से मुकाबला किया जा सकें। इसी प्रकार 20वीं शताब्दी में स्पैनिश फ्लू से मुकाबला करने के लिए नगर आधारित प्रशासनिक संरचना और संस्थागत रूपरेखा का निर्माण हुआ। स्पैनिश महामारी से परी दनिया में 5 करोड़ लोगों की मौत हुई थी।

धीरे-धीरे फैलावः कोविड-19 और भारतीय शहरों के लिए सबक

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लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में, तुम तरस नहीं खाते बस्तियाँ जलाने में

पिछले कुछ समय से देश में जगह-जगह विभिन्न पार्टियों के चंद नेता अपने जहरीले बयानों से लोगों को सीएए, एनआरसी व एनपीआर के विरोध व पक्ष की आड़ लेकर भड़का रहे थे। सूत्रों के अनुसार उसकी प्रतिक्रिया के रूप में ही दिल्ली में इतना बड़ा सुनियोजित दंगा हुआ है।

लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में, तुम तरस नहीं खाते बस्तियाँ जलाने में

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भारत में महिला उद्यमियों की चुनौतियां

अधिकांश महिलाएं आज भी सहायक कार्य के रूप में व्यवसायिक गतिविधियों को आगे बढ़ा रही हैं क्योंकि वे घर के अधिकांश कामों को करना जारी रखती हैं। वे अक्सर बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल करने में प्रमुख भूमिका निभाती हैं। जिस प्रकार का व्यवसाय महिलाएं करती हैं उसकी प्रकृति भी पुरुषों की तुलना में अलग है, इसलिए ऋग और समरूपी ऋग की उनकी आवश्यकता अलग है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को अक्सर घर से बाहर निकलने से पहले अपने परिवार में एक पुरुष सदस्य की अनुमति की आवश्यकता होती है और अक्सर सुरक्षा चिंताओं या सामाजिक मानदंडों के कारण पड़ोस के बैंक जाने के लिए उसे एक पुरुष रिश्तेदार को ले जाना पड़ता है। अनेक कारणों से महिलाओं की वित्तीय संसाधनों तक पहुंच सीमित है। महिलाएं उधार से अधिक बचत करती हैं, भारत और विश्व स्तर पर एक खेत या व्यवसाय को चलाती हैं, या उसका विस्तार करती हैं।

भारत में महिला उद्यमियों की चुनौतियां

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कोरोनावायरस से डरिए मत... इससे संक्रमित होने का मतलब मौत नहीं है

चीन में कोरोना संक्रमण के 80 हजार से भी ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और तीन हजार से अधिक मौतें हो चुकी हैं। संक्रमण के मामले में चीन, ईरान, इटली, कोरिया तथा सिंगापुर की स्थिति ज्यादा चिंताजनक है।

कोरोनावायरस से डरिए मत... इससे संक्रमित होने का मतलब मौत नहीं है

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देशभर के बिजली बोर्डो के बुरे हाल के पीछे चल रहे बड़े खेल को समझना जरूरी

बिजली के खेल को समझने के लिए विद्युत अधिनियम 2003 की उस भावना को समझने की जरूरत है जो बुनियादी तौर पर निजीकरण की वकालत करती है। भारतीय विद्युत अधिनियम 1910 और इंडियन इलेक्ट्रिक एक्ट 1948 बिजली क्षेत्र में किसी भी निजी भागीदारी को निषिद्ध करता था।

देशभर के बिजली बोर्डो के बुरे हाल के पीछे चल रहे बड़े खेल को समझना जरूरी

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Open Eye News Magazine Description:

EditorOpen Eye Media Publications

CategoríaNews

IdiomaHindi

FrecuenciaMonthly

Open Eye News is an informative political, social and investigative news magazine published from Bhopal, Madhya Pradesh, that believes in journalism for public interest. The articles and reporting from different levels given in it are fascinating, insightful and packed with unique content. It is a purely unbiased feature of local influence with a national perspective. Our targeted readers are the common man, influential people, intellectuals and decision-makers of important segments of the state. Open Eye News fully perceives the local issues and provides comprehensive coverage on the same. A unique publication printed in both English and Hindi keeping the suitability and comfort of both kinds of readers in mind.

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