सुंदर दिखना आप का हक
Grihshobha - Hindi|May Second 2024
सुंदरता को निखारने का हक जितना महिलाओं का है, उतना ही पुरुषों का भी माना जाता है.....
भावना खाकर 'भावु'
सुंदर दिखना आप का हक

“लावण्यमयी ललना अपने अंगअंग पर पड़ी सुस्ती को बहार ले ओज है तेरी रवानी में खुद को तू संवार तू ले, मत घूम ऐसे तितरबितर सलीके से सजधज कर खुद को तू निखार ले." 

इस में कोई शक नहीं कि मेकअप कर के खुद को अपटुडेट रखना आप की गरिमा, आप के व्यक्तित्व और आप के आत्मविश्वास में चार चांद लगा देता है. ज्यादा कुछ नहीं करना पार्लर जा कर सिर्फ आईब्रोज और हेयरकट करवा कर आइए फिर घर आ कर आईने में देखिए खुद को. खुद से प्यार हो जाएगा या फिर कहीं जाना हो तो ज्यादा सजनेसंवरने के बजाय सिर्फ गहरे रंग की लिपस्टिक और काजल लगा कर बालों को खुला छोड़ दीजिए.

आकर्षित होते हुए लोग मुड़ कर आप को देखने को मजबूर हो जाएंगे. गहनों से लदी महिला से ज्यादा हलके मेकअप के साथ तैयार हुई महिला ज्यादा खूबसूरत लगती है.

खूबसूरत और आत्मविश्वासी

हलका मेकअप और महीने में एक बार पार्लर जाना सामान्य दिखने वाली महिला को खूबसूरत और आत्मविश्वासी बना देगा. फिर अपने तन को साफसुथरा और आकर्षण केंद्र बनाए रखने में बुराई क्या है? साथ ही यह भी उतना ही सही है कि पार्लर न जा कर आप घरेलू नुसखे आजमा कर भी अपने सौंदर्य में निखार ला सकती हैं.

Diese Geschichte stammt aus der May Second 2024-Ausgabe von Grihshobha - Hindi.

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