प्रज्ञा ठाकुर के जहर घोलते बोल
Sarita|January Second 2023
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का 'सही' इस्तेमाल अब कट्टरवादी ही कर रहे हैं, मुद्दों की बातें करने वाले तो 'बेबसी' में मुंह में दही जमाए बैठे हैं. बेहद कट्टर प्रज्ञा ठाकुर व उन जैसे नेता क्या बोलते हैं और उन का मकसद क्या रहता है, जानिए आप भी.
भारत भूषण श्रीवास्तव
प्रज्ञा ठाकुर के जहर घोलते बोल

ह सोचना बेमानी और नादानी वाली बात है कि भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर कभी भी कुछ भी बोल देने के नाते बड़बोली हैं. हकीकत तो यह है कि वे औरों से कहीं बेहतर जानती व समझती हैं कि कब कहां कितना और कैसा बोलने से कितनी आग भड़केगी और इस का फायदा कैसेकैसे मिलेगा. अपनी आग लगाऊ वाणी के लिए कुख्यात तेजतर्रार कट्टर हिंदूवादी इस साध्वी ने कर्नाटक के शिवमोगा में कहा, 'अपने घर में हथियार रखो, कुछ नहीं तो सब्जी काटने वाला चाकू तेज रखो, पता नहीं कब कैसे हालात सामने आ जाएं. सभी को अपनी सुरक्षा का अधिकार है. अगर कोई हमारे घर में दाखिल होता है और हमला करता है तो उसे जवाब देने का अधिकार हमें है.'

मौका भी बड़ा मुफीद था. प्रज्ञा ठाकुर ने शिवमोगा में हिंदू जागरण वेदिके के दक्षिण क्षेत्र के सालाना जलसे में कार्यकर्ताओं को उकसाते आगे कहा, 'उन के यहां जिहाद की परंपरा है. अगर कुछ नहीं करते हैं तो लवजिहाद करते हैं. अगर वे प्यार करते हैं तो उस में भी जिहाद करते हैं. हम भी प्यार करते हैं, भगवान से प्यार करते हैं. एक संन्यासी अपने भगवान से प्यार करता है.' आखिर में ‘अत्याचारियों का अंत करो' का आह्वान करते उन्होंने हिंदुओं को जगाने के अपने अनुष्ठान में एक आहुति और दे दी.

कट्टर हिंदूवादियों के इस तरह के भड़काऊ भाषणों में 'उन के' आशय अकसर मुसलमानों और कभीकभी ईसाईयों से होता है. शिवमोगा में उन का अभिप्राय मुसलमानों से था जिन्हें लगेहाथ पापी होने का सर्टिफिकेट भी उन्होंने जारी कर दिया. लेकिन इस के लिए प्रज्ञा ठाकुर को भोपाल से 1,367 किलोमीटर दूर क्यों जाना पड़ा, यह बात वही लोग समझ पाए जिन्हें याद था कि इस साल मई के लगभग ही कर्नाटक में विधानसभा चुनाव हैं और राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो' यात्रा का यहां मुकम्मल असर हुआ है. लोगों को यह भी समझ आ गया कि भगवा गैंग ने चुनाव अभियान का श्रीगणेश कर दिया है जिस का मुद्दा कट्टर हिंदुत्व ही रहेगा.

आग ही आग

Diese Geschichte stammt aus der January Second 2023-Ausgabe von Sarita.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

Diese Geschichte stammt aus der January Second 2023-Ausgabe von Sarita.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

WEITERE ARTIKEL AUS SARITAAlle anzeigen
फिल्मों में कैंसर लोगों को बीमारी के बारे में बताया या सिर्फ इसे भुनाया
Sarita

फिल्मों में कैंसर लोगों को बीमारी के बारे में बताया या सिर्फ इसे भुनाया

लाइलाज बीमारी कैंसर का हिंदी फिल्मों से ताल्लुक कोई 60 साल पुराना है. 1963 में सी वी श्रीधर निर्देशित राजकुमार, मीना कुमारी और राजेंद्र कुमार अभिनीत फिल्म 'दिल एक मंदिर' में सब से पहले कैंसर की भयावहता दिखाई गई थी लेकिन 'आनंद' के बाद कैंसर पर कई फिल्में बनीं जिन में से कुछ चलीं, कुछ नहीं भी चलीं जिन की अपनी वजहें भी थीं, मसलन निर्देशकों ने कैंसर को भुनाने की कोशिश ज्यादा की.

time-read
7 Minuten  |
April Second 2024
मोबाइल नंबर की अनिवार्यता
Sarita

मोबाइल नंबर की अनिवार्यता

आज मोबाइल हमारे जीवन का जरूरी अंग बना दिया गया है. हम चाह कर भी इस के बिना नहीं रह सकते. सभी चीजें औनलाइन कर दी गई हैं. कुछ काम तो सिर्फ औनलाइन तक ही सीमित रह गए हैं. ऐसे में एक गरीब को भी मोबाइल खरीदना जरूरी हो गया है.

time-read
1 min  |
April Second 2024
घर में बनाएं जिम
Sarita

घर में बनाएं जिम

जिम में जा कर ऐक्सरसाइज करने से अधिक सुविधाजनक यह है कि घर में ही अपना जिम बनाएं घर के जिम में आवश्यक ऐक्सरसाइज इक्विपमैंट ही रखें, जिस से कम बजट में इस को तैयार किया जा सके.

time-read
3 Minuten  |
April Second 2024
अधेड़ उम्र में शादी पर सवाल कैसा
Sarita

अधेड़ उम्र में शादी पर सवाल कैसा

आयु का इच्छाओं से कोई संबंध नहीं है. अगर आप अपने बलबूते पर, खुद के भरोसे 60 वर्ष की आयु में भी शरीर बनाना चाहते हैं, दुनिया की सैर करना चाहते हैं, किसी हसीना के साथ डेट पर जाना चाहते हैं या शादी करना चाहते हैं तो भई, इस पर सवाल कैसा?

time-read
5 Minuten  |
April Second 2024
गरमी में भी सब्जियों और फलों को ऐसे रखें ताजा
Sarita

गरमी में भी सब्जियों और फलों को ऐसे रखें ताजा

गरमी में सब्जियां, खासकर हरी सब्जियां, जल्दी खराब होती हैं. ऐसे में वे आसान तरीके जानिए जिन से सब्जियों को जल्दी खराब होने से बचाया जा सकता है.

time-read
3 Minuten  |
April Second 2024
वौयस क्लोनिंग का खतरा
Sarita

वौयस क्लोनिंग का खतरा

आजकल वौयस क्लोनिंग के जरिए महिलाओं को बेवकूफ बनाया जा रहा है. एआई की मदद से प्रेमी, भाई या किसी अन्य परिजन की आवाज में कौल कर पैसे ऐंठे जा रहे हैं जो डिजिटलीकरण की कमियां दिखा रहा है.

time-read
5 Minuten  |
April Second 2024
जीने की आजादी है महिलाओं का बाइक चलाना
Sarita

जीने की आजादी है महिलाओं का बाइक चलाना

पुरुषों के लिए बाइक चलाना सामान्य बात मानी जाती है मगर कोई महिला बाइक चलाए तो उसे हैरान नजरों से देखा जाता है.

time-read
3 Minuten  |
April Second 2024
हीनता और वितृष्णा का प्रतीक पादुका पूजन
Sarita

हीनता और वितृष्णा का प्रतीक पादुका पूजन

भारत में गुरु तो गुरु, उन की पादुकाएं तक पैसा कमाती हैं. इसे चमत्कार कहें या बेवकूफी, यह अपने देश में ही होना संभव है. धर्मगुरुओं ने प्रवचनों के जरिए लोगों में आज कूटकूट कर इतनी हीनता भर दी है कि वे मानसिक तौर पर अपाहिज हो कर रह गए हैं.

time-read
5 Minuten  |
April Second 2024
फ्रांस में गर्भपात पर फैसला मेरा शरीर मेरा हक
Sarita

फ्रांस में गर्भपात पर फैसला मेरा शरीर मेरा हक

फ्रांस में गर्भपात कानून में बदलाव के बाद पूरी दुनिया में इस पर बहस छिड़ गई है कि इस का नतीजा क्या होगा?

time-read
4 Minuten  |
April Second 2024
बाल्टीमोर ब्रिज हादसा पुल के साथ ढहा भारतीय आत्मसम्मान
Sarita

बाल्टीमोर ब्रिज हादसा पुल के साथ ढहा भारतीय आत्मसम्मान

अमेरिका और अमेरिकी बहुत ज्यादा उदार नहीं हैं. विदेशियों, खासतौर से अश्वेतों के प्रति उन के पूर्वाग्रह, कुंठा, जलन और हिंसा सहित तमाम तरह के भेदभाव दैनिक सामाजिक जीवन का हिस्सा हैं जिन की तुलना हमारे देश में दलितों से किए जाने वाले व्यवहार से की जा सकती है. बाल्टीमोर पुल हादसे के बाद यह बात एक बार फिर साबित हुई है कि हमारी सरकार ने इस से कोई सरोकार नहीं रखा.

time-read
6 Minuten  |
April Second 2024