सरकारी या गैर-सरकारी, हर सर्वे में हरियाणा बेरोजगारी में ऊपरी पायदान पर है। इसका एक अंदाजा राज्य सरकार की 'द ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम' (एचआरएमएस) रिपोर्ट से मिलता है। रिपोर्ट के मुताबिक विभिन्न सरकारी विभागों में पिछले छह-सात वर्ष से 2,02,576 पद खाली हैं, लेकिन सरकार इन खाली पदों को भरने के बजाय विभागों में आउटसोर्सिंग से काम चला रही है और युवा बेरोजगारों की फौज को इजरायल और रूस जैसे युद्धग्रस्त देशों में भेजने की प्रक्रिया में है। हरियाणा रोजगार कौशल निगम विदेश में नौकरियां दिलाने के लिए नोडल एजेंसी बन गया है। बाकायदा विज्ञापन जारी कर यह निगम इजरायल सरकार की मांग पर वहां युद्ध में ध्वस्त भवनों के पुनर्निर्माण के लिए 10,000 श्रमिक भेजने की मुहिम चला रहा है। इस मामले में विपक्ष का कहना है कि केंद्र सरकार इजरायल से भारतीय मूल के लोगों को सुरक्षित निकालने में लगी है जबकि हरियाणा सरकार प्रदेश के बेरोजगार युवाओं की जिंदगी खतरे में डाल रही है।
इजरायल और हमास के बीच पिछले चार महीने से छिड़ा युद्ध थमने के संकेत नहीं हैं। इस बीच इजरायल में नौकरी के लिए हरियाणा में भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। रोहतक स्थित महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में 16 से 20 जनवरी तक चली भर्ती प्रक्रिया में इजरायल की 15 सदस्यीय टीम ने श्रमिकों का हुनर देखा और उन्हें अपने देश की जरूरत के मुताबिक भवन निर्माण प्रशिक्षण कार्यशालाएं भी आयोजित की हैं। डेढ़ लाख रुपये मासिक वेतन, भोजन, आवास और बीमा सुरक्षा के लालच में यहां के बेरोजगार युवा अपनी जान जोखिम में डालकर पांच साल के लिए इजरायल जाने को तैयार दिख रहे हैं।
Diese Geschichte stammt aus der February 19, 2024-Ausgabe von Outlook Hindi.
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जौनपुर
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