दुनिया के शिखर पर खड़ा व्यक्ति एक-एक सांस के लिए लड़ते हुए आंखों में आंसू लिए अपने चारों तरफ देखता है. उस पल उसे महसूस होता है कि बरसों की मेहनत पर अब पूर्ण विराम लगाया जा सकता है.
मगर अगले ही पल उसके कानों में 'समिट-समिट' का शोर पड़ता है और वह एक आधे ख्वाब से जाग उठता है. उसके कुछ फीट नीचे ही लोगों की एक लंबी कतार है. सभी शिखर पर पहुंचना चाहते हैं. वह एक पल के लिए अपना ऑक्सीजन मास्क हटाता है और फटाफट सेल्फी कैमरे से अपना एक वीडियो बना लेता है. एक घूंट पानी पीकर वह लौटना शुरू करता है तो 'चोरी हो गया, चोरी हो गया' का शोर उसे हजारों मीटर की ऊंचाई से मानो सीधे जमीन पर ला पटकता है. "क्या चोरी हो गया ?" वह सोचता है. उसे पता पड़ता है कि किसी चढ़ाई के दौरान किसी क्लाइंबर का ऑक्सीजन कनस्तर चोरी हो गया.
माउंट एवरेस्ट पर भीड़ का मंजर देखिए, यहां चोरियां तक हो रही हैं. माउंटेनियर, एवरेस्ट ब्लॉगर और एक्सपर्ट ऐलेन आर्नेट के पॉडकास्ट सुनते हुए यकीन होता है कि ऐसा दृश्य सचमुच 'टॉप ऑफ द वर्ल्ड' पर घट सकता है.
एवरेस्ट फतह कर चुका पर्वतारोही अब धीरे धीरे नीचे उतरता है, न सिर्फ अगले कैंप की ओर, बल्कि असल दुनिया की ओर. मुमकिन है लौटते हुए उसे एक से अधिक डेड बॉडी बर्फ में पड़ी दिखें जिनके इंसान होने का प्रमाण उनके कपड़े और चटख रंग के बूट्स हों.
समिट का अर्थ होता है ऊंचा, ऊंचाई या शिखर, माउंटेनियरिंग की दुनिया में समिट पूरी करने का अर्थ होता है किसी पहाड़ की चोटी तक पहुंच उसे फतह करना. एवरेस्ट को तिब्बत (उत्तर) और नेपाल (दक्षिण), दोनों तरफ से चढ़ा जा सकता है. एवरेस्ट चढ़ने का सीजन अप्रैल और मई होता है. कई साल से अप्रैल की शुरुआत में पर्वतारोही एवरेस्ट पहुंचते हैं और 15 से 30 मई के बीच समिट की खबरें दुनिया भर में आती हैं.
Diese Geschichte stammt aus der June 14, 2023-Ausgabe von India Today Hindi.
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