लगता है कि कोविड-19 अभी तक अतीत की बुरी याद मात्र नहीं बन सका है. 10 जनवरी को भारत में एक्सबीबी 1.5 सब-वैरिएंट, जिसे क्वैकन वैरिएंट का उपनाम दिया गया, के एक नए मामले की सूचना मिली और इस तरह भारत में कुल आठ मामले हो गए. यह नया स्टेम ऑमिक्रॉन के दो वैरिएंट- बीए. डब्ल्यू. 10.1 और बीए. 2.75 के उत्परिवर्तन का संयोजन है और अमेरिका में कोविड के नए मामलों में उछाल का कारण है. इस बीच, भारत ने बीएफ.7 ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट के कई मामले भी दर्ज किए हैं, जिनमें से कई विदेशों से आने वाले कोविड पॉजिटिव यात्रियों के नमूनों में पाए गए हैं. चीन की मौजूदा कोविड लहर के लिए यही वैरिएंट जिम्मेदार है. हालांकि, इन दो नए सब-वैरिएंट, जो अन्य देशों में संक्रमण और मृत्यु दोनों में वृद्धि का कारण बने हैं, के आने के बावजूद भारत फिलहाल बेहतर और सामान्य स्थिति में है. 9 जनवरी को 121 नए मामले सामने आए और वायरस के कारण केवल एक मौत हुई. 9 जनवरी को केस लोड एक दिन पहले (8 जनवरी) से कम था जब 170 नए मामले सामने आए थे. भारत में वर्तमान में 2,500 से कम कोविड के सक्रिय मामले हैं.
निश्चित रूप से कोविड के कम मामले इसलिए भी हो सकते हैं क्योंकि लोग जांच नहीं करवा रहे हैं, या फिर कोविड के लक्षण नहीं उभर रहे हैं. देश का व्यापक टीकाकरण कार्यक्रम, जिसके तहत भारत की लगभग सभी वयस्क आबादी का टीकाकरण किया गया है, भी एक कारण है. इससे हम दुनिया के बाकी हिस्सों से बेहतर स्थिति में हैं. टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआइ) के प्रमुख डॉ. एन.के. अरोड़ा कहते हैं, "कोविड के खिलाफ हमारी सबसे प्रमुख और कारगर रक्षा प्रणाली टीका है. टीके हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को तेज करके हमें गंभीर संक्रमण से बचाते हैं."
नेचर मेडिसिन जर्नल के जनवरी 2023 संस्करण में प्रकाशित सर्वे में पाया गया कि 98 फीसद भारतीय कोविड टीकों को स्वीकार कर रहे हैं, जो दुनियाभर के औसत 79 फीसद से काफी अधिक है.
Diese Geschichte stammt aus der February 01, 2023-Ausgabe von India Today Hindi.
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