1 सम्मेलन विकसित देशों को बाध्य कर सका कि वे विकासशील देशों में जलवायु आपदाओं के लिए भुगतान करने के लिए सहमत हों. इस बात को विकसित देश पिछले तीन दशकों से अस्वीकार कर रहे थे. धनी देश हानि एवं क्षति (एल-ऐंड-डी) पर किसी भी समझौते को हमेशा अटकाते रहे हैं क्योंकि इससे वे जलवायु संकट में उनके ऐतिहासिक योगदान के लिए उत्तरदायी बनते हैं. इन देशों ने शर्म अल-शेख में भी ऐसा ही किया. अंततः, विकासशील देशों के जबरदस्त दबाव में वे एल-ऐंड-डी के लिए कई शर्तों के साथ एक नई फंडिग व्यवस्था बनाने पर सहमत हुए. इन शर्तों में, उदाहरण के लिए, यह भी शामिल है कि यह फंड केवल जलवायु परिवर्तन के लिए सबसे कमजोर देशों (जिसमें भारत शामिल नहीं हो सकता) को ही सहयोग देगा और इसमें योगदान न केवल विकसित देशों का होगा, बल्कि विविध स्रोत होंगे जिसमें उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं और दक्षिणी गोलार्ध के धनी देश शामिल हो सकते हैं. फिर भी, एल-ऐंड-डी समझौते के साथ, अंतरराष्ट्रीय जलवायु सहयोग का ढांचा पूरा हो गया है- आपदा को टालने के लिए उपाय, क्षति कम करने के लिए अनुकूलन और नुक्सानों की भरपाई के लिए एल-ऐंड-डी. तीनों में से, उपायों का रास्ता चुनना सबसे सस्ता और एल-ऐंड-डी के लिए भुगतान करना सबसे महंगा है. इससे बड़े प्रदूषणकर्ता बाढ़, सूखे और चक्रवातों के लिए अरबों के भुगतान का उत्तरदायी बनने के बजाए उत्सर्जन में कटौती करने के लिए प्रेरित होंगे.
Diese Geschichte stammt aus der December 07, 2022-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der December 07, 2022-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
आम चलन को चैलेंज
हॉलीवुड सेलिब्रिटीज के पसंदीदा डिजाइनर बने गौरव गुप्ता इन दिनों मेट गाला 2024 के लिए ऐक्ट्रेस मिंडी केलिंग की ड्रेस की वजह से चर्चा में
मुंबई पर कब्जे का महासंग्राम
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति और उसकी विरोधी एमवीए में वर्चस्व की लड़ाई के बीच भारत की वित्तीय राजधानी ऊंचे दांव वाली चुनावी जंग के लिए तैयार
सियासी समर में सहानुभूति के भरोसे सोरेन
भाजपा हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को वैसे तो कांग्रेस-झामुमो - राजद के भ्रष्टाचार का उदाहरण बता रही है. मगर यह दांव पूर्व मुख्यमंत्री के प्रति सहानुभूति से कहीं भगवा पार्टी पर उलटा तो नहीं पड़ जाएगा?
गन्नालैंड के कसैले सवाल
छठे चरण की आठों लोकसभा सीटों के इलाके में किसानों की आजीविका का बड़ा जरिया गन्ने की खेती. कभी 17 चीनी मिलों के मुकाबले अब यहां आठ ही बचीं. बंद मिलें और किसान-मजदूरों की बदहाली बड़े सवाल. नेताओं को मजबूरन इन पर करनी पड़ रही बात
बिसात पर हाथी की घोड़ा चाल
जौनपुर, बस्ती समेत कई लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी बदलने, भतीजे आकाश आनंद पर कार्रवाई करने से बसपा सुप्रीमो मायावती पर भाजपा को मदद पहुंचाने के आरोप
किधर जाएंगे मुसलमान
इस समुदाय के वोट हमेशा बंटते आए हैं लेकिन 2024 के आम चुनाव में वे गोलबंद होते दिख रहे. इससे 86 सीटों के नतीजों पर असर पड़ने की संभावना YUNG
"मैं जान देकर भी संविधान की रक्षा करूंगा"
देश में चुनाव पूरे उफान पर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने व्यस्त प्रचार अभियान के बीच इंडिया टुडे ग्रुप के टीवी न्यूज ऐंकरों राहुल कंवल, सुधीर चौधरी, अंजना ओम कश्यप और श्वेता सिंह से बातचीत की. प्रधानमंत्री ने राजधानी दिल्ली में 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर अपने लिए तय चुनौतियों, दुनिया में देश के कद, आरोपों सहित अनेक मुद्दों पर बेबाक जवाब दिए. संपादित अंशः विपक्ष के
तो गरीब बच्चे नहीं पढ पाएंगे अंग्रेजीं?
राजस्थान की भजनलाल शमी सरकार पिछली सरकार के कार्यकाल महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की समीक्षा करा रही. विपक्ष इसे इन स्कूलों को बंद करने की साजिश बता रहा
फूलों की ताकत
पश्चिम बंगाल में तीखा वार-पलटवार पन होना आम है.
अमेरिका वाला सपना
यह बात किसी से छिपी नहीं है कि विदेशों की खूबसूरत धरती आम पंजाबियों को खूब लुभाती है और कई तो बस वहां जाने के सपने देखते हैं.