नरेंद्र मोदी न केवल भारत के सियासी फलक पर बल्कि दुनिया में भी विरली राजनैतिक परिघटना हैं, यह लगातार ज्यादा से ज्यादा जाहिर होता जा रहा है. भारतीय प्रधानमंत्री की निरंतर लोकप्रियता को आप भला और कैसे समझा सकते हैं, वह भी तब जब लोकतांत्रिक दुनिया के दूसरे नेताओं, चाहे वह अमेरिका के जो बाइडन हों, फ्रांस के एमानुएल मैक्रां, जर्मनी के ओलफ शोल्ज, कनाडा के जस्टिन ट्रूडो या जापान के फूमियो किशिदा की स्वीकृति रेटिंग में गिरावट आई है.
यह इसके बावजूद है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर महामारी से पहले के स्तर पर नहीं लौटी है और अब भी जारी कोविड- 19 की महामारी, यूक्रेन पर रूस के आक्रमण और अब ताइवान के मुद्दे पर चीन और अमेरिका के बीच घुमड़ते टकराव की वजह से खरामा-खरामा दस्तक देती आर्थिक मंदी को लेकर दुनिया भर में अनिश्चितता और चिंता बढ़ी है. अमेरिका स्थित डेटा इंटेलिजेंस कंपनी मॉर्निंग कंसल्ट पोलिटिकल इंटेलिजेंस के 4 अगस्त को जारी 22 लोकतांत्रिक देशों के वैश्विक सर्वे में मोदी की स्वीकृति रेटिंग 75 फीसद बताई गई, जो उन पांच नेताओं से भी काफी अधिक थी जिनकी रेटिंग में बढ़ोतरी देखी गई, जबकि सर्वे में शामिल बाकी नेताओं की लोकप्रियता खासी गिरी है (मसलन, बाइडन की रेटिंग गिरकर 38 फीसद पर आ गई ).
Diese Geschichte stammt aus der August 24, 2022-Ausgabe von India Today Hindi.
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