अमरूद विटामिन ए का एक बहुत अच्छा स्रोत है, इसलिए आंखों के लिए भी फायदेमंद है. यह शरीर को स्वस्थ रखने में भी सहायक है और रक्तचाप को भी कम करता है. साथ ही खून की तरलता को बनाए रखता है. यह विटामिन सी की कमी के कारण होने वाले रोग स्कर्वी के इलाज के लिए भी सब से अच्छा उपाय माना जाता है. अमरूद खनिज, लवण, विटामिन और आहार फाइबर का यह एक अच्छा स्रोत है, जो वजन घटाने के लिए भी अच्छा माना जाता है. इसलिए अमरूद खाने से हम कई तरह के रोगों से बचे रह सकते हैं.
अमरूद का फल विटामिन बी कांलैक्स जैसे पैंटोथैनिक एसिड, विटामिन बी सिक्स या पाइडौक सीन, विटामिन ई, नियासिन के साथसाथ मैग्नीशियम, कौपर और मैगनीज जैसे खनिजों का भी एक मध्यम स्रोत है.
अमरूद से निम्नलिखित खाद्य पदार्थ बनाए जा सकते हैं:
अमरूद की जैली
अमरूद की जैली बनाने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है :
सामग्री : मात्रा
अमरूद :1 किलोग्राम
चीनी : 750 गाम
साइट्रिक एसिड : 4 ग्राम
जैली बनाने की विधि
• ताजे पके फल को ले कर पानी से साफ कर लें और गोलाई में पतलेपतले काट लें.
• कटे हुए अमरूद के टुकड़ों को एलुमीनियम के बरतन में डाल कर उस में इतना पानी डालें कि टुकड़े अच्छी तरह डूब जाएं.
• गैस पर रखें और इस में 2 ग्राम साइट्रिक एसिड मिला दें.
• अब टुकड़े मुलायम होने पर मलमल के कपड़े से छान कर किसी बरतन में रस निकाल लें.
•उस रस में चीनी मिला कर गरम करें और उबाल आने पर बाकी 2 ग्राम साइट्रिक एसिड मिला दें.
Diese Geschichte stammt aus der August First 2022-Ausgabe von Farm and Food.
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मिट्टी जांच से मिले पोषक तत्त्वों की जानकारी
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कृषि वानिकी में लगाए सहजन
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सब से दयनीय मजदूर भारत को किसान
चुनावी व्यस्तताओं के बीच अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस आया और चला भी गया. पूरे साल यह देश कोई न कोई राष्ट्रीय अथवा अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाता रहता है. बाल दिवस, वृद्ध दिवस, महिला दिवस, किसान दिवस, पर्यावरण दिवस वगैरह. अब तो हालात ये हैं कि साल के दिन भी कम पड़ गए हैं. एक ही तारीख में कई अलगअलग राष्ट्रीय अथवा अंतर्राष्ट्रीय दिवस पड़ रहे हैं, किसे मनाएं और किसे छोड़ें? पर क्या सचमुच हमारे देश की सरकारें और हम स्वयं इन तमाम गंभीर सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरण संबंधी मुद्दों के प्रति गंभीर हैं?
कृषि मशीनरी को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण
2 मई, 2024. महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा लघु एवं सीमांत किसान परिवारों में कृषि मशीनरी को बढ़ावा देने व कृषि में श्रम साध्य साधनों के उपयोग पर एकदिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र, चित्तौड़गढ़ पर किया गया.
जई की नई किस्म से बढ़ेगा पशुओं का दूध
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के चारा अनुभाग ने जई की नई उन्नत किस्म एचएफओ 906 विकसित की है. देश के उत्तरपश्चिमी राज्यों के किसानों व पशुपालकों को जई की इस किस्म से बहुत लाभ होगा.
कलमी या करमुआ साग की करें उन्नत खेती
पोषक गुणों से भरपूर प्रचलित सागसब्जियों के अलावा कुछ ऐसी भी सब्जियां हैं, जो आमतौर पर मिट्टी और पानी दोनों जगहों पर बहुत कम लागत और मेहनत में उगाई जा सकती हैं. हालांकि ऐसी सागसब्जियों का बहुत ज्यादा व्यावसायिक उत्पादन नहीं किया जा रहा है, ऐसे में अगर किसान कम चलन वाली पोषक गुणों से भरपूर इन सब्जियों की खेती करे, तो अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
मुनाफा दिलाए कुंदरू की खेती
कुंदरू की सब्जी को सेहत के लिहाज से काफी फायदेमंद माना जाता है. कुंदरू में कई तरह के पोषक तत्त्व पाए जाते हैं. इसे अन्य सब्जियों की तुलना में विटामिन और मिनरल का काफी अच्छा स्त्रोत माना जाता है. कुंदरू की 100 ग्राम की मात्रा में विटामिन बी-2 (राइबोफ्लेविन) 0/08 मिलीग्राम, 1.6 ग्राम फाइबर, 1.4 मिलीग्राम आयरन, 40 मिलीग्राम कैल्शियम और 0.07 मिलीग्राम विटामिन बी 1 (थियामिन) पाया जाता है.
आम की बेहतर कीमत दिलाए अच्छी पैकेजिंग
आम के फलों को अगर अच्छे बाजार मूल्य पर बेचना चाहते हैं, तो इस के लिए जरूरी है कि आम के फल देखने में दागधब्बे रहित हों और दिखने में सुंदर भी हों. साथ ही, उन का साइज भी औसत में एकजैसा होना जरूरी है. इस के लिए जितना जरूरी आम के बागों की समय से सिंचाई, गुड़ाई, जुताई और कीट व बीमारियों का प्रबंधन होता है, उतना ही जरूरी हो जाता है कि फलों की बढ़वार की नियमित निगरानी और उस का बैगिंग किया जाना.
मिट्टी में उपजाऊपन बढ़ाए हरी खाद
आज के समय में किसान या उपज लेने के लिए कैमिकल खादों का जम कर इस्तेमाल करते हैं. इस वजह से मिट्टी की पैदावार कूवत पर उलटा असर पड़ता है, इसलिए मिट्टी के इन गुणों को सुधारने के लिए हरी खाद का इस्तेमाल समय की पुकार है. किसान अपने खेत में हरी खाद का इस्तेमाल कर के मिट्टी की पैदावार कूवत बढ़ाने के साथ-साथ ज्यादा उपज ले सकेंगे.