अस्थमा श्वसन तंत्र का एक विकार है, जिसमें रोगियों को सांस फूलने, खांसी के साथ या बिना बलगम | सीने में जकड़न और घरघराहट के लक्षण होते हैं । इस रोग में वायुमार्ग संकीर्ण हो जाता है, फूल जाता है और एक्स्ट्रा म्यूकस बनने लगता है, जिससे सांस का अंदर जाना और फेफड़ों से बाहर आना मुश्किल हो जाता है। अस्थमा होने पर आमतौर पर सांस छोड़ते समय सीटी जैसी आवाज निकलती है। कई रोगियों में अस्थमा के लक्षण बहुत गंभीर नहीं होते, जबकि कइयों के लिए यह इतनी मुश्किलें खड़ी कर देता है कि उनका रोजमर्रा का काम प्रभावित होने लगता है। आंकड़ों पर जाएं, तो भारत में हर साल अस्थमा के 10 मिलियन से भी अधिक मामले सामने आते हैं।
अस्थमा आमतौर पर बचपन से प्रकट होता है और कभी-कभी फूड एलर्जी से भी यह हो सकता है। हालांकि, कई मामलों में अस्थमा बड़ी उम्र में भी हो सकता है और अकसर धूम्रपान, धुएं, वायु प्रदूषण की दवाओं और यहां तक कि मोटापे जैसे कारणों से ट्रिगर होता है। बड़ी उम्र में अगर अस्थमा के लक्षण दिखते हैं, तो मरीज के बचपन की हिस्ट्री देखी जाती है, ताकि रोग का सही निदान किया जा सके।
रोगी के जीवन को परेशानी में डालनेवाले इस रोग के बारे में हमने बात की पल्मोनरी व क्रिटिकल केअर मेडिसिन विभाग, वीएमएमसी और सफदरजंग अस्पताल, नयी दिल्ली के कंसल्टेंट डॉ. प्रवीण ईष और इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, नयी दिल्ली के सीनियर पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. निखिल मोदी से। आइए जानते हैं दमा यानी अस्थमा से जुड़ी कुछ खास बातें-
अस्थमा के लक्षण क्या होते हैं?
दमा के लक्षण अलग-अलग रोगियों में अलग-अलग हो सकते हैं। आमतौर पर दम फूलना यानी सांसों की गति का बढ़ जाना, सीने में जकड़न और दर्द, सांस छोड़ते समय घरघराहट की आवाज खासकर बच्चों में यह देखा जाता है। मरीज सांस लेने में तकलीफ होने, खांसने की वजह से रात में सो नहीं पाता है। कफ और घरघराहट की परेशानी सामान्य कोल्ड या फ्लू होने पर और बढ़ जाती है।
कुछ रोगियों में कुछ खास स्थितियों में दमा का लक्षण बढ़ जाता है, जैसे कमरे की हवा बहुत ठंडी और ड्राई हो । केमिकल प्लांट्स या धूल-मिट्टीवाली जगहों में काम करनेवाले लोगों में भी अस्थमा के लक्षण बढ़ सकते हैं।
अस्थमा अटैक कैसे होता है?
Diese Geschichte stammt aus der May 2023-Ausgabe von Vanitha Hindi.
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