विनोद उपाध्याय एक थप्पड़ ने बनाया गैंगस्टर
Satyakatha|March 2024
एक साधारण से युवक विनोद उपाध्याय के गाल पर एक कुख्यात गैंगस्टर ने ऐसा थप्पड़ जड़ा था कि विनोद खुद अपराध के रास्ते पर उतर आया. बाद में विनोद का आम लोगों में ही नहीं, स्थानीय पुलिस में भी खौफ रहने लगा. विनोद को थप्पड़ मारने वाला वह गैंगस्टर कौन था और उस ने ऐसा क्यों किया?
शैलेंद्र कुमार 'शैल'
विनोद उपाध्याय एक थप्पड़ ने बनाया गैंगस्टर

मुखबिर के जरिए एसटीएफ को पक्की सूचना मिली थी कि विनोद सुलतानपुर के रास्ते प्रयागराज भागने की कोशिश में है. सूचना मिलते ही डीएसपी सिंह भी सुलतानपुर पहुंच चुके थे और टीम के साथ उसे हनुमानगंज गोपालपुरवा इलाके में घेर लिया.

खुद को पुलिस टीम से घिरा देख माफिया विनोद पसीनापसीना हो गया और किसी कीमत पर पुलिस के हाथों चढ़ना नहीं चाहता था. उस ने पुलिस के ऊपर स्टेनगन से फायर झोंक दिया. इंसपेक्टर हेमंत सिंह और हैडकांस्टेबल शशिकांत बालबाल बचे. एसटीएफ ने भी अपनी सुरक्षा में जबावी काररवाई शुरू कर दी.

गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका थर्रा उठा था जैसे दीपावली की आतिशबाजी हो रही हो. गोलियों की आवाज सुन कर गांव वालों की नींद टूट गई थी. वे यह नहीं समझ पा रहे थे कि रात के समय कौन आतिशबाजी कर रहा है.

इधर जब दूसरी ओर से फायरिंग होनी बंद हुई, तब एसटीएफ सावधानी बरतते हुए दबे पांव मिट्टी के टीले के पीछे पहुंची तो देखा हाथ में स्टेनगन लिए माफिया विनोद लुढ़का पड़ा था. पुलिस विनोद के पास पहुंची तो देखा कि गोलियों से उस का जिस्म छलनी हो चुका था, लेकिन अभी भी उस की हलकीहलकी सांसें चल रही थीं.

एसटीएफ ने तुरंत सरकारी एंबुलेंस को फोन कर मौके पर बुलाया और उसे सरकारी अस्पताल ले गए, जहां डाक्टरों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया था.

त्तर प्रदेश के गोरखपुर का रहने वाला माफिया विनोद कुमार उपाध्याय पिछले 17 सालों से आतंक का पर्याय बना हुआ था. वह बहुजन समाज पार्टी के बैनर तले विधायक का चुनाव भी लड़ चुका था. राज्य के टौप टेन अपराधियों में शुमार था, जिस की गोरखनाथ थाने में हिस्ट्रीशीट नंबर-1बी दर्ज थी.

इस पर गोरखपुर के एडीजी (जोन) डा. के. एस. प्रताप कुमार ने एक लाख रुपए का इनाम रखा था. यह इनाम गोरखपुर के गुलरिहा थाने में दर्ज एक गंभीर मामले में वांछित होने पर रखा गया था और पिछले 8 महीने से पुलिस को विनोद उपाध्याय की तलाश जारी थी.

Diese Geschichte stammt aus der March 2024-Ausgabe von Satyakatha.

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